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बदलते मौसम में कैसे रखें अपना और अपनों का ख्याल, जानिए फूड एक्सपर्ट्स की राय

Health Tips, मार्च की शुरुआत के साथ ठंड की विदाई हो रही है और तापमान में इजाफा भी देखा जा रहा है. मौसम के बदलाव का यह ऐसा दौर है, जब लोग खानपान की आदतों पर ध्यान नहीं देने के कारण भी बीमार हो जाते हैं. दिन में गर्मी जैसा माहौल और रात में हल्की ठंड के कारण अक्सर लोग खानपान की आदतों में छोटी-मोटी लापरवाही करते हैं. इसके कारण कोल्ड और कफ का शिकार हो जाते हैं. एसएमएस डाइट एक्सपर्ट नेहा यदुवंशी बता रहीं हैं कि कैसे खुद को रखें सेहतमंद.

Opinion Of Food Experts
बदलते मौसम में अपनों का ख्याल कैसे रखें
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 1, 2024, 10:08 AM IST

बदलते मौसम में अपनों का ख्याल कैसे रखें

जयपुर. मौसम के बदलाव के वक्त खुद को तंदुरुस्त रखने के लिए शरीर में पानी की मात्रा का संतुलन बेहद जरूरी होता है, क्योंकि शरीर में पानी का संतुलन ही बदन के तापमान के नियंत्रण का कारगर उपाय होता है. पानी ही पोषक तत्वों को शरीर में सभी हिस्सों तक पहुंचाने के लिए एक अहम जरिया होता है.

रोज 2.5 लीटर पानी पीएं : डाइट एक्सपर्ट नेहा यदुवंशी के मुताबिक दिनभर में यदि 10 से 12 गिलास पानी शरीर में जाता है, तो यह शरीर को स्वस्थ रखने में काफी मददगार होता है. तरल पदार्थ भले ही डिटॉक्स लिक्विड या अन्य किसी रूप में भी हो सकते हैं. इसके अलावा लेमन जिंजर टी, लेमन ग्रास टी या नेटललीफ टी की मदद से शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ-साथ इम्यूनिटी को भी बेहतर बनाया जा सकता है.

मौसम के अनुकूल फलाहार : नेहा यदुवंशी बताती हैं कि प्रकृति ने मौसम के अनुकूल फल देने की जो व्यवस्था की है, वह शरीर को मजबूत बनाने के लिए काफी मददगार होता है. इस मौसम में संतरे, मौसमी, अंगूर, बेर के अलावा गाजर और बीट रूट आ रहे हैं. ये सभी फल हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करने के साथ-साथ पोषक तत्वों को बढ़ाते हैं. इनसे शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा बढ़ती है. यह सभी खाद्य पदार्थ शरीर को कोल्ड, कफ़ और फ्लू से मुकाबला करने की क्षमता देते हैं. खासतौर पर मौसम के अनुसार ऋतु फल खाने से शरीर मजबूत बनता है.

शहद के साथ सोंठ का सेवन : सूखी अदरक का पाउडर यानी सोंठ अगर इस मौसम में शहद के साथ ली जाए, जिसमें स्वाद के मुताबिक गुड़ और घी मिलाकर तैयार किया गया पेस्ट का सेवन सुबह शाम करने से भी शरीर की इम्युनिटी मजबूत होती है. साथ ही कफ की संभावना कम हो जाएगी. इस दौरान नेजल केयर भी जरूरी है.

इसे भी पढ़ें- हार्ट अटैक के बढ़ते मामले, विशेषज्ञ ने बताई वजह, दी आदतें बदलने की सलाह

नाक में डाले सरसों की तेल की बूंद : नेहा यदुवंशी के मुताबिक यह मौसम एलर्जी का होता है, इसलिए इस दौरान रात को सोते समय नाक में सरसों के तेल या घी को हल्का गर्म करने के बाद डाली गई बूंद नींद को बेहतर बनाने के साथ-साथ एलर्जी से भी बचाव करते हैं. इसके अलावा छाती में कफ जमने की स्थिति में भाप लेना अच्छा उपाय है. पानी को गर्म करते वक्त पान का पत्ता या फिर सफेदे का पत्ता डालकर 5 से 10 मिनट भाप लेना शरीर से जमे कफ को बाहर करता है.

COUGH (खांसी के खात्मे के घरेलू उपाय) :

  1. एक चमच्च शहद, आधी चमच्च धागे वाली मिश्री का चूर्ण, एक चौथाई चमच्च काली मिर्च का चूर्ण. सबको आपस में मिक्स करके दिन में दो से तीन बार सेवन करने से हर तरह की खांसी में लाभ होता है.
  2. 5 ग्राम पुराने गुड़ में 1 चमच्च सरसों का तेल मिला करके पेस्ट बना लें. इसका दिन में दो बार सेवन करने से यह सुखी खांसी, अस्थमा आदि रोग में रामबाण है.
  3. बलगम खांसी में गर्म दवाओं या एलोपैथी से खांसी में आराम तो हो जाता है, परंतु वह कफ को सुखा देते हैं, जो निकालता नहीं है, जिससे बार-बार खांसी होती है. ऐसे में अलसी का काढ़ा बना कर उसमें मिश्री मिला कर सेवन करें. कफ मुंह या गुदा से बाहर निकल जाता है.
  4. मुलैठी का काढ़ा बना कर या मुलैठी का आधी चमच्च चूर्ण दो चमच्च शहद के साथ सेवन करते रहने से खून बढ़ता है, कफ दोष कम होता है, खांसी जुखाम श्वांस संबंधित रोगों में लाभकारी है, एनीमिया रोग में लाभकारी है.

बदलते मौसम में अपनों का ख्याल कैसे रखें

जयपुर. मौसम के बदलाव के वक्त खुद को तंदुरुस्त रखने के लिए शरीर में पानी की मात्रा का संतुलन बेहद जरूरी होता है, क्योंकि शरीर में पानी का संतुलन ही बदन के तापमान के नियंत्रण का कारगर उपाय होता है. पानी ही पोषक तत्वों को शरीर में सभी हिस्सों तक पहुंचाने के लिए एक अहम जरिया होता है.

रोज 2.5 लीटर पानी पीएं : डाइट एक्सपर्ट नेहा यदुवंशी के मुताबिक दिनभर में यदि 10 से 12 गिलास पानी शरीर में जाता है, तो यह शरीर को स्वस्थ रखने में काफी मददगार होता है. तरल पदार्थ भले ही डिटॉक्स लिक्विड या अन्य किसी रूप में भी हो सकते हैं. इसके अलावा लेमन जिंजर टी, लेमन ग्रास टी या नेटललीफ टी की मदद से शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ-साथ इम्यूनिटी को भी बेहतर बनाया जