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महामना के पौत्र पूर्व जस्टिस गिरधर मालवीय का निधन, मोदी के बने थे प्रस्तावक

Justice Girdhar Malviya Death: प्रयागराज में उनके आवास पर पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है.

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पूर्व जस्टिस गिरधर मालवीय का निधन (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

वाराणसी: भारत रत्न पंडित महामना मदन मोहन मालवीय के पौत्र बीएचयू के चांसलर व पूर्व जस्टिस गिरधर मालवीय का सोमवार सुबह निधन हो गया.पूर्व जस्टिस गिरधर मालवीय पिछले कई दिनों से बीमार थे. उनका इलाज प्रयागराज के निजी अस्पताल में चल रहा था. जहां पर सोमवार की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली. पूर्व जस्टिस गिरधर मालवीय के निधन की खबर मिलते ही उनके घर पर शोक संवेदना जताने के लिए लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. लोग उनके आवास पहुंचकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं.

गिरधर मालवीय का जन्म वाराणसी में 14 नवंबर 1936 को हुआ था. अपने दादा और पिता की तरह ही उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अपनी सेवा दी थी. वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 2014 में जब वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए काशी पहुंचे, तब गिरधर मालवीय उनके प्रस्तावक भी बने थे. वह वर्ष 1988 से 1998 तक हाईकोर्ट में बतौर जज कार्यरत रहे हैं. जस्टिस गिरधर मालवीय ने गंगा के निर्मलीकरण को लेकर चर्चित आदेश दिया था. साथ ही मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कराई थी. इसके अतिरिक्‍त भी वह सामाजिक सरोकारों से लंबे समय से जुडे़ रहे हैं.


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पूर्व जस्टिस गिरधर मालवीय के निधन पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के तमाम छात्र प्रोफेसर काफी दुखी हैं. कहीं ना कहीं विश्वविद्यालय के लोग महामना की छवि उनमें देखते थे. क्योंकि विश्वविद्यालय के विभिन्न सांस्कृतिक और शिक्षामित्र के कार्यक्रमों में जस्टिस गिरधर मालवीय बतौर मुख्य अतिथि शामिल होते थे. आखरी बार वर्ष 2023 के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में वह लिए शामिल हुए थे. भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय के पपौत्र जस्टिस गिरधर मालवीय के निधन की सूचना मिलते ही काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुधीर जैन प्रयागराज के लिए रवाना हो गए हैं.

यह भी पढ़े-BHU ऐसे छात्रों से खाली कराएगा हॉस्टल, जानिए किस नियम का अब सख्ती से होगा पालन?

वाराणसी: भारत रत्न पंडित महामना मदन मोहन मालवीय के पौत्र बीएचयू के चांसलर व पूर्व जस्टिस गिरधर मालवीय का सोमवार सुबह निधन हो गया.पूर्व जस्टिस गिरधर मालवीय पिछले कई दिनों से बीमार थे. उनका इलाज प्रयागराज के निजी अस्पताल में चल रहा था. जहां पर सोमवार की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली. पूर्व जस्टिस गिरधर मालवीय के निधन की खबर मिलते ही उनके घर पर शोक संवेदना जताने के लिए लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. लोग उनके आवास पहुंचकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं.

गिरधर मालवीय का जन्म वाराणसी में 14 नवंबर 1936 को हुआ था. अपने दादा और पिता की तरह ही उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अपनी सेवा दी थी. वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 2014 में जब वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए काशी पहुंचे, तब गिरधर मालवीय उनके प्रस्तावक भी बने थे. वह वर्ष 1988 से 1998 तक हाईकोर्ट में बतौर जज कार्यरत रहे हैं. जस्टिस गिरधर मालवीय ने गंगा के निर्मलीकरण को लेकर चर्चित आदेश दिया था. साथ ही मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कराई थी. इसके अतिरिक्‍त भी वह सामाजिक सरोकारों से लंबे समय से जुडे़ रहे हैं.


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पूर्व जस्टिस गिरधर मालवीय के निधन पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के तमाम छात्र प्रोफेसर काफी दुखी हैं. कहीं ना कहीं विश्वविद्यालय के लोग महामना की छवि उनमें देखते थे. क्योंकि विश्वविद्यालय के विभिन्न सांस्कृतिक और शिक्षामित्र के कार्यक्रमों में जस्टिस गिरधर मालवीय बतौर मुख्य अतिथि शामिल होते थे. आखरी बार वर्ष 2023 के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में वह लिए शामिल हुए थे. भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय के पपौत्र जस्टिस गिरधर मालवीय के निधन की सूचना मिलते ही काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुधीर जैन प्रयागराज के लिए रवाना हो गए हैं.

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