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सुल्तानपुर में पूर्व MLA चन्द्रभद्र सिंह ने किया सरेंडर, भेजे गए जेल; क्या है मेनका गांधी की हार का कनेक्शन? - MLA Chandrabhadra Singh surrendered - MLA CHANDRABHADRA SINGH SURRENDERED

सुल्तानपुर जिले में पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह व एक अन्य ने सोमवार को एक मामले में सोमवार (MLA CHANDRABHADRA SINGH SURRENDERED) को एमपी/एमएलए कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. जिसके बाद दोनों को अमहट जेल भेजा गया है.

सुल्तानपुर में पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह ने किया सरेंडर
सुल्तानपुर में पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह ने किया सरेंडर (फोटो क्रेडिट : Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 10, 2024, 5:29 PM IST

Updated : Jun 10, 2024, 6:30 PM IST

जानकारी देते अधिवक्ता मदन सिंह (वीडियो क्रेडिट : ETV bharat)

सुल्तानपुर : पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह व एक अन्य ने सोमवार को मारपीट व दीवार ढहाए जाने के मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया. जिसके बाद दोनों को अमहट जेल भेजा गया. 4 जून को इसी मामले में उनका एक साथी जेल जा चुका है. बता दें कि बाहुबली बंधु पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह सोनू और यशभद्र सिंह मोनू ने लोकसभा चुनाव के वक्त समाजवादी पार्टी का दामन थामा था और मेनका गांधी को कड़ी चुनौती में हार का सामना करना पड़ा. बहरहाल माना जा रहा है कि चुनाव बाद इस कार्रवाई से जिले का राजनीतिक परिदृश्य बदल सकता है.

इस पूरे मामले में विशेष लोक अभियोजक वैभव पाण्डेय ने बताया कि घटना की एफआईआर बनारसी लाल कसौंधन निवासी ग्राम मायंग ने लिखाई थी. उनके अनुसार, घटना 25 फरवरी 21 को सुबह 8 बजे की है. आरोप था कि उनके गांव के पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू, उनके भाई यशभद्र सिंह मोनू, सिंटू जेसीबी लेकर घर में घुस गए. असलहे दिखाकर उन्हें व बेटे अनिल को मारा पीटा. जब उनके बेटे व भतीजे डर के मारे भग गए तो इन लोगों ने उनके मकान की दीवार व गेट जेसीबी व हाथ से गिरा दिया था. विवेचना में मोनू की नामजदगी गलत पाई गई, जबकि सोनू, सिंटू व जेसीबी चालक अमेठी निवासी रुक्सार पर मुकदमा चला. अभियोजन के 9 गवाह परीक्षित हुए थे. जिनके आधार पर तीनों को तत्कालीन मजिस्ट्रेट योगेश यादव ने 6 जुलाई 2023 को डेढ़ वर्ष की सजा सुनाने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया था.

उस आदेश के विरुद्ध यह अपील दायर की गई थी, जो निरस्त हुई और सजा बहाल हुई तो उनके अधिवक्ता रूद्र प्रताप सिंह मदन ने समर्पण के लिए अवसर मांगा. जिसे विशेष जज एकता वर्मा ने निरस्त कर गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू व सूर्य प्रकाश ने सोमवार को एमपी/एमएलए मजिस्ट्रेट के न्यायालय में समर्पण कर दिया. उन्हें विशेष मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा ने जेल भेज दिया. अब उनके रिवीजन की सुनवाई उच्च न्यायालय में होगी.

बसपा के टिकट पर लड़ा 2019 का लोकसभा चुनाव: सोनू सिंह ने 2019 में सुल्तानपुर लोकसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन वह भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी से हर गए थे. इसके करीब छह माह बाद ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोनू सिंह और उनके भाई मोनू सिंह को पार्टी से निकाल दिया था। 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान सोनू सिंह ने सपा ज्वाइन कर ली. इस बार छठे चरण में सुल्तानपुर में 25 मई को मतदान हुआ और मेनका गांधी को सपा उम्मीदवार राम भुआल निषाद ने हराया। यह माना जा रहा था कि सोनू सिंह के शामिल होने से सपा प्रत्याशी को मदद मिलेगी। दरअसल, सोनू सिंह के खिलाफ 1995 से 2022 तक सुल्तानपुर में 30 मुकदमे दर्ज हुए थे।

पिछले साल हुई थी सजा: एमपी-एमएलए कोर्ट ने वर्ष 2023 की 6 जुलाई को पूर्व विधायक सोनू और उनके समर्थक सूर्य प्रकाश सिंह अंशू निवासी मायंग व अमेठी के कमरौली क्षेत्र निवासी रुकसार अहमद को मारपीट तथा दीवार ढहाने के मामले में सजा सुनाई थी। सभी दोषियों को डेढ़-डेढ़ वर्ष का कारावास और कुल 23100 का आर्थिक जुर्माना लगाया था। चन्द्र भद्र सिंह सोनू सपा के टिकट पर सुल्तानपुर की इसौली विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं. क्षेत्र में उन्हें बाहुबली नेता के तौर पर जाना जाता है. उनके पिता इन्द्र भद्र सिंह भी विधायक थे।


