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अब आपके घर आएगी फूड सेफ्टी लैब, 10 मिनट में जान सकेंगे खाने-पीने का सामान असली है या मिलावटी - Food Safety Lab on Wheels

लोगों की सेहत से खिलवाड़ न हो सके इसको लेकर फूड सेफ्टी विभाग ने नई पहल शुरु की है. पूरे प्रदेश में फूड सेफ्टी ऑन व्हील यानिकि एक चलती लैब आपके खाने की सामग्री की जांच करेगी. यह आपके दरवाजे पर आकर महज चंद मिनटों में आपको मिलावट की जानकारी देगी.

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फूड सेफ्टी ऑन व्हील (photo credit- Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 26, 2024, 8:47 AM IST

Updated : Jul 26, 2024, 11:41 AM IST

सहायक खाद्य आयुक्त विजय प्रताप सिंह ने दी जानकारी (video credit- etv bharat)

लखनऊ : आप जो रोजाना खाने-पीने की चीजें इस्तेमाल कर रहे हैं, वह असली है या नकली यह जानने का पूरा अधिकार है. लेकिन क्या इसकी जानकारी आपको वो दुकानदार देगा जो इसे बेचता है? या डेरी संचालक आपको बताएगा कि उसका दूध मिलावटी है? शायद नहीं. ऐसे में आप कैसे खाद्य पदार्थ की शुद्धता परखें? आपकी इसी चिंता को दूर करने के लिए फूड सेफ्टी विभाग अब आपके द्वार अपनी पूरी लैब लेकर आएगा. यह महज दस मिनट में बता देगा कि आपके द्वारा लाया गया पदार्थ मिलावटी है या नहीं. यदि है तो कितना सेहत के लिए खतरनाक है.

सहायक खाद्य आयुक्त लखनऊ विजय प्रताप सिंह ने बताया, कि आज के समय हर वक्त स्वास्थ्य के प्रति काफी सजग है. बावजूद इसके वह तरह तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहा है. इसके पीछे का कारण उसके द्वारा उपभोग किए जा रहे खाद्य पदार्थ का मिलावटी होना है. यही वजह है, कि फूड सेफ्टी विभाग समय समय पर मार्केट में बिक रहे खाद्य सामग्रियों की जांच कर कार्रवाई करता है, ताकि लोगों की सेहत से खिलवाड़ न हो सके. इसी को और मजबूती देते हुए पूरे प्रदेश में फूड सेफ्टी ऑन व्हील यानिकि एक चलती लैब जो कहीं भी किसी भी समय ले जाया जा सके. वह हर गली मोहल्ले जा रही है. इस गाड़ी में खाद्य सामग्री को जांच करने वाले उपकरण और स्पेक्लिस्ट मौजूद होंगे.

इसे भी पढ़े-23 करोड़ रुपये से बन रही एडवांस्ड लैब, मिनटों में आयेंगे सैंपल के रिजल्ट

सहायक खाद्य आयुक्त ने बताया, कि लखनऊ में 28 जोन हैं, और हम अपनी फूड सेफ्टी ऑन व्हील गाड़ी को रोजाना एक जोन में भेजेंगे. जहां कोई भी व्यक्ति इस लैब के पास अपनी कोई भी खाद्य सामग्री, जिसमें सब्जी मसाले, दूध, घी, तेल, पनीर, पैक्ड सामग्री लेकर आ सकेंगे और हमारी टीम तत्काल 10 मिनट में नतीजा दे देगी कि उनके द्वारा लाई गई सामग्री असली है या मिलावटी. उन्होंने बताया इस दौरान हम कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेंगे. ऐसे में कोई भी दुकानदार अपने दुकान में बेची जा रही सामग्री की जांच करवा सकता है.

अधिकारी ने बताया, कि सामग्री में मिलावट है या नही फौरी तौर पर आम लोग भी इसकी जांच कर सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे घर में ही की जा सकती है खाद्य सामग्री की जांच.

ऐसे करें जांच: दूध, खोया, छेना और पनीर की कैसे की जा सकती है जांच. दूध, खोया, छेना और पनीर की जांच करने के लिए सामग्री का दो मिली सैंपल लेना होगा. उसमें 5 मिली गर्म पानी मिला लें. सैंपल को ठंडा कर लें इसके बाद मेडिकल स्टोर पर आसानी से मिलने वाला टिंक्चर अश्वफ आयोडीन की 2 बूंद मिला लें. सैंपल यदि नीला हो जाए तो समझिए सामग्री में स्टार्च की मिलावट की गई है.

