अजमेर: पुष्कर में अज्ञात वाहन की टक्कर से मारे गए लेपर्ड का पंचकुंड क्षेत्र में स्थित पुष्कर वन रेंज कार्यालय परिसर में पोस्टमार्टम कर दिया गया. लेपर्ड की उम्र 11 वर्ष बताई जा रही है. बता दें कि शुक्रवार देर शाम को अज्ञात वाहन की टक्कर से लेपर्ड की हादसे में मौत हो गई थी. पड़ताल में सामने आया है कि यह वो लेपर्ड नहीं है, जिसने गनाहेड़ा में कुछ दिनों पहले एक युवक को जख्मी किया था.
पुष्कर वन रेंज अधिकारी ज्योति गुप्ता ने बताया कि सड़क हादसे में मारे गए लेपर्ड का नियमानुसार पोस्टमार्टम कर बॉडी का दाह संस्कार कर दिया गया है. प्रथम दृष्टया लेपर्ड की मौत का कारण सड़क हादसा ही माना जा रहा है. शुक्रवार देर शाम भटबाय गणेश मंदिर के समीप सड़क पार करते हुए तेज रफ्तार से आ रहे किसी अज्ञात वाहन की टक्कर से उसकी मौत हो गई थी. लेपर्ड के शरीर पर कहीं भी जख्म नहीं है. उसके शरीर के अंदरूनी हिस्सों में जबरदस्त मार लगी है. जिसके कारण उसकी मौत हुई है.
उन्होंने बताया कि लेपर्ड की उम्र 11 वर्ष के आसपास है. यह बूढ़ा लेपर्ड था. गुप्ता ने बताया कि जिस पैंथर की मूवमेंट विगत एक माह से थी, यह वह पैंथर नहीं है. उन्होंने बताया कि जिस लैपर्ड की पूर्व में गनाहेड़ा, कड़ेल के आसपास लोकेशन ट्रेस की गई थी. उसको पकड़ने की भी प्रयास किया जा रहा है. वन विभाग की ओर से टीम का गठित की गई है. इसके अलावा विभाग की ओर से लोगों में जागरूकता भी लाई जा रही है. वन विभाग के नाकेदारों को लोगों को जागरूक करने के लिए कहा गया है.
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गनाहेड़ा में लगाया था पिंजरा: पुष्कर वन रेंज अधिकारी ज्योति गुप्ता ने बताया कि गनाहेड़ा में युवक पर हमले की घटना के बाद लेपर्ड को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने उसे क्षेत्र में पिंजरा लगाया था लेकिन लेपर्ड पिंजरे में नहीं आया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पुष्कर वन रेंज में कितने लेपर्ड है यह कहना मुमकिन नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि चार से पांच लेपर्ड पुष्कर वन रेंज क्षेत्र में है। वह सभी दूर दूर अपने क्षेत्र में रहते हैं। रिहायशी क्षेत्र में यदि किसी पैंथर का मूवमेंट देखा जाता है तो पैंथर को पकड़ने के प्रयास किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि कैमरा ट्रैपिंग के लिए भी मुख्यालय को पत्र लिखा गया है।
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रात को जंगल में ना जाए: उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि लेपर्ड दिखाने पर घबराएं नहीं. वन विभाग को तुरंत सूचित करें. वन विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंचेगी. गुप्ता ने बताया कि पैंथर के आसपास ना रहें, जिससे वह असहज और भयभीत हो जाता है. लेपर्ड वन्यजीव है, यह आदमखोर नहीं होता. लेपर्ड को देखने पर उससे दूरी बना लें. हड़बड़ी में वह नुकसान पहुंचा सकता है. उन्होंने बताया कि जंगल के क्षेत्र में लेपर्ड का समय रात्रि 8 से 5 बजे तक रहता है. लिहाजा इस समय अकेले जंगल में ना जाएं.
उदयपुरवाटी की पहाड़ियों में 7 दिन बाद दूसरे मादा पैंथर की मौत: नीमकाथाना जिले में उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र के गोरिया धनावता गांव की पहाड़ियों में मादा पैंथर की मौत हो गई. शुक्रवार देर रात को सूचना पर वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे. मृत डेढ़ साल के मादा पैंथर के शव को इंद्रपुरा वन पौधशाला नर्सरी में रखवाया गया. शनिवार की सुबह डॉक्टरों की मेडिकल टीम ने मादा पैंथर के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया. सैंपल लेकर जयपुर के फॉरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजे गए.
प्रथम दृष्टया मादा पैंथर एक से डेढ़ वर्ष का बताया जा रहा है और मौत की वजह भूख-प्यास सामने आई है. हालांकि फॉरेंसिक लैब से जांच आने के बाद ही मृत्यु की मुख्य वजह सामने आएगी. पैंथर का इंद्रपुरा वन पौधावाला नर्सरी में अंतिम संस्कार किया गया. इस मौके पर झुंझुनू उप वन संरक्षक बनवारी लाल नेहरा, उदयपुरवाटी रेंजर विजय फगेड़िया, वनपाल रघुवीर, संजय कुमार, विकास, राजकुमार, मनोज, अजय, डॉ मिट्ठू कुमारी, डॉ सुरेंद्र, डॉ विनोद, डॉ रोहिताश, जैतपुरा सरपंच पवन वर्मा, उदयपुरवाटी पुलिस सहित अन्य कर्मचारी बड़ी संख्या में मौजूद थे.