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वनरक्षियों की हड़ताल 10वें दिन भी जारी, जंगलों की सुरक्षा हो रही प्रभावित - Forest Guards Strike

Demands of forest guards. झारखंड के तमाम वनरक्षी अपनी मांगों पर अडिग हैं. वहीं सरकार की ओर से अब तक कोई पहल नहीं की गई है. इस कारण राज्य के सभी जिलों में वनरक्षियों का धरना-प्रदर्शन जारी है.

Forest Guards Strike
कोडरमा में धरना पर बैठे वनरक्षी. (फोटो-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 25, 2024, 3:11 PM IST

कोडरमाः राज्यभर में तकरीबन 1625 वनरक्षी हड़ताल पर हैं. जिसका व्यापक असर कोडरमा में भी देखने को मिल रहा है. कोडरमा में भी अपनी मांगों को लेकर वनरक्षी वन प्रमंडल कार्यालय परिसर में धरने पर बैठे हैं और अपनी मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद कर रहे हैं. कोडरमा में तकरीबन 40 वनरक्षी हैं, जो अपना कामकाज छोड़ पिछले 10 दिनों से हड़ताल पर हैं. इस कारण जंगलों की रक्षा प्रभावित हो रही है.

बयान देते आंदोलनरत वनरक्षी. (वीडियो-ईटीवी भारत)

इन मांगों को लेकर वनरक्षियों ने की है हड़ताल

झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ के बैनर तले वनरक्षियों की हड़ताल जारी है. वनपाल में सीधी नियुक्ति के बजाय वनरक्षियों को प्रोन्नति देकर वनपाल बनाए जाने और झारखंड राज्य अवर वनक्षेत्र कर्मी संवर्ग नियमावली 2014 में संशोधन वापस लेने की मांगों को लेकर वनरक्षी हड़ताल पर हैं.

प्रोन्नति देकर वनपाल का पद भरने की मांग

हड़ताली वनरक्षियों ने बताया कि पहले वनरक्षियों की शत-प्रतिशत प्रोन्नति से वनपाल का पद भरा जाता था, लेकिन अब इस नियमावली में संशोधन कर 50 प्रतिशत सीधी नियुक्ति का रास्ता खोल दिया गया है. इस कारण वर्षों से जंगल की सुरक्षा करने वाले वनरक्षियों की हकमारी हो रही है. इसके अलावे वनरक्षियों ने बताया कि वनों की सुरक्षा के दौरान कई बार उन पर जानलेवा हमले हुए और ऐसी संभावनाएं अक्सर बनी रहती है.इसके बावजूद उनकी सुरक्षा के लिए कोई व्यापक रणनीति सरकार ने नहीं बनाई है.

वनरक्षियों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

हड़ताली वनरक्षियों ने बताया कि अगर हड़ताल के बाद भी उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो उनका आंदोलन उग्र होगा. राज्य मुख्यालय में भी प्रदर्शन कर वनरक्षी अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद करेंगे.

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बयान देते आंदोलनरत वनरक्षी. (वीडियो-ईटीवी भारत)

इन मांगों को लेकर वनरक्षियों ने की है हड़ताल

झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ के बैनर तले वनरक्षियों की हड़ताल जारी है. वनपाल में सीधी नियुक्ति के बजाय वनरक्षियों को प्रोन्नति देकर वनपाल बनाए जाने और झारखंड राज्य अवर वनक्षेत्र कर्मी संवर्ग नियमावली 2014 में संशोधन वापस लेने की मांगों को लेकर वनरक्षी हड़ताल पर हैं.

प्रोन्नति देकर वनपाल का पद भरने की मांग

हड़ताली वनरक्षियों ने बताया कि पहले वनरक्षियों की शत-प्रतिशत प्रोन्नति से वनपाल का पद भरा जाता था, लेकिन अब इस नियमावली में संशोधन कर 50 प्रतिशत सीधी नियुक्ति का रास्ता खोल दिया गया है. इस कारण वर्षों से जंगल की सुरक्षा करने वाले वनरक्षियों की हकमारी हो रही है. इसके अलावे वनरक्षियों ने बताया कि वनों की सुरक्षा के दौरान कई बार उन पर जानलेवा हमले हुए और ऐसी संभावनाएं अक्सर बनी रहती है.इसके बावजूद उनकी सुरक्षा के लिए कोई व्यापक रणनीति सरकार ने नहीं बनाई है.

वनरक्षियों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

हड़ताली वनरक्षियों ने बताया कि अगर हड़ताल के बाद भी उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो उनका आंदोलन उग्र होगा. राज्य मुख्यालय में भी प्रदर्शन कर वनरक्षी अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद करेंगे.

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