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बक्सर के राजनीतिक मैदान पर एक और आईपीएस अधिकारी के नेता बनने का टूटा सपना, अब आगे क्या... - lok sabha election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

बक्सर के राजनीतिक मैदान पर एक और आईएस अधिकारी चित हो गये. बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के बाद असम कैडर के आईपीएस अधिकारी आनन्द मिश्रा का सपना चकनाचूर हुआ. अधिकारी से नेता बनने का ख्वाब लिए बक्सर पहुंचे दोनों अधिकारियों को निराशा हाथ लगी. टिकट भी नहीं मिल सका. गुप्तेश्वर पांडेय कथावाचक बन गये तो वहीं आनंद मिश्रा सोशल कैम्पेनिग चलाने की तैयारी कर रहे हैं. पढ़ें, विस्तार से.

आनन्द मिश्रा, पूर्व आईपीएस
आनन्द मिश्रा, पूर्व आईपीएस
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 27, 2024, 4:59 PM IST

आनन्द मिश्रा, पूर्व आईपीएस.

बक्सरः लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बक्सर लोकसभा सीट से भाजपा ने अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी. अश्विनी चौबे के टिकट काटे जाने और असम कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा को टिकट दिये जाने के कयास लगाये जा रहे थे. अश्विनी चौबे तो बेटिकट कर दिये गये. लेकिन, आनंद मिश्रा को टिकट हाथ नहीं लगा. ऐसे में एक बार फिर बक्सर के लोगों को विधान सभा चुनाव 2020 की याद आ गयी.

नेताओं के चक्रव्यूह में फंस गए दोनों अधिकारीः 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले डीजीपी का पद त्यागकर गुप्तेश्वर पांडेय विधायक बनने का सपना लेकर बक्सर पहुंचे थे. सियासत के मैदान में ऐसी पटकनी मिली कि नेता बनने का सपना त्यागकर कथावाचक बन गए. 4 साल बाद एक बार फिर वैसी ही स्थिति असम कैडर के आईपीएस अधिकारी आनन्द मिश्रा की हो गई है. भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवार नहीं बनाया. जिसके बाद अब सोशल कैम्पेनिग कर खुद को स्थापित करने की कोशिश में लगे हुए हैं.

विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारीः सांसद बनने का सपना लेकर बक्सर आये आनन्द मिश्रा, से जब ईटीवी भारत ने इस बाबत बात की तो उन्होंने कहा कि, हम अपने घर आये हैं और वापस नहीं जाने वाला हैं. स्थानीय जानकारों की मानें तो सियासत के मैदान में मात खाने के बाद अब असम कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी अपना भविष्य तलाशना शुरू कर दिए हैं. करीबियों की मानें तो बक्सर के बच्चों को वह यूपीएससी की तैयारी कराने के साथ ही खुद को सामाजिक एवं राजनीतिक दृष्टिकोण से मजबूत करने की तैयारी करेंगे. करीबियों की मानें तो 2025 के विधानसभा चुनाव से शंखनाद करेंगे.

"ऐसा नहीं है कि प्लेटफॉर्म नहीं मिला तो जीना छोड़ दूंगा. काम करना छोड़ दूंगा. मेरा स्टैंड बिल्कुल साफ है. मैं अपने मिशन पर काम करता रहूंगा. जब आईपीएस की नौकरी छोड़कर आया था, तो कई विजन लेकर आया था. मौका नहीं मिला जिसके कारण अपने काम करने की क्षमता को नहीं दिखा पाये. छोटे स्तर पर ही सही मैं बक्सर के लोगों के लिए काम करता रहूंगा. अपना प्लेटफॉर्म भी तैयार करुंगा."- आनन्द मिश्रा, पूर्व आईपीएस

इसे भी पढ़ेंः बक्सर में बीजेपी उम्मीदवार मिथलेश तिवारी का विरोध, अश्विनी चौबे के समर्थकों ने खोला मोर्चा - Buxar BJP Leaders Oppose

इसे भी पढ़ेंः बक्सर लोकसभा सीट से अश्विनी चौबे का टिकट कटा, शिष्य ने गुरू को दी पटकनी - Buxar Lok Sabha Seat

आनन्द मिश्रा, पूर्व आईपीएस.

बक्सरः लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बक्सर लोकसभा सीट से भाजपा ने अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी. अश्विनी चौबे के टिकट काटे जाने और असम कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा को टिकट दिये जाने के कयास लगाये जा रहे थे. अश्विनी चौबे तो बेटिकट कर दिये गये. लेकिन, आनंद मिश्रा को टिकट हाथ नहीं लगा. ऐसे में एक बार फिर बक्सर के लोगों को विधान सभा चुनाव 2020 की याद आ गयी.

नेताओं के चक्रव्यूह में फंस गए दोनों अधिकारीः 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले डीजीपी का पद त्यागकर गुप्तेश्वर पांडेय विधायक बनने का सपना लेकर बक्सर पहुंचे थे. सियासत के मैदान में ऐसी पटकनी मिली कि नेता बनने का सपना त्यागकर कथावाचक बन गए. 4 साल बाद एक बार फिर वैसी ही स्थिति असम कैडर के आईपीएस अधिकारी आनन्द मिश्रा की हो गई है. भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवार नहीं बनाया. जिसके बाद अब सोशल कैम्पेनिग कर खुद को स्थापित करने की कोशिश में लगे हुए हैं.

विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारीः सांसद बनने का सपना लेकर बक्सर आये आनन्द मिश्रा, से जब ईटीवी भारत ने इस बाबत बात की तो उन्होंने कहा कि, हम अपने घर आये हैं और वापस नहीं जाने वाला हैं. स्थानीय जानकारों की मानें तो सियासत के मैदान में मात खाने के बाद अब असम कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी अपना भविष्य तलाशना शुरू कर दिए हैं. करीबियों की मानें तो बक्सर के बच्चों को वह यूपीएससी की तैयारी कराने के साथ ही खुद को सामाजिक एवं राजनीतिक दृष्टिकोण से मजबूत करने की तैयारी करेंगे. करीबियों की मानें तो 2025 के विधानसभा चुनाव से शंखनाद करेंगे.

"ऐसा नहीं है कि प्लेटफॉर्म नहीं मिला तो जीना छोड़ दूंगा. काम करना छोड़ दूंगा. मेरा स्टैंड बिल्कुल साफ है. मैं अपने मिशन पर काम करता रहूंगा. जब आईपीएस की नौकरी छोड़कर आया था, तो कई विजन लेकर आया था. मौका नहीं मिला जिसके कारण अपने काम करने की क्षमता को नहीं दिखा पाये. छोटे स्तर पर ही सही मैं बक्सर के लोगों के लिए काम करता रहूंगा. अपना प्लेटफॉर्म भी तैयार करुंगा."- आनन्द मिश्रा, पूर्व आईपीएस

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