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मुद्दों पर नहीं धर्म के नाम पर लोगों को बांटकर चुनाव जीतना चाहती है भाजपा- खाचरियावास

लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. इसी क्रम में कोटा-बूंदी लोकसभा सीट के कांग्रेस पर्यवेक्षक पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास बूंदी पहुंचे. यहां उन्होंने कहा कि भाजपा धर्म के नाम पर जीतना चाहती है.

पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास
पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 5, 2024, 6:59 PM IST

Updated : Feb 5, 2024, 7:15 PM IST

भाजपा पर आरोप

बूंदी. आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में कुछ ही महीने शेष हैं. राजस्थान में लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा अपनी-अपनी तैयारी में जुट गई है. कांग्रेस पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव को पूरी तैयारी के साथ लड़ना चाहती है. इसके लिए राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से पर्यवेक्षक और प्रभारी लोकसभा क्षेत्र में भेजे जा रहे हैं, जो क्षेत्र में उम्मीदवारों के चयन को लेकर पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं से रायशुमारी कर रहे हैं. सोमवार को कोटा-बूंदी लोकसभा सीट के कांग्रेस पर्यवेक्षक पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, विधायक मुरारीलाल मीणा बूंदी पहुंचे.

लोगों को धर्म के नाम पर बांटती है भाजपा : अपने संबोधन में पर्यवेक्षक खाचरियावास ने कहा कि भाजपा मुद्दों पर नहीं बल्कि लोगों को धर्म के नाम पर बांटकर चुनाव जीतती आई है. इस बार भी भाजपा इसी आधार पर चुनाव जीतना चाहती है. इनके पास कोई विजन नहीं है, न हीं कोई योजना है. केवल धार्मिक मुद्दे ढूंढकर चुनाव जीतने का काम कर रही है. उन्होंने लोकसभा चुनाव में सबसे एक साथ संगठित होकर मजबूती के साथ चुनाव लड़ने की बात कही.

पढ़ें. अजमेर से डोनेट फॉर न्याय अभियान की लॉचिंग, अभिमन्यु पूनिया बोले- यूथ कांग्रेस ही कांग्रेस की रीढ़ की हड्डी

यह नाम हैं चर्चा में : कांग्रेस की ओर से कोटा बूंदी लोकसभा सीट से प्रत्याशियों की दौड़ में पूर्व मंत्री शांति धारीवाल, पूर्व मंत्री अशोक चांदना, पूर्व सांसद रामनारायण मीणा, पूर्व मंत्री भरत सिंह, पूर्व विधायक ममता शर्मा, पीपल्दा विधायक चेतन पटेल, समृद्ध शर्मा, आमीन पठान, जोधराज मीणा का नाम चर्चा में है. इन सभी नामों में कांग्रेस के सबसे मजबूत उम्मीदवार अशोक चांदना हो सकते हैं. कार्यकर्ताओं की लम्बी फौज, चुनावी मैनेजमेंट और आर्थिक रूप से मजबूती के दम पर पूर्व मंत्री और हिण्डोली विधायक अशोक चांदना इस सीट जीत का दांव खेल सकते हैं. कोटा बूंदी संसदीय क्षेत्र में गुर्जर और मीना मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं. वहीं, मुस्लिम, एससी और एसटी मतदाताओं का क्षेत्र में हार जीत में बड़ा योगदान रहता है.

इन कारणों के चलते चांदना ने जताई असमर्थता : बैठक में कांग्रेस पदाधिकारी और पर्यवेक्षकों ने उपस्थित पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से सुझाव मांगे. सभी ने एक स्वर में हिण्डोली विधायक अशोक चांदना को कोटा बूंदी लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाने की मांग की, लेकिन चांदना ने इसे अस्वीकार करते हुए पारिवारिक कारणों के चलते चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई. इसके बाद सभी ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस आलाकमान की ओर से घोषित प्रत्याशी को सहयोग से जीताकर लाने की बात कही. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारियों ने पर्यवेक्षकों के सामने जातीय आाधर पर प्रत्याशी नहीं बनाने की भी मांग की.

पढ़ें. लोकसभा चुनाव में 'मिशन 25' के लिए भाजपा का मास्टर प्लान, इन तीन अभियानों में जुटे पार्टी कार्यकर्ता

16 लोकसभा चुनावों में 4 बार जीती कांग्रेस : भाजपा का गढ़ माने जाने वाले कोटा बूंदी संसदीय क्षेत्र में आजादी के बाद हुए 16 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस महज 4 बार ही इस सीट पर जीत दर्ज कर पाई है, जबकि 6 बार बीजेपी और 3 बार भारतीय जनसंघ, 1 बार जनता पार्टी, 1 बार भारतीय लोकदल और 1 बार निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं.

ये 8 विधानसभा क्षेत्र हैं शामिल : कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र में आठ विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें बूंदी जिले की बूंदी, केशोरायपाटन और कोटा जिले की पीपल्दा, सांगोद, कोटा उत्तर, कोटा दक्षिण, लाडपुरा और रामगंजमंडी शामिल हैं. वर्तमान में चार विधानसभा सीटों में कांग्रेस और चार में भाजपा के विधायक हैं. बता दें कि पूर्व मंत्री खाचरियावास कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों से रायशुमारी कर उनकी बात हाईकमान तक पहुंचाने की बात कही है. कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने शहर के देवपुरा स्थित महावीर मैरिज गार्डन में कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं की बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा की. बैठक में बूंदी जिले की तीनों विधानसभा बूंदी, हिंडोली और केशोरायपाटन के विधायक हरिमोहन शर्मा, अशोक चांदना और सी एल प्रेमी भी मौजूद रहे. इस दौरान उम्मीदवारी जताने वाले उम्मीदवारों ने पर्यवेक्षक को अपने आवेदन सौंपे.

