लखनऊ : राजधानी लखनऊ के जिला जेल में बंद एक कैदी की हार्टअटैक से मौत हो गई. 7 दिन पहले कैदी को जेल भेजा गया था. कैदी लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) का पूर्व कर्मचारी था. रविवार को तबीयत खराब होने के बाद कर्मचारी को बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
जानकारी के मुताबिक, 7 दिन पहले राज नारायण को सीबीआई अदालत ने 4 साल की सजा सुनाई थी. सीबीआई अदालत ने एलडीए के पूर्व सचिव आरएन सिंह समेत चार लोगों को सजा सुनाई थी. जिसमें एक कर्मचारी राज नारायण द्विवेदी (70) की जेल में मौत हो गई. राज नारायण क्लर्क के पद पर तैनात थे.
परिजनों का कहना है कि बीते रविवार को करीब 4 बजे राज नारायण की तबीयत खराब होने की सूचना मिली थी. परिजन जब बलरामपुर अस्पताल पहुंचे तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. प्रारंभिक जांच में मौत की वजह हार्टअटैक बताई जा रही है, हालांकि पोस्टमार्टम के बाद मौत के कारण स्पष्ट हो पाएगा.
लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत ने एनडीए के सचिव आनंद सिंह समेत चार लोगों को सजा सुनाई थी, जिसमें से तीन लोगों को 3 साल और एक को चार साल की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने चारों पर 1.25 लाख का जुर्माना भी लगाया था. जानकीपुरम जमीन आवंटन घोटाले मामले में कोर्ट ने चारों को दोषी पाया था. इस मामले में कुल सात लोग आरोपी बताए गए थे. दो की मौत हो चुकी है, जबकि एक को कोर्ट ने बरी किया है.
यह था मामला : लखनऊ की जानकीपुरम योजना में जमीन घोटाला हुआ था. सीबीआई पश्चिम कोर्ट 1987-1999 के बीच हुए इस घोटाले की सुनवाई कर रही थी. मंगलवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए पूर्व सचिव आरएन सिंह को 3 साल की जय और 35 हजार जुर्माना लगाया था, वहीं क्लर्क राज नारायण द्विवेदी को 4 साल की सजा और 60 हजार का जुर्माना लगाया था. महेंद्र सिंह सेंगर और दिवाकर सिंह को 3 साल की सजा और 15 15 हजार का जुर्माना लगाया गया था.