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बागेश्वर में बढ़ रही वनाग्नि की घटनाएं, 7.25 हेक्टेयर वन क्षेत्र जला, 19,920 का नुकसान - Forest fire in Bageshwar - FOREST FIRE IN BAGESHWAR

Forest fire figures in Bageshwar, Forest fire in Bageshwar बागेश्वर जिले में वनाग्नि की घटनाएं सामने आ रही हैं. जिससे वन संपदा को भारी नुकसान हो रहा है.वनाग्नि से अब तक 7.25 हेक्टेयर वन क्षेत्र जला है. 19,920 रुपये का नुकसान हुआ है.

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बागेश्वर में बढ़ रही वनाग्नि की घटनाएं
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 21, 2024, 7:22 PM IST

बागेश्वर: जिले में वनों के जलने का सिलसिला थम नहीं रहा है. पिछले कई दिनों में कई स्थानों पर जंगल आग की चपेट में आए. वन विभाग के कर्मचारी और फायर विभाग की टीम लगातार आग बुझाने में जुटी हुई हैं. हालांकि, वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस दौरान वनाग्नि की मात्र नौ ही घटनाएं हुई हैं.

बता दें जिला मुख्यालय के समीपवर्ती जंगलों से लेकर दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के जंगल आग की चपेट में आए. बागेश्वर रेंज के रेखोली,खबडोली,पंद्रहपाली, सनेती, डोबा, जोलाकांडे सहित दर्जनों जंगलों में आग लगी है. कपकोट रेंज के जगथाना, फरसाली, असों, पोथिंग और फरसाली क्षेत्र के जंगल भी आग में झुलसे. कांडा क्षेत्र के धपोलासेरा क्षेत्र के जंगल में भी आग लगी. वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब तक वनाग्नि की केवल नौ घटनाएं दर्ज हुई हैं.

वनाग्नि से अब तक 7.25 हेक्टेयर वन क्षेत्र जला है. 19,920 रुपये का नुकसान हुआ है. लोगों का कहना है कि जंगलों में लगातार लग रही आग से वन संपदा को नुकसान हो रहा है. स्वास्थ्य में भी लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय कन्हैया वर्मा ने बताया जंगल की आग से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. आखों में जलन हो रही है. क्षेत्र में धुआं फैल रहा है. जिससे अन्य समस्याएं भी बढ़ रही हैं.

महिपाल सिंह ने बताया जंगलों की आग को रोकने किया विभाग को ठोस उपाय करने चाहिए. स्थानीय ग्रामीणों के साथ समन्वय बनाना चाहिए. सभी को साथ लेकर चलना होगा वरना आग विकराल रूप ले लेगी. अग्नि शमन अधिकारी गोपाल रावत ने बताया अग्निशमन विभाग को जहां भी आग लगने की सूचना मिल रही है त्वरित रूप से आग बुझाने का कार्य किया जा रहा है. अभी तक हमने 20 से अधिक घटनाओं को रोक दिया है.

पढे़ं- उत्तराखंड में वनाग्नि पर काबू पाने का फार्मूला तय, सैटेलाइट सेंसर होगा मददगार, इंसेंटिव को भी प्लान में किया शामिल - Uttarakhand Forest Fire

बागेश्वर: जिले में वनों के जलने का सिलसिला थम नहीं रहा है. पिछले कई दिनों में कई स्थानों पर जंगल आग की चपेट में आए. वन विभाग के कर्मचारी और फायर विभाग की टीम लगातार आग बुझाने में जुटी हुई हैं. हालांकि, वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस दौरान वनाग्नि की मात्र नौ ही घटनाएं हुई हैं.

बता दें जिला मुख्यालय के समीपवर्ती जंगलों से लेकर दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के जंगल आग की चपेट में आए. बागेश्वर रेंज के रेखोली,खबडोली,पंद्रहपाली, सनेती, डोबा, जोलाकांडे सहित दर्जनों जंगलों में आग लगी है. कपकोट रेंज के जगथाना, फरसाली, असों, पोथिंग और फरसाली क्षेत्र के जंगल भी आग में झुलसे. कांडा क्षेत्र के धपोलासेरा क्षेत्र के जंगल में भी आग लगी. वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब तक वनाग्नि की केवल नौ घटनाएं दर्ज हुई हैं.

वनाग्नि से अब तक 7.25 हेक्टेयर वन क्षेत्र जला है. 19,920 रुपये का नुकसान हुआ है. लोगों का कहना है कि जंगलों में लगातार लग रही आग से वन संपदा को नुकसान हो रहा है. स्वास्थ्य में भी लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय कन्हैया वर्मा ने बताया जंगल की आग से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. आखों में जलन हो रही है. क्षेत्र में धुआं फैल रहा है. जिससे अन्य समस्याएं भी बढ़ रही हैं.

महिपाल सिंह ने बताया जंगलों की आग को रोकने किया विभाग को ठोस उपाय करने चाहिए. स्थानीय ग्रामीणों के साथ समन्वय बनाना चाहिए. सभी को साथ लेकर चलना होगा वरना आग विकराल रूप ले लेगी. अग्नि शमन अधिकारी गोपाल रावत ने बताया अग्निशमन विभाग को जहां भी आग लगने की सूचना मिल रही है त्वरित रूप से आग बुझाने का कार्य किया जा रहा है. अभी तक हमने 20 से अधिक घटनाओं को रोक दिया है.

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