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भरतपुर-धौलपुर के जाटों को केंद्र में आरक्षण नहीं दिया, तो चुनाव में भाजपा को भुगतना पड़ेगा परिणाम- पंडित रामकिशन - भरतपुर और धौलपुर जाट आरक्षण

केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे भरतपुर-धौलपुर के जाट समाज और सरकार के बीच कोई सहमति नहीं बन पाने की वजह से 9वें दिन भी महापड़ाव जारी रहा. दोनों जिलों के जाटों की मांगों को सही ठहराते हुए पूर्व सांसद पंडित रामकिशन ने कहा कि यदि जाटों को आरक्षण नहीं दिया तो लोकसभा चुनाव में भाजपा को इसका परिणाम भुगतना होगा.

जयचोली गांव में महापड़ाव
जयचोली गांव में महापड़ाव
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 25, 2024, 10:32 PM IST

चुनाव में भाजपा को भुगतना पड़ेगा परिणाम- पंडित रामकिशन

भरतपुर. केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे भरतपुर-धौलपुर के जाट समाज और सरकार के बीच कोई सहमति नहीं बन पाने की वजह से 9वें दिन भी महापड़ाव जारी रहा. गुरुवार को पूर्व सांसद पंडित रामकिशन भी आंदोलन स्थल पर पहुंचे. उन्होंने जाटों की मांगों को सही ठहराते हुए कहा कि अब प्रदेश और केंद्र में दोनों जगह बीजेपी सरकार है. यदि अब भी भरतपुर- धौलपुर के जाटों को केंद्र में आरक्षण नहीं मिला तो इसकी जिम्मेदार भाजपा होगी.

पूर्व सांसद पंडित रामकिशन ने कहा कि जब राजस्थान के अन्य जिलों के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण दे रखा है तो भरतपुर और धौलपुर के जाटों को अलग रखने का क्या कारण है. यदि राज की वजह से दोनों जिलों के जाटों को आरक्षण नहीं दिया जा रहा, तो बांसवाड़ा में भीलों का राज था, ढूंढाड़ में मीणाओं का राज था. जब उनको आरक्षण दिया जा सकता है तो दोनों जिलों के जाटों को क्यों नहीं. पंडित रामकिशन ने कहा कि राज के आधार पर जाटों को आरक्षण से वंचित किया जा रहा है तो यह सरकार की गलती है.

पढ़ें: नेम सिंह फौजदार बोले- जाट आरक्षण संघर्ष समिति को दिया धोखा, सीएम से नहीं हुई वार्ता, दी ये चेतावनी

सरकार को दी चेतावनी: पंडित रामकिशन ने कहा कि इस समय राजस्थान और केंद्र में दोनों जगह बीजेपी की सरकार है. यदि इस समय दोनों जिलों के जाटों को आरक्षण दिया जाता है तो इसका श्रेय भाजपा को मिलेगा. यदि आरक्षण नहीं दिया जाता है तो आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को इसका परिणाम भुगतना होगा. लोकसभा चुनाव में जब तक इनको हराएंगे नहीं तब तक इनकी आंख भी नहीं खुलेगी. उन्होंने बीजेपी पर निशाने साधते हुए कहा कि ये मुफ्त में जीत जाते हैं, कभी राम के नाम पर तो कभी धर्म के नाम पर. इसलिए उनको कोई बड़ा काम करने की जरूरत नहीं है. पंडित रामकिशन ने कहा कि वो प्रदेश के मुख्यमंत्री को दोनों जिलों के जाटों को आरक्षण दिलाने के लिए केंद्र को सिफारिश करने के लिए समझाऊंगा.

पढ़ें: विधानसभा में गूंजा भरतपुर-धौलपुर के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा

जाटों के आरक्षण को लेकर सरकार गंभीर नहीं: आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि प्रदेश की सरकार दोनों जिलों के जाटों के आरक्षण को लेकर गंभीर नहीं है. अगर गंभीर होते तो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा हमसे वार्ता करते और केंद्र सरकार को इस बारे में अवगत कराते. वहीं, जिला कलेक्टर ने संदेश भिजवाकर आरक्षण संघर्ष समिति के सदस्यों से शांति बनाने की अपील की है. बता दें कि केंद्र में ओबीसी आरक्षण मांग को लेकर भरतपुर और धौलपुर जिले के जाट समाज के लोग 17 जनवरी से जयचोली गांव में महापड़ाव डाले हुए हैं. जाट समाज की तीन सूत्री मांग हैं. इनमें दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण मिले. समाज 56 युवाओं को चयन के बावजूद अब तक शिक्षक, शारीरिक शिक्षक समेत अन्य पदों पर नियुक्ति नहीं मिली है, उन्हें नियुक्ति दी जाए. वर्ष 2017 के आंदोलन के दौरान समाज के युवाओं और लोगों के खिलाफ जो पुलिस में मामले दर्ज हुए उन्हें हटाया जाए.

चुनाव में भाजपा को भुगतना पड़ेगा परिणाम- पंडित रामकिशन

भरतपुर. केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे भरतपुर-धौलपुर के जाट समाज और सरकार के बीच कोई सहमति नहीं बन पाने की वजह से 9वें दिन भी महापड़ाव जारी रहा. गुरुवार को पूर्व सांसद पंडित रामकिशन भी आंदोलन स्थल पर पहुंचे. उन्होंने जाटों की मांगों को सही ठहराते हुए कहा कि अब प्रदेश और केंद्र में दोनों जगह बीजेपी सरकार है. यदि अब भी भरतपुर- धौलपुर के जाटों को केंद्र में आरक्षण नहीं मिला तो इसकी जिम्मेदार भाजपा होगी.

पूर्व सांसद पंडित रामकिशन ने कहा कि जब राजस्थान के अन्य जिलों के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण दे रखा है तो भरतपुर और धौलपुर के जाटों को अलग रखने का क्या कारण है. यदि राज की वजह से दोनों जिलों के जाटों को आरक्षण नहीं दिया जा रहा, तो बांसवाड़ा में भीलों का राज था, ढूंढाड़ में मीणाओं का राज था. जब उनको आरक्षण दिया जा सकता है तो दोनों जिलों के जाटों को क्यों नहीं. पंडित रामकिशन ने कहा कि राज के आधार पर जाटों को आरक्षण से वंचित किया जा रहा है तो यह सरकार की गलती है.

पढ़ें: नेम सिंह फौजदार बोले- जाट आरक्षण संघर्ष समिति को दिया धोखा, सीएम से नहीं हुई वार्ता, दी ये चेतावनी

सरकार को दी चेतावनी: पंडित रामकिशन ने कहा कि इस समय राजस्थान और केंद्र में दोनों जगह बीजेपी की सरकार है. यदि इस समय दोनों जिलों के जाटों को आरक्षण दिया जाता है तो इसका श्रेय भाजपा को मिलेगा. यदि आरक्षण नहीं दिया जाता है तो आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को इसका परिणाम भुगतना होगा. लोकसभा चुनाव में जब तक इनको हराएंगे नहीं तब तक इनकी आंख भी नहीं खुलेगी. उन्होंने बीजेपी पर निशाने साधते हुए कहा कि ये मुफ्त में जीत जाते हैं, कभी राम के नाम पर तो कभी धर्म के नाम पर. इसलिए उनको कोई बड़ा काम करने की जरूरत नहीं है. पंडित रामकिशन ने कहा कि वो प्रदेश के मुख्यमंत्री को दोनों जिलों के जाटों को आरक्षण दिलाने के लिए केंद्र को सिफारिश करने के लिए समझाऊंगा.

पढ़ें: विधानसभा में गूंजा भरतपुर-धौलपुर के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा

जाटों के आरक्षण को लेकर सरकार गंभीर नहीं: आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि प्रदेश की सरकार दोनों जिलों के जाटों के आरक्षण को लेकर गंभीर नहीं है. अगर गंभीर होते तो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा हमसे वार्ता करते और केंद्र सरकार को इस बारे में अवगत कराते. वहीं, जिला कलेक्टर ने संदेश भिजवाकर आरक्षण संघर्ष समिति के सदस्यों से शांति बनाने की अपील की है. बता दें कि केंद्र में ओबीसी आरक्षण मांग को लेकर भरतपुर और धौलपुर जिले के जाट समाज के लोग 17 जनवरी से जयचोली गांव में महापड़ाव डाले हुए हैं. जाट समाज की तीन सूत्री मांग हैं. इनमें दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण मिले. समाज 56 युवाओं को चयन के बावजूद अब तक शिक्षक, शारीरिक शिक्षक समेत अन्य पदों पर नियुक्ति नहीं मिली है, उन्हें नियुक्ति दी जाए. वर्ष 2017 के आंदोलन के दौरान समाज के युवाओं और लोगों के खिलाफ जो पुलिस में मामले दर्ज हुए उन्हें हटाया जाए.

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