भाजपा पर आरोप

बूंदी. आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में कुछ ही महीने शेष हैं. राजस्थान में लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा अपनी-अपनी तैयारी में जुट गई है. कांग्रेस पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव को पूरी तैयारी के साथ लड़ना चाहती है. इसके लिए राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से पर्यवेक्षक और प्रभारी लोकसभा क्षेत्र में भेजे जा रहे हैं, जो क्षेत्र में उम्मीदवारों के चयन को लेकर पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं से रायशुमारी कर रहे हैं. सोमवार को कोटा-बूंदी लोकसभा सीट के कांग्रेस पर्यवेक्षक पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, विधायक मुरारीलाल मीणा बूंदी पहुंचे.

लोगों को धर्म के नाम पर बांटती है भाजपा : अपने संबोधन में पर्यवेक्षक खाचरियावास ने कहा कि भाजपा मुद्दों पर नहीं बल्कि लोगों को धर्म के नाम पर बांटकर चुनाव जीतती आई है. इस बार भी भाजपा इसी आधार पर चुनाव जीतना चाहती है. इनके पास कोई विजन नहीं है, न हीं कोई योजना है. केवल धार्मिक मुद्दे ढूंढकर चुनाव जीतने का काम कर रही है. उन्होंने लोकसभा चुनाव में सबसे एक साथ संगठित होकर मजबूती के साथ चुनाव लड़ने की बात कही.

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यह नाम हैं चर्चा में : कांग्रेस की ओर से कोटा बूंदी लोकसभा सीट से प्रत्याशियों की दौड़ में पूर्व मंत्री शांति धारीवाल, पूर्व मंत्री अशोक चांदना, पूर्व सांसद रामनारायण मीणा, पूर्व मंत्री भरत सिंह, पूर्व विधायक ममता शर्मा, पीपल्दा विधायक चेतन पटेल, समृद्ध शर्मा, आमीन पठान, जोधराज मीणा का नाम चर्चा में है. इन सभी नामों में कांग्रेस के सबसे मजबूत उम्मीदवार अशोक चांदना हो सकते हैं. कार्यकर्ताओं की लम्बी फौज, चुनावी मैनेजमेंट और आर्थिक रूप से मजबूती के दम पर पूर्व मंत्री और हिण्डोली विधायक अशोक चांदना इस सीट जीत का दांव खेल सकते हैं. कोटा बूंदी संसदीय क्षेत्र में गुर्जर और मीना मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं. वहीं, मुस्लिम, एससी और एसटी मतदाताओं का क्षेत्र में हार जीत में बड़ा योगदान रहता है.

इन कारणों के चलते चांदना ने जताई असमर्थता : बैठक में कांग्रेस पदाधिकारी और पर्यवेक्षकों ने उपस्थित पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से सुझाव मांगे. सभी ने एक स्वर में हिण्डोली विधायक अशोक चांदना को कोटा बूंदी लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाने की मांग की, लेकिन चांदना ने इसे अस्वीकार करते हुए पारिवारिक कारणों के चलते चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई. इसके बाद सभी ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस आलाकमान की ओर से घोषित प्रत्याशी को सहयोग से जीताकर लाने की बात कही. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारियों ने पर्यवेक्षकों के सामने जातीय आाधर पर प्रत्याशी नहीं बनाने की भी मांग की.

पढ़ें. लोकसभा चुनाव में 'मिशन 25' के लिए भाजपा का मास्टर प्लान, इन तीन अभियानों में जुटे पार्टी कार्यकर्ता

16 लोकसभा चुनावों में 4 बार जीती कांग्रेस : भाजपा का गढ़ माने जाने वाले कोटा बूंदी संसदीय क्षेत्र में आजादी के बाद हुए 16 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस महज 4 बार ही इस सीट पर जीत दर्ज कर पाई है, जबकि 6 बार बीजेपी और 3 बार भारतीय जनसंघ, 1 बार जनता पार्टी, 1 बार भारतीय लोकदल और 1 बार निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं.

ये 8 विधानसभा क्षेत्र हैं शामिल : कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र में आठ विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें बूंदी जिले की बूंदी, केशोरायपाटन और कोटा जिले की पीपल्दा, सांगोद, कोटा उत्तर, कोटा दक्षिण, लाडपुरा और रामगंजमंडी शामिल हैं. वर्तमान में चार विधानसभा सीटों में कांग्रेस और चार में भाजपा के विधायक हैं. बता दें कि पूर्व मंत्री खाचरियावास कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों से रायशुमारी कर उनकी बात हाईकमान तक पहुंचाने की बात कही है. कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने शहर के देवपुरा स्थित महावीर मैरिज गार्डन में कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं की बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा की. बैठक में बूंदी जिले की तीनों विधानसभा बूंदी, हिंडोली और केशोरायपाटन के विधायक हरिमोहन शर्मा, अशोक चांदना और सी एल प्रेमी भी मौजूद रहे. इस दौरान उम्मीदवारी जताने वाले उम्मीदवारों ने पर्यवेक्षक को अपने आवेदन सौंपे.

Last Updated : Feb 5, 2024, 7:15 PM IST
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