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फॉरेस्ट फायर सीजन से पहले आई ये अच्छी खबर, आंकड़ों ने राहत की तरफ किया इशारा - FOREST FIRE SEASON

फॉरेस्ट सर्वे आफ इंडिया ने 2024- 25 को लेकर जारी किये आकंड़े, इस बार 1098 आग लगने के अलर्ट के मामले

FOREST FIRE SEASON
फॉरेस्ट फायर सीजन से पहले आई ये अच्छी खबर (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 8, 2025, 4:48 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में फॉरेस्ट फायर सीजन से पहले राज्य के लिए अच्छी खबर आई है. दरअसल प्रदेश में फायर सीजन से पहले के तुलनात्मक आंकड़े सामने आए हैं. जिससे यह स्पष्ट दिख रहा है कि इस बार राज्य में वनाग्नि के मामलों में काफी कमी आई है. जाहिर है कि वन विभाग की इस बार तैयारी भी पिछले सालों के मुकाबले काफी ज्यादा दिखाई दे रही है. इस बार कई नए निर्णय भी लिए गए हैं.

जंगलों में आग लगने की घटनाओं के तुलनात्मक आंकड़े न केवल इस बार प्रदेश के लिए राहत की खबर लेकर आए हैं बल्कि वन विभाग भी इन आंकड़ों से बेहद खुश नजर आ रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार वन विभाग ने वनाग्नि को लेकर कुछ नए और बड़े निर्णय भी लिए थे. ऐसे में फॉरेस्ट फायर सीजन से पहले जंगलों की आज के आंकड़ों में कमी का दिखाई देना आने वाले सीजन में भी अच्छे संकेत दिख रहा है. वन विभाग द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार नवंबर महीने से फरवरी के पहले हफ्ते तक उत्तराखंड में जंगलों की आग की घटनाएं पिछले सालों के मुकाबले कम हुई है. वन महकमे के अनुसार फॉरेस्ट सर्वे आफ इंडिया ने पिछले 3 साल के तुलनात्मक आंकड़े जारी किए हैं. इसमें साल 2022-23, साल 2023-24 और मौजूदा वर्ष 2024-25 के आंकड़े शामिल हैं.

साल 2022-23 में फॉरेस्ट सर्वे आफ इंडिया ने राज्य में नवंबर से लेकर 6 फरवरी तक कुल 1317 आग लगने की घटना होने के अलर्ट दिए थे, जबकि इसी समय अवधि में साल 2023- 24 में कुल 2816 आग लगने की घटनाएं हुई. इसके मुकाबले इस साल यानी साल 2024- 25 में कुल 1098 आग लगने के अलर्ट मिले हैं. इस तरह यह आंकड़ा पिछले सालों के मुकाबले इस बार घटनाएं कम होने की तरफ इशारा कर रहा है.

उत्तराखंड वन विभाग में इस बार जंगलों की आग को लेकर कुछ अहम फैसले किए हैं. इन निर्णयो में बड़े अधिकारियों का भी क्षेत्र में जाने का निर्णय और वन विभाग के अपने ऐप के जरिए आम लोगों के साथ ही वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को भी जल्द से जल्द आग लगने की घटना प्राप्त होने का अलर्ट मिलने के कदम शामिल है. उधर दूसरी तरफ समय से कर्मचारियों की तैनाती और पर्याप्त संख्या में सभी डिवीजन में कर्मचारियों की उपलब्धता के अलावा इक्विपमेंट खरीद करना भी शामिल है.

अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा ने कहा-

यह आंकड़े राहत देने वाले हैं. इससे यह स्पष्ट है कि वन विभाग की तैयारियां मुकम्मल रूप से की गई हैं. फायर सीजन से पहले ही वन विभाग ने विभिन्न तैयारी की समीक्षा करते हुए जरूरी कदम भी उठा लिए हैं.

देहरादून: उत्तराखंड में फॉरेस्ट फायर सीजन से पहले राज्य के लिए अच्छी खबर आई है. दरअसल प्रदेश में फायर सीजन से पहले के तुलनात्मक आंकड़े सामने आए हैं. जिससे यह स्पष्ट दिख रहा है कि इस बार राज्य में वनाग्नि के मामलों में काफी कमी आई है. जाहिर है कि वन विभाग की इस बार तैयारी भी पिछले सालों के मुकाबले काफी ज्यादा दिखाई दे रही है. इस बार कई नए निर्णय भी लिए गए हैं.

जंगलों में आग लगने की घटनाओं के तुलनात्मक आंकड़े न केवल इस बार प्रदेश के लिए राहत की खबर लेकर आए हैं बल्कि वन विभाग भी इन आंकड़ों से बेहद खुश नजर आ रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार वन विभाग ने वनाग्नि को लेकर कुछ नए और बड़े निर्णय भी लिए थे. ऐसे में फॉरेस्ट फायर सीजन से पहले जंगलों की आज के आंकड़ों में कमी का दिखाई देना आने वाले सीजन में भी अच्छे संकेत दिख रहा है. वन विभाग द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार नवंबर महीने से फरवरी के पहले हफ्ते तक उत्तराखंड में जंगलों की आग की घटनाएं पिछले सालों के मुकाबले कम हुई है. वन महकमे के अनुसार फॉरेस्ट सर्वे आफ इंडिया ने पिछले 3 साल के तुलनात्मक आंकड़े जारी किए हैं. इसमें साल 2022-23, साल 2023-24 और मौजूदा वर्ष 2024-25 के आंकड़े शामिल हैं.

साल 2022-23 में फॉरेस्ट सर्वे आफ इंडिया ने राज्य में नवंबर से लेकर 6 फरवरी तक कुल 1317 आग लगने की घटना होने के अलर्ट दिए थे, जबकि इसी समय अवधि में साल 2023- 24 में कुल 2816 आग लगने की घटनाएं हुई. इसके मुकाबले इस साल यानी साल 2024- 25 में कुल 1098 आग लगने के अलर्ट मिले हैं. इस तरह यह आंकड़ा पिछले सालों के मुकाबले इस बार घटनाएं कम होने की तरफ इशारा कर रहा है.

उत्तराखंड वन विभाग में इस बार जंगलों की आग को लेकर कुछ अहम फैसले किए हैं. इन निर्णयो में बड़े अधिकारियों का भी क्षेत्र में जाने का निर्णय और वन विभाग के अपने ऐप के जरिए आम लोगों के साथ ही वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को भी जल्द से जल्द आग लगने की घटना प्राप्त होने का अलर्ट मिलने के कदम शामिल है. उधर दूसरी तरफ समय से कर्मचारियों की तैनाती और पर्याप्त संख्या में सभी डिवीजन में कर्मचारियों की उपलब्धता के अलावा इक्विपमेंट खरीद करना भी शामिल है.

अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा ने कहा-

यह आंकड़े राहत देने वाले हैं. इससे यह स्पष्ट है कि वन विभाग की तैयारियां मुकम्मल रूप से की गई हैं. फायर सीजन से पहले ही वन विभाग ने विभिन्न तैयारी की समीक्षा करते हुए जरूरी कदम भी उठा लिए हैं.

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