धनबादः झारखंड के पूर्व नगर विकास मंत्री बच्चा सिंह के निधन से पूरे कोयलांचल में शोक की लहर है. बच्चा सिंह का पार्थिव शरीर सरायढेला स्थित सूर्यदेव नगर आवास पहुंचते ही अंतिम दर्शन के लिए विभिन्न ट्रेड यूनियन और पार्टी के नेताओं का तांता लग गया.मौके पर विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह समेत परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे.
धनबाद पुलिस की ओर से दी गई शोक सलामी
वहीं धनबाद पुलिस की ओर से शोक सलामी दी गई. इस दौरान प्रशासन के कई अधिकारी मौके पर मौजूद रहे. शोक सलामी के बाद उनके पार्थिव शरीर के ऊपर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा रखा गया.
वाराणसी घाट पर किया जाएगा अंतिम संस्कार
मिली जानकारी के अनुसार उनका अंतिम संस्कार वाराणसी घाट पर किया जाएगा. अंतिम दर्शन के बाद परिवार के सभी सदस्य वाराणसी के लिए रवाना हो जाएंगे. वहीं पूर्व मंत्री बच्चा सिंह के निधन से उनके समर्थकों और मजदूरों में मायूसी है.
लंबे समय से बीमार से बच्चा सिंह
बताते चलें कि लंबे समय से बच्चा सिंह बीमार चल रहे थे. धनबाद से दिल्ली तक उनका इलाज कराया गया था. कुछ माह पहले ही उन्हें इलाज के लिए दिल्ली ले जाया गया था. उस वक्त वह बाथरूम से गिर गये थे. इसके बाद वो काफी बीमार चल रहे थे.
बाबूलाल की सरकार में मंत्री थे बच्चा सिंह
पूर्व मंत्री बच्चा सिंह झरिया से विधायक रह चुके थे. वह कभी सिंह मेंशन के स्तंभ हुआ करते थे. उन्होंने पहली बार विधानसभा का चुनाव साल 1991 में लड़ा था, लेकिन आबो देवी के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 1995 में उन्होंने दोबारा झारखंड विधानसभा से अपनी किस्मत आजमायी, लेकिन फिर हार गए. साल 2000 में उन्होंने पहली बार जीत का स्वाद चखा और विधायक बने. इसके बाद उन्हें बाबूलाल मरांडी की सरकार में नगर विकास मंत्री बनाया गया था.
सूर्यदेव सिंह के छोटे भाई थे बच्चा सिंह
पूर्व मंत्री बच्चा सिंह के बड़े भाई सूर्यदेव सिंह भी झारिया विधानसभा से विधायक रह चुके हैं. उन्होंने इस विधानसभा का लगातार चार बार प्रतिनिधित्व किया.1977 में वे पहली बार विधायक बने थे. उसके बाद 1990 तक वे विधायक रहे. एक बार उन्होंने आरा लोकसभा से भी किस्मत आजमाई थी, लेकिन परिणाम आने से पहले ही वह लोकसभा का चुनाव हार गए. इसके बाद बच्चा सिंह ने उसी सीट से साल 1991 में उप-चुनाव लड़ा था, लेकिन फिर से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. वर्तमान में झरिया सीट से पूर्णिमा नीरज सिंह विधायक हैं. बता दें कि इस सीट पर अधिकतर समय सिंह मेंशन परिवार का ही कब्जा रहा है.
मजदूरों की लड़ाई लड़ते थे बच्चा सिंह
झारखंड में बाबूलाल मरांडी की सरकार में बच्चा सिंह नगर विकास मंत्री रहे. बच्चा को मजदूरों की लड़ाई लड़ने के लिए जाना जाता था. वो हमेशा मजदूरों के लिए खड़े रहते थे. कोयलांचल के मजदूरों के मसीहा कहे जाने वाले दिवगंत सूर्यदेव सिंह के छोटे भाई बच्चा सिंह पांच भाईयों में तीसरे नंबर पर थे.
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