जोधपुर. बाड़मेर जिले के सिणधरी में सड़क दुर्घटना में घायल हुई 25 वर्षीय अनीता को भले ही एम्स अस्पताल के चिकित्सक और परिजन नहीं बचा पाए हो, लेकिन उसने एक अनुकरणीय पहल करते हुए चार लोगों को जीवनदान देने का काम किया है. यह पहला मौका जब एम्स में किसी महिला के अंगदान किए गए हैं.
एम्स अस्पताल के निदेशक डॉ. गोवर्धन दत्त पुरी ने बताया कि 16 जुलाई को अनीता और उसके बच्चे को सड़क दुर्घटना होने के बाद एम्स अस्पताल लाया गया था, जहां 18 जुलाई को उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया. परिजनों को इसकी जानकारी दी गई और उन्हें अंग दान करने के लिए प्रोत्साहित किया गया, लेकिन परिजनों ने कुछ दिन उपचार जारी रखने का आग्रह किया. एम्स प्रशासन ने परिजनों के आग्रह पर अनीता का उपचार जारी रखा, लेकिन जब सभी कोशिश नाकाम हुई तो उन्होंने एक बार फिर परिजनों को इसकी जानकारी देते हुए अंगदान करने की अपील की. परिजनों ने एम्स प्रशासन के आग्रह को स्वीकार किया और उसके बाद अनीता के अंगदान करने का निर्णय लिया गया. जब जांच की गई तो हार्ट, किडनी और लिवर फंक्शन कर रहे थे, जिस पर एसएमएस अस्पताल जयपुर से संपर्क किया गया जहां पर एक मरीज को हार्ट और एक मरीज को किडनी की आवश्यकता थी, जिसे देखते हुए आज रविवार को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर हवाई मार्ग से एक हार्ट और एक किडनी जयपुर एसएमएस भेजे गए हैं, वहीं एक किडनी और एक लीवर एम्स अस्पताल में ही प्रत्यारोपित किए जा रहे हैं.
इसे भी पढ़ें : ब्रेन डेड छात्र ने दिया तीन लोगों को नया जीवन, किडनी, लीवर का जोधपुर में हुआ ट्रांसप्लांट
अनीता के परिजनों ने बताया कि 16 जुलाई को वह सिणधरी से बायतु अपने ससुराल से पीहर जा रही थी, इसी दौरान सड़क दुर्घटना में अनीता और उसका 5 साल का बेटा घायल हो गया, जिसे प्राथमिक उपचार के बाद एम्स अस्पताल में रेफर किया गया था. एम्स अस्पताल प्रशासन की ओर से जब उन्हें अनीता के ब्रेन डेड होने की जानकारी दी गई तो सभी से चर्चा कर अंगदान करने का निर्णय लिया है.