2: घी और मक्खन की कैसे करें जांच :बाजारों में घी और मक्खन में जम कर मिलावट की जाती है, ये मिलावट आम आदमी आसानी से पहचान नहीं कर सकता है. मिलावटी घी और मक्खन बेचने के लिए मिलावटखोर आलू व शकरकंदी समेत स्टार्च की मिलावट करते हैं. इसकी जांच करने के लिए कांच की कटोरी में आधा चम्मच घी या मक्खन लेना होगा. इस सैंपल में 2 बूंद टिंक्चर अश्वफ आयोडीन मिलाना होगा. सैंपल नीला हो तो समझ लें कि घी या मक्खन में आलू, शकरकंदी या अन्य स्टार्च की मिलावट की गई है.

3: शक्कर की जांच ऐसे करें: शक्कर के बिना मिठाई बन नहीं सकती. ऐसे में दीपावली में शक्कर की बिक्री भी जमकर होती है. मिलावटखोर इसी का फायदा उठाते हैं और ज्यादा पैसा कमाने के लिए चीनी में चॉक, खड़िया, पिट्ठी चीनी या गुड़ मिलाते है. हालांकि शक्कर की गुणवत्ता जांच करने के भी घरेलू तरीका मौजूद है. जांचने के लिए कांच के पारदर्शी ग्लास लें. पानी में 10 ग्राम चीनी का सैंपल डाल दीजिए. सैंपल में ली गई चीनी में पिठ्ठी चीनी, गुड़ या चॉक खड़िया मिला होगा तो मिलावटी पदार्थ गिलास के तले पर जाकर बैठ जाएगा.

4: मिठाई में लगे चांदी के वर्क की जांच करें : मिठाई में चांदी का वर्क लगा हो तो उसकी खूबसूरती बढ़ जाती है. हालांकि यह खूबसूरती खतरनाक भी हो सकती है, यदि वर्क नकली हो. मिठाई में चांदी की वर्क की जगह मिलावटखोर एल्यूमिनियम के वर्क का इस्तमाल करते हैं. इसकी जांच करने का भी तरीका उपलब्ध है.चांदी के वर्क के कुछ पत्र लेकर अपनी दो उंगलियों से मसले. शुद्ध चांदी का वर्क आसानी से चूरा बन जाएगा, जबकि एल्यूमीनियम का वर्क के छोटे छोटे टुकड़े हो जाएंगे. इसके बाद फिर से मिलावटी सैंपल के कुछ वर्क लेकर उसकी एक गेंद जैसी बना लें और उसको मोमबत्ती की लौ से जला लें. शुद्ध चांदी वर्क पूरी तरह जल जाएगा और उसकी रख के चमकदार गोले बन जाएंगे, जबकि एल्यूमीनियम का वर्क पूरी तरह स्लेटी रंग की रख में बदल जायेगा.

5: हल्दी की जांच करने का तरीका: मिलावटी हल्दी खाने वालों के बीमार होने का ज्यादा संभावना होती है. आइए जानते हैं कि कैसे असली हल्दी की पहचान करें. बाजार से खरीदी गई पीसी हुई हल्दी को एक कांच के पारदर्शी गिलास में डालें, उसमें थोड़ा पानी भर दें. प्राकृतिक हल्दी पानी में डालते ही हल्का पीला रंग छोड़ती है और गिलास की तली में जाकर बैठ जाती है. नकली हल्दी पानी में डालने पर तेज पीला रंग छोड़ती है और तली में जाकर बैठ जाती है.

6 नकली केसर की पहचान कैसे करें : शुद्ध केशर को तोड़ने पर वह नकली केसर की तरह आसानी से नहीं टूटता है. नकली केसर को सूखे भुट्ठे के बालों को चीनी और कोलतार आई घोल में डुबोकर बनाया जाता है. जांच करने के लिए एक कांच के पारदर्शी गिलास में पानी लेकर उसमें केसर की थोड़ी मात्रा मिला लें. यदि केसर मिलावट होगा तो पानी में नकली रंग तुरंत घुल जाएगा. यदि शुद्ध केसर को पानी में डाला जायेगा तो या तुरंत पानी में केसरी रंग देता रहेगा.

कहां करें शिकायत: अधिकारी के मुताबिक, खाद्य सामग्री की जांच करने पर यदि वह नकली निकले तो उपभोक्ता इसकी शिकायत कर सकता है. इसके लिए कई प्लेटफार्म है, जैसे मेल करने के लिए compliance@fssai.gov.in , वाट्सएप करने के लिए 9868686868, टोल फ्री नंबर 1800112100 या अपने जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारी को भी पर कॉल कर सकते हैं.

