कोरबा: बीजेपी के संगठन चुनाव के लिए घमासान जारी है. कहने को तो इसे चुनाव की संज्ञा दी जा रही है, लेकिन पदाधिकारी का चयन सक्रिय सदस्य और वरिष्ठों के साथ बैठकर रायशुमारी की प्रक्रिया से किया रहा है. जिसके लिए लगातार बैठकों का दौर जारी है. बैठकों में आमराय नहीं बन पाने के कारण मंडल अध्यक्ष के पद पर नाम की घोषणा को आगे बढ़ा दिया गया है.
बीजेपी संगठन चुनाव में नया नाम: तय कार्यक्रम के अनुसार 15 दिसंबर तक मंडल अध्यक्ष तय कर लिए जाने थे, लेकिन अब इसे 5 दिन आगे खिसका दिया गया है. अब 20 दिसंबर तक मंडल अध्यक्षों के नाम की घोषणा होगी. कोरबा जिला भाजपा संगठन के लिहाज से 19 मंडलों में विभाजित है. जब मंडल अध्यक्ष तय हो जाएंगे, तब वह सभी मिलकर एक जिलाध्यक्ष चुनेंगे, इसकी घोषणा प्रदेश स्तर से ही होगी. उम्र के बंधन के साथ ही इस बार नए चेहरे को चुना जाएगा. किसी भी मंडल या जिलाध्यक्ष का नाम रिपीट नहीं करने के निर्देश है.
मंडल अध्यक्ष के लिए ये मापदंड तय: मंडल अध्यक्ष पद के लिए जो उम्र का बंधन लागू किया है. वह 35 से 45 वर्ष के बीच है. मंडल के बूथ के सभी सदस्य, सक्रिय सदस्य और अन्य कार्यकर्ताओं से रायशुमारी की जाएगी. संबंधित क्षेत्र के विधायक व वरिष्ठ भाजपाइयों से चर्चा के बाद ही एक नाम फाइनल किया जाएगा. एक मंडल से तीन नाम प्रदेश को भेजे जाएंगे. जहां मंडल के कार्यकर्ताओं से रायशुमारी के जरिए एक नाम फाइनल किया जाएगा. यदि किसी नाम पर वर्तमान विधायक व वरिष्ठ पदाधिकारी को आपत्ति हो, चुनाव में विरोध करने या किसी भी तरह के असंतोष जाहिर करने का इतिहास रहा हो, तब उस नाम पर विचार नहीं किया जाएगा. ऐसे विरोधी स्वभाव के व्यक्ति को मंडल अध्यक्ष का पद नहीं दिया जाएगा. सीधे सरल व्यक्ति को ही प्राथमिकता मिलेगी.
मंडल अध्यक्ष मिलकर करेंगे जिलाध्यक्ष का चयन : जिलाध्यक्ष के लिए उम्र की सीमा 45 से 60 वर्ष के बीच है. जिलाध्यक्ष का चयन सभी मंडल अध्यक्ष मिलकर करेंगे. कोरबा जिले में 19 मंडल हैं, इस लिहाज से 19 मंडल अध्यक्ष मिलकर जिलाध्यक्ष का नाम तय करेंगे. इसकी घोषणा प्रदेश स्तर से ही होगी. चुनाव अधिकारी जिलाध्यक्ष के नाम लेकर प्रदेश जाएंगे और वहीं से इसकी घोषणा भी होगी.
संविधान से चलने वाली पार्टी है भाजपा: बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजा पांडे को कोरबा जिला के लिए चुनाव अधिकारी बनाया गया है. उन्होंने बताया कि भाजपा संविधान से चलने वाली पार्टी है. बूथ से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक के पदों का चयन संविधान के अनुसार किया जाता है. सबका अलग-अलग स्तर है. सबसे पहले सामान्य सदस्य बना, सामान्य सदस्य बनने के बाद सक्रिय सदस्य बनना. सक्रिय सदस्य बनने के लिए नियम तय हैं. लगातार 5, 6 साल काम करते और किसी न किसी पद पर रहने के बाद सक्रिय सदस्य बनते हैं. जो सक्रिय सदस्य हैं वहीं चुनाव लड़ सकते हैं. जिन्हें पदाधिकारी बनाया जा सकता है.
सभी 19 मंडल में चुनाव प्रभारी: राजा पांडे ने बताते हैं कि कोरबा के सभी 19 मंडल में चुनाव प्रभारी बनाए गए हैं. बूथ अध्यक्ष के साथ बैठकर हर मंडल में प्रमुख लोगों की श्रेणी बनाई गई है. जिला पदाधिकारी, प्रदेश पदाधिकारी, पुराने मंडल अधिकारी और जितने भी प्रमुख लोग हैं. रायशुमारी करके 5, 6 नाम निकाले जाएंगे और दोबारा बैठकर इनमें से तीन नाम तय किए जाएंगे. एक ही व्यक्ति मंडल अध्यक्ष बन सकता है. जिसके चयन के बाद मंडल में कई पद होते हैं. सभी को अलग-अलग पद दिए जाएंगे. सर्वसम्मति से मंडल को चुनाव होने के बाद एकराय करने का प्रयास करेंगे और सर्वसम्मति से एक जिलाध्यक्ष बनेंगे.
जिलाध्यक्ष चुनेंगे प्रदेश अध्यक्ष: जब इसी तरह से छत्तीसगढ़ के 33 जिलों में जिलाध्यक्ष बन जाएंगे तब वह सब मिलकर एक प्रदेश अध्यक्ष बनाएंगे. इसमें किसी तरह का चुनाव नहीं होगा. मनोनयन ही होगा. पांडे बताते हैं कि चुनाव होता है तो वैमनस्यता आ जाती है. हम बार-बार बैठते हैं और यह पार्टी का इंटरनल चुनाव है. किसी के बीच आपसी मतभेद नहीं होना चाहिए.
बीजेपी संगठन चुनाव में उम्र का बंधन भी तय कर दिया जाया गया है. मंडल के लिए 35 से 45 वर्ष, अध्यक्ष पद के लिए 45 से 60 वर्ष है. यदि कोई ऐसा व्यक्ति जो विधायक सांसद के चुनाव में विरोध करने वाला रहा हो, जिसकी शिकायत मिलेगी. तब ऐसे लोगों को पद नहीं दिया जाएगा. सभी नामों की सूची को लेकर प्रदेश स्तर में अंतिम नाम तय किया जाएंगे.