नई दिल्ली: राजधानी के सरकारी स्कूलों में आठ सालों में पहली बार ऐसा हो रहा है कि समर कैंप का आयोजन नहीं किया जा रहा है. इससे पहले आठ सालों से लगातार सरकारी स्कूलों में समर कैंप का आयोजन करके गर्मी की छुट्टियों में कमजोर बच्चों के लिए 'मिशन बुनियाद' के तहत कक्षाएं चलाई जाती थी. लेकिन इस बार सरकारी स्कूलों में 11 मई से छुट्टियां हो चुकी है और किसी भी तरह का कैंप आयोजित नहीं हो रहा है.
जामा मस्जिद स्थित सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य गयूर अहमद ने बताया कि इस बार समर कैंप ना होने के कई कारण हैं. इनमें प्रमुख कारण है कि अधिकतर शिक्षकों की ड्यूटी लोकसभा चुनाव में लगी हुई है. वहीं शिक्षा विभाग में कोई स्थाई शिक्षा निदेशक न होने की वजह से भी इस बार समर कैंप को लेकर कोई आदेश नहीं आया है. बता दें कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद तत्कालीन शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने पढ़ाई में कमजोर बच्चों को मजबूत करने के लिए गर्मी की छुट्टियों में समर कैंप का आयोजन शुरू कराया था.
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इन समर कैंप के दौरान सभी सरकारी स्कूल तीन से चार घंटे खुलते थे, जहां कमजोर बच्चों को अलग-अलग विषय पढ़ाए जाते थे, जिससे उनकी उस विषय पर पकड़ बन सके. इसमें तीसरी से आठवीं कक्षा तक हिंदी-अंग्रेजी पढ़ना और लिखना, गणित की बुनियादी संख्यात्मक गतिविधियां, सह पाठ्यचर्या गतिविधि और बच्चों के वर्तमान पठन और संख्यात्मक स्तर को ध्यान में रखते हुए सत्रों का आयोजन किया जाता था. इसमें एक पीरियड 45 मिनट का हुआ करता था. समर कैंप सुबह साढ़े सात से 11 बजे तक आयोजित होते थे. बच्चों को आर्ट एंड क्राफ्ट सहित अन्य कई तरह के प्रशिक्षण भी दिए जाते थे. पिछले साल 11 मई से 10 जून तक समर कैंप का आयोजन कराया गया था.