यह भी पढ़ें ; आजम खान को एक और राहत: डूंगरपुर बस्ती में तोड़फोड़-लूटपाट के तीसरे मामले में बरी हुए सपा नेता - Azam Khan Dungarpur Case

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जानकारी देते अधिवक्ता मदन सिंह (वीडियो क्रेडिट : ETV bharat)

सुल्तानपुर : पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह व एक अन्य ने सोमवार को मारपीट व दीवार ढहाए जाने के मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया. जिसके बाद दोनों को अमहट जेल भेजा गया. 4 जून को इसी मामले में उनका एक साथी जेल जा चुका है. बता दें कि बाहुबली बंधु पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह सोनू और यशभद्र सिंह मोनू ने लोकसभा चुनाव के वक्त समाजवादी पार्टी का दामन थामा था और मेनका गांधी को कड़ी चुनौती में हार का सामना करना पड़ा. बहरहाल माना जा रहा है कि चुनाव बाद इस कार्रवाई से जिले का राजनीतिक परिदृश्य बदल सकता है.

इस पूरे मामले में विशेष लोक अभियोजक वैभव पाण्डेय ने बताया कि घटना की एफआईआर बनारसी लाल कसौंधन निवासी ग्राम मायंग ने लिखाई थी. उनके अनुसार, घटना 25 फरवरी 21 को सुबह 8 बजे की है. आरोप था कि उनके गांव के पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू, उनके भाई यशभद्र सिंह मोनू, सिंटू जेसीबी लेकर घर में घुस गए. असलहे दिखाकर उन्हें व बेटे अनिल को मारा पीटा. जब उनके बेटे व भतीजे डर के मारे भग गए तो इन लोगों ने उनके मकान की दीवार व गेट जेसीबी व हाथ से गिरा दिया था. विवेचना में मोनू की नामजदगी गलत पाई गई, जबकि सोनू, सिंटू व जेसीबी चालक अमेठी निवासी रुक्सार पर मुकदमा चला. अभियोजन के 9 गवाह परीक्षित हुए थे. जिनके आधार पर तीनों को तत्कालीन मजिस्ट्रेट योगेश यादव ने 6 जुलाई 2023 को डेढ़ वर्ष की सजा सुनाने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया था.

उस आदेश के विरुद्ध यह अपील दायर की गई थी, जो निरस्त हुई और सजा बहाल हुई तो उनके अधिवक्ता रूद्र प्रताप सिंह मदन ने समर्पण के लिए अवसर मांगा. जिसे विशेष जज एकता वर्मा ने निरस्त कर गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू व सूर्य प्रकाश ने सोमवार को एमपी/एमएलए मजिस्ट्रेट के न्यायालय में समर्पण कर दिया. उन्हें विशेष मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा ने जेल भेज दिया. अब उनके रिवीजन की सुनवाई उच्च न्यायालय में होगी.

बसपा के टिकट पर लड़ा 2019 का लोकसभा चुनाव: सोनू सिंह ने 2019 में सुल्तानपुर लोकसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन वह भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी से हर गए थे. इसके करीब छह माह बाद ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोनू सिंह और उनके भाई मोनू सिंह को पार्टी से निकाल दिया था। 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान सोनू सिंह ने सपा ज्वाइन कर ली. इस बार छठे चरण में सुल्तानपुर में 25 मई को मतदान हुआ और मेनका गांधी को सपा उम्मीदवार राम भुआल निषाद ने हराया। यह माना जा रहा था कि सोनू सिंह के शामिल होने से सपा प्रत्याशी को मदद मिलेगी। दरअसल, सोनू सिंह के खिलाफ 1995 से 2022 तक सुल्तानपुर में 30 मुकदमे दर्ज हुए थे।

पिछले साल हुई थी सजा: एमपी-एमएलए कोर्ट ने वर्ष 2023 की 6 जुलाई को पूर्व विधायक सोनू और उनके समर्थक सूर्य प्रकाश सिंह अंशू निवासी मायंग व अमेठी के कमरौली क्षेत्र निवासी रुकसार अहमद को मारपीट तथा दीवार ढहाने के मामले में सजा सुनाई थी। सभी दोषियों को डेढ़-डेढ़ वर्ष का कारावास और कुल 23100 का आर्थिक जुर्माना लगाया था। चन्द्र भद्र सिंह सोनू सपा के टिकट पर सुल्तानपुर की इसौली विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं. क्षेत्र में उन्हें बाहुबली नेता के तौर पर जाना जाता है. उनके पिता इन्द्र भद्र सिंह भी विधायक थे।


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Last Updated : Jun 10, 2024, 6:30 PM IST
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