लखनऊ: अक्टूबर में यूपी महिला आयोग ने बैठक के दौरान महिला सुरक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए थे. जिसमें एक बुटीक में महिलाओं की माप लेने के लिए महिला दर्जी के होने को जरूरी बताया था. इसे लेकर यूपी के डीजीपी रहे सुलखान सिंह ने सवाल उठाये है. उन्होंने सोशल मीडिया में पोस्ट करते हुए कहा है कि, कौन हैं ये लोग और कहाँ से आते हैं? सरकार ऐसे नमूने कहाँ से लाती है?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक में पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने लिखा है कि 'उत्तर प्रदेश महिला आयोग का कहना है कि कपड़े सिलने के लिए, महिलाओं की नाप महिला दर्जी ही लें. कौन हैं ये लोग, कहां से आते हैं? और तो और, सरकार ऐसे नमूने कहां से ढूंढकर लाती है? क्या ऐसी हरकतों के लिए ही सरकारें इन सामाजिक आयोगों में अपनी पार्टी के लोगों को तैनात करती हैं? ये आयोग बना था महिलाओं को बराबरी का हक दिलाने और भेदभाव मिटाने के लिए और यह खुद ऐसी दकियानूसी बातें करते हैं. कुछ दिन पहले इसी आयोग ने कहा था कि जिम्नेजियम में महिलाओं को, सिर्फ महिला ट्रेनर्स ही ट्रेनिंग दें? बहुत जरूरी है कि सामाजिक आयोगों में भी सुशिक्षित और सुसंस्कृत लोगों को ही तैनात किया जाये'.
दरअसल, बीती 28 अक्तूबर को महिला आयोग की एक बैठक हुई थी. जिसमें महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों के संरक्षण को लेकर सभी जिलाधिकारियों को महिला जिम, योगा सेंटर, विद्यालयों, नाट्य कला केंद्रों, बुटीक सेंटर और कोचिंग सेंटर पर महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा और सम्मान को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए थे. इस बैठक में निर्णय लिया गया था कि महिला जिम और योगा केंद्रों में महिला ट्रेनर का होना जरूरी है. इसके अलावा महिला जिम का सत्यापन भी होना चाहि. महिला आयोग ने निर्णय लिया था कि बुटीक पर महिला परिधानों की नाप लेने के लिए महिला टेलर ही होना चाहिए. महिला परिधानों के बिक्री केंद्रों पर महिला कर्मचारियों का होना आवश्यक है.
यूपी महिला आयोग पर भड़के पूर्व डीजीपी, बोले- कहां से सरकार इन्हें ढूंढकर लाती है - FORMER DGP SULKHAN SINGH
उत्तर प्रदेश महिला आयोग द्वारा पिछले दिनों महिलाओं को लेकर लिए गए फैसले पर उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी ने नाराजगी जताते हुए उठाए सवाल
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Dec 9, 2024, 4:27 PM IST
लखनऊ: अक्टूबर में यूपी महिला आयोग ने बैठक के दौरान महिला सुरक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए थे. जिसमें एक बुटीक में महिलाओं की माप लेने के लिए महिला दर्जी के होने को जरूरी बताया था. इसे लेकर यूपी के डीजीपी रहे सुलखान सिंह ने सवाल उठाये है. उन्होंने सोशल मीडिया में पोस्ट करते हुए कहा है कि, कौन हैं ये लोग और कहाँ से आते हैं? सरकार ऐसे नमूने कहाँ से लाती है?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक में पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने लिखा है कि 'उत्तर प्रदेश महिला आयोग का कहना है कि कपड़े सिलने के लिए, महिलाओं की नाप महिला दर्जी ही लें. कौन हैं ये लोग, कहां से आते हैं? और तो और, सरकार ऐसे नमूने कहां से ढूंढकर लाती है? क्या ऐसी हरकतों के लिए ही सरकारें इन सामाजिक आयोगों में अपनी पार्टी के लोगों को तैनात करती हैं? ये आयोग बना था महिलाओं को बराबरी का हक दिलाने और भेदभाव मिटाने के लिए और यह खुद ऐसी दकियानूसी बातें करते हैं. कुछ दिन पहले इसी आयोग ने कहा था कि जिम्नेजियम में महिलाओं को, सिर्फ महिला ट्रेनर्स ही ट्रेनिंग दें? बहुत जरूरी है कि सामाजिक आयोगों में भी सुशिक्षित और सुसंस्कृत लोगों को ही तैनात किया जाये'.
दरअसल, बीती 28 अक्तूबर को महिला आयोग की एक बैठक हुई थी. जिसमें महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों के संरक्षण को लेकर सभी जिलाधिकारियों को महिला जिम, योगा सेंटर, विद्यालयों, नाट्य कला केंद्रों, बुटीक सेंटर और कोचिंग सेंटर पर महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा और सम्मान को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए थे. इस बैठक में निर्णय लिया गया था कि महिला जिम और योगा केंद्रों में महिला ट्रेनर का होना जरूरी है. इसके अलावा महिला जिम का सत्यापन भी होना चाहि. महिला आयोग ने निर्णय लिया था कि बुटीक पर महिला परिधानों की नाप लेने के लिए महिला टेलर ही होना चाहिए. महिला परिधानों के बिक्री केंद्रों पर महिला कर्मचारियों का होना आवश्यक है.