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अखिलेश यादव बोले- जो रीति नीति और मर्यादाओं का सम्मान करते हैं वही भगवान राम के सबसे करीब होते हैं - अखिलेश यादव

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से ठीक पहले (Former Chief Minister Akhilesh Yadav) अखिलेश यादव का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि रामलला की जो मूर्ति थी, वो आज प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान का रूप ले लेगी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 22, 2024, 3:45 PM IST

लखनऊ : राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर लखनऊ में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम थे जो रीति नीति और मर्यादाओं का सम्मान करते हैं वही डिवोटीज भगवान राम के सबसे करीब होते हैं. भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा का जो कार्यक्रम है, जो मूर्ति पत्थर की थी आज प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान का रूप ले लेगी.

  • "भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा का जो कार्यक्रम है, जो मूर्ति पत्थर की थी आज प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान का रूप ले लेगी। भगवान श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम राम कह गए।"

    - माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी, लखनऊ pic.twitter.com/rCCEmXZfy3

    — Samajwadi Party (@samajwadiparty) January 22, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">



गोमती नगर स्थित जनेश्वर मिश्र पार्क में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सोमवार सुबह समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे. जनेश्वर मिश्र की आज पुण्यतिथि है. समाजवादी पार्टी के शासनकाल में बनाए गए इस पार्क में जनेश्वर मिश्र की विशालकाय प्रतिमा लगी हुई है. जहां अखिलेश यादव अपने समर्थकों के साथ सोमवार सुबह माल्यार्पण और श्रद्धांजलि के लिए पहुंचे थे. श्रद्धांजलि देने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा कि राम मंदिर में आज भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है. इस मौके पर मुझे यही कहना है कि भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम थे जो रीति नीति और मर्यादाओं का सम्मान करते हैं वहीं डिवोटीज भगवान राम के सबसे करीब होते हैं. अखिलेश यादव ने इस मौके पर कोई भी राजनीतिक बयान नहीं दिया ताकि कोई विवाद ना खड़ा हो.

अखिलेश यादव को राम जन्मभूमि न्यास की ओर से निमंत्रण दिया गया था, लेकिन उन्होंने कहा था कि वह प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद परिवार के साथ भगवान राम के दर्शन करने के लिए अयोध्या आएंगे. इससे पहले उनके पिता मुलायम सिंह यादव पर आरोप लगता रहा है कि 1990 में राम मंदिर आंदोलन के दौरान उन्होंने कर सेवकों पर गोली चलवाई थी.

यह भी पढ़ें : सीएम योगी के चेहरे पर मुस्कुराहट, मेहमानों से पूछ रहे-सब कुछ ठीक है या नहीं

यह भी पढ़ें : राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा; अनुष्ठान का पांचवां दिन, आज रामलला का शर्कराधिवास और फलाधिवास होगा

लखनऊ : राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर लखनऊ में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम थे जो रीति नीति और मर्यादाओं का सम्मान करते हैं वही डिवोटीज भगवान राम के सबसे करीब होते हैं. भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा का जो कार्यक्रम है, जो मूर्ति पत्थर की थी आज प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान का रूप ले लेगी.

  • "भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा का जो कार्यक्रम है, जो मूर्ति पत्थर की थी आज प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान का रूप ले लेगी। भगवान श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम राम कह गए।"

    - माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी, लखनऊ pic.twitter.com/rCCEmXZfy3

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गोमती नगर स्थित जनेश्वर मिश्र पार्क में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सोमवार सुबह समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे. जनेश्वर मिश्र की आज पुण्यतिथि है. समाजवादी पार्टी के शासनकाल में बनाए गए इस पार्क में जनेश्वर मिश्र की विशालकाय प्रतिमा लगी हुई है. जहां अखिलेश यादव अपने समर्थकों के साथ सोमवार सुबह माल्यार्पण और श्रद्धांजलि के लिए पहुंचे थे. श्रद्धांजलि देने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा कि राम मंदिर में आज भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है. इस मौके पर मुझे यही कहना है कि भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम थे जो रीति नीति और मर्यादाओं का सम्मान करते हैं वहीं डिवोटीज भगवान राम के सबसे करीब होते हैं. अखिलेश यादव ने इस मौके पर कोई भी राजनीतिक बयान नहीं दिया ताकि कोई विवाद ना खड़ा हो.

अखिलेश यादव को राम जन्मभूमि न्यास की ओर से निमंत्रण दिया गया था, लेकिन उन्होंने कहा था कि वह प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद परिवार के साथ भगवान राम के दर्शन करने के लिए अयोध्या आएंगे. इससे पहले उनके पिता मुलायम सिंह यादव पर आरोप लगता रहा है कि 1990 में राम मंदिर आंदोलन के दौरान उन्होंने कर सेवकों पर गोली चलवाई थी.

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