कोटा. कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष अमीन पठान के मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. उनके खिलाफ पहले दो मुकदमे भाजपा शासन में दर्ज हुए थे. इसके बाद उन पर अतिक्रमण के आरोप भी लगे हैं. ऐसे में आज फॉरेस्ट विभाग की टीम ने पुलिस के साथ संबंधित अतिक्रमण को तोड़ा है. इसके तहत अनंतपुरा इलाके में भारी पुलिस जाप्ता मौके पर भेजा गया. बुलडोजर व अन्य मशीनरी के जरिए अतिक्रमण को हटाया गया है.
कांग्रेस नेता अमीन पठान पर आरोप है कि उन्होंने करोड़ों रुपए की फॉरेस्ट की जमीन पर अतिक्रमण कर लिया और इस पर एक बड़ा फार्म हाउस बना लिया है. इस फार्म हाउस में अत्याधुनिक सुविधाएं होने का भी आरोप लग रहा है. जिस पर आज यह कार्रवाई की गई. इस कार्रवाई के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, चार पुलिस उप अधीक्षक, 8 थानाधिकारी और उनका जाप्ता मौके पर मौजूद था. करीब 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया. इनमें आरएसी के जवान भी शामिल हैं. इसके अलावा फॉरेस्ट के अधिकारियों के साथ राजस्व विभाग व प्रशासनिक अधिकारियों की भी बड़ी लंबी फौज मौके पर भेजी गई है.
सुबह 4 बजे से शुरु की तैयारी : सवा तीन घंटे चली कार्रवाई के दौरान मजिस्ट्रेट के रूप में एसडीएम मनीषा तिवारी, एडिशनल एसपी दिलीप सैनी व उपवन संरक्षक कोटा अपूर्व कृष्ण श्रीवास्तव मौजूद थे. प्रशासन ने पहले से ही गुप्त रूप से इस कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी. इसके बाद सुबह 4 बजे अधिकारी अनंतपुरा इलाके में पहुंचे गए. पुलिस, प्रशासन और फॉरेस्ट विभाग के अधिकारियों ने समन्वय बनाकर सुबह 6 बजे से कार्रवाई शुरू कर दी.
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कोटा के डीसीएफ अपूर्व कृष्ण श्रीवास्तव ने बताया कि 4300 स्क्वायर मीटर एरिया में अतिक्रमण हटाया गया है. यह कार्रवाई सुबह 6 बजे से 9:15 बजे तक सवा तीन घंटे चली है, जिसमें बुलडोजर के जरिए अतिक्रमण को हटाया गया. इस जमीन पर आगे भी निगरानी रखी जाएगी, ताकि कोई अतिक्रमण नहीं हो.
मार्च में दो मुकदमे, अप्रैल में मिली जमानत : लाडपुरा रेंजर संजय नागर ने अमीन पठान के खिलाफ 16 मार्च को भी एक मुकदमा दर्ज करवाया था. इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अमीन पठान को 17 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद अवकाशकालीन न्यायाधीश के समक्ष पेश करने पर पठान को जेल भेज दिया गया था. एसीजेएम व डीजे कोर्ट से भी उनकी जमानत अर्जी खारिज हो गई थी. हालांकि, बाद में कांग्रेस नेता ने राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और 2 अप्रैल को उन्हें सशर्त जमानत दे दी थी. इस बीच करीब दो सप्ताह वो जेल में रहे थे. जब वे जेल में बंद थे, तभी 23 मार्च को उन पर चौकीदारों व उनके परिवार को बंधक बनाने का मुकदमा भी अनंतपुरा थाना पुलिस ने दर्ज किया था. इसके बाद ही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हुई है.