यह भी पढ़े-फिरोजाबाद में विकसित होगी फ्यूचरिस्टिक टाउनशिप, जमीन की तलाश शुरू, मिलेंगी मेट्रो सिटी जैसी सुविधाएं - Firozabad Futuristic Township

सहायक खाद्य आयुक्त विजय प्रताप सिंह ने दी जानकारी (video credit- etv bharat)

लखनऊ : आप जो रोजाना खाने-पीने की चीजें इस्तेमाल कर रहे हैं, वह असली है या नकली यह जानने का पूरा अधिकार है. लेकिन क्या इसकी जानकारी आपको वो दुकानदार देगा जो इसे बेचता है? या डेरी संचालक आपको बताएगा कि उसका दूध मिलावटी है? शायद नहीं. ऐसे में आप कैसे खाद्य पदार्थ की शुद्धता परखें? आपकी इसी चिंता को दूर करने के लिए फूड सेफ्टी विभाग अब आपके द्वार अपनी पूरी लैब लेकर आएगा. यह महज दस मिनट में बता देगा कि आपके द्वारा लाया गया पदार्थ मिलावटी है या नहीं. यदि है तो कितना सेहत के लिए खतरनाक है.

सहायक खाद्य आयुक्त लखनऊ विजय प्रताप सिंह ने बताया, कि आज के समय हर वक्त स्वास्थ्य के प्रति काफी सजग है. बावजूद इसके वह तरह तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहा है. इसके पीछे का कारण उसके द्वारा उपभोग किए जा रहे खाद्य पदार्थ का मिलावटी होना है. यही वजह है, कि फूड सेफ्टी विभाग समय समय पर मार्केट में बिक रहे खाद्य सामग्रियों की जांच कर कार्रवाई करता है, ताकि लोगों की सेहत से खिलवाड़ न हो सके. इसी को और मजबूती देते हुए पूरे प्रदेश में फूड सेफ्टी ऑन व्हील यानिकि एक चलती लैब जो कहीं भी किसी भी समय ले जाया जा सके. वह हर गली मोहल्ले जा रही है. इस गाड़ी में खाद्य सामग्री को जांच करने वाले उपकरण और स्पेक्लिस्ट मौजूद होंगे.

इसे भी पढ़े-23 करोड़ रुपये से बन रही एडवांस्ड लैब, मिनटों में आयेंगे सैंपल के रिजल्ट

सहायक खाद्य आयुक्त ने बताया, कि लखनऊ में 28 जोन हैं, और हम अपनी फूड सेफ्टी ऑन व्हील गाड़ी को रोजाना एक जोन में भेजेंगे. जहां कोई भी व्यक्ति इस लैब के पास अपनी कोई भी खाद्य सामग्री, जिसमें सब्जी मसाले, दूध, घी, तेल, पनीर, पैक्ड सामग्री लेकर आ सकेंगे और हमारी टीम तत्काल 10 मिनट में नतीजा दे देगी कि उनके द्वारा लाई गई सामग्री असली है या मिलावटी. उन्होंने बताया इस दौरान हम कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेंगे. ऐसे में कोई भी दुकानदार अपने दुकान में बेची जा रही सामग्री की जांच करवा सकता है.

अधिकारी ने बताया, कि सामग्री में मिलावट है या नही फौरी तौर पर आम लोग भी इसकी जांच कर सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे घर में ही की जा सकती है खाद्य सामग्री की जांच.

ऐसे करें जांच: दूध, खोया, छेना और पनीर की कैसे की जा सकती है जांच. दूध, खोया, छेना और पनीर की जांच करने के लिए सामग्री का दो मिली सैंपल लेना होगा. उसमें 5 मिली गर्म पानी मिला लें. सैंपल को ठंडा कर लें इसके बाद मेडिकल स्टोर पर आसानी से मिलने वाला टिंक्चर अश्वफ आयोडीन की 2 बूंद मिला लें. सैंपल यदि नीला हो जाए तो समझिए सामग्री में स्टार्च की मिलावट की गई है.

2: घी और मक्खन की कैसे करें जांच :बाजारों में घी और मक्खन में जम कर मिलावट की जाती है, ये मिलावट आम आदमी आसानी से पहचान नहीं कर सकता है. मिलावटी घी और मक्खन बेचने के लिए मिलावटखोर आलू व शकरकंदी समेत स्टार्च की मिलावट करते हैं. इसकी जांच करने के लिए कांच की कटोरी में आधा चम्मच घी या मक्खन लेना होगा. इस सैंपल में 2 बूंद टिंक्चर अश्वफ आयोडीन मिलाना होगा. सैंपल नीला हो तो समझ लें कि घी या मक्खन में आलू, शकरकंदी या अन्य स्टार्च की मिलावट की गई है.

3: शक्कर की जांच ऐसे करें: शक्कर के बिना मिठाई बन नहीं सकती. ऐसे में दीपावली में शक्कर की बिक्री भी जमकर होती है. मिलावटखोर इसी का फायदा उठाते हैं और ज्यादा पैसा कमाने के लिए चीनी में चॉक, खड़िया, पिट्ठी चीनी या गुड़ मिलाते है. हालांकि शक्कर की गुणवत्ता जांच करने के भी घरेलू तरीका मौजूद है. जांचने के लिए कांच के पारदर्शी ग्लास लें. पानी में 10 ग्राम चीनी का सैंपल डाल दीजिए. सैंपल में ली गई चीनी में पिठ्ठी चीनी, गुड़ या चॉक खड़िया मिला होगा तो मिलावटी पदार्थ गिलास के तले पर जाकर बैठ जाएगा.

4: मिठाई में लगे चांदी के वर्क की जांच करें : मिठाई में चांदी का वर्क लगा हो तो उसकी खूबसूरती बढ़ जाती है. हालांकि यह खूबसूरती खतरनाक भी हो सकती है, यदि वर्क नकली हो. मिठाई में चांदी की वर्क की जगह मिलावटखोर एल्यूमिनियम के वर्क का इस्तमाल करते हैं. इसकी जांच करने का भी तरीका उपलब्ध है.चांदी के वर्क के कुछ पत्र लेकर अपनी दो उंगलियों से मसले. शुद्ध चांदी का वर्क आसानी से चूरा बन जाएगा, जबकि एल्यूमीनियम का वर्क के छोटे छोटे टुकड़े हो जाएंगे. इसके बाद फिर से मिलावटी सैंपल के कुछ वर्क लेकर उसकी एक गेंद जैसी बना लें और उसको मोमबत्ती की लौ से जला लें. शुद्ध चांदी वर्क पूरी तरह जल जाएगा और उसकी रख के चमकदार गोले बन जाएंगे, जबकि एल्यूमीनियम का वर्क पूरी तरह स्लेटी रंग की रख में बदल जायेगा.

5: हल्दी की जांच करने का तरीका: मिलावटी हल्दी खाने वालों के बीमार होने का ज्यादा संभावना होती है. आइए जानते हैं कि कैसे असली हल्दी की पहचान करें. बाजार से खरीदी गई पीसी हुई हल्दी को एक कांच के पारदर्शी गिलास में डालें, उसमें थोड़ा पानी भर दें. प्राकृतिक हल्दी पानी में डालते ही हल्का पीला रंग छोड़ती है और गिलास की तली में जाकर बैठ जाती है. नकली हल्दी पानी में डालने पर तेज पीला रंग छोड़ती है और तली में जाकर बैठ जाती है.

6 नकली केसर की पहचान कैसे करें : शुद्ध केशर को तोड़ने पर वह नकली केसर की तरह आसानी से नहीं टूटता है. नकली केसर को सूखे भुट्ठे के बालों को चीनी और कोलतार आई घोल में डुबोकर बनाया जाता है. जांच करने के लिए एक कांच के पारदर्शी गिलास में पानी लेकर उसमें केसर की थोड़ी मात्रा मिला लें. यदि केसर मिलावट होगा तो पानी में नकली रंग तुरंत घुल जाएगा. यदि शुद्ध केसर को पानी में डाला जायेगा तो या तुरंत पानी में केसरी रंग देता रहेगा.

कहां करें शिकायत: अधिकारी के मुताबिक, खाद्य सामग्री की जांच करने पर यदि वह नकली निकले तो उपभोक्ता इसकी शिकायत कर सकता है. इसके लिए कई प्लेटफार्म है, जैसे मेल करने के लिए compliance@fssai.gov.in , वाट्सएप करने के लिए 9868686868, टोल फ्री नंबर 1800112100 या अपने जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारी को भी पर कॉल कर सकते हैं.

यह भी पढ़े-फिरोजाबाद में विकसित होगी फ्यूचरिस्टिक टाउनशिप, जमीन की तलाश शुरू, मिलेंगी मेट्रो सिटी जैसी सुविधाएं - Firozabad Futuristic Township

Last Updated : Jul 26, 2024, 11:41 AM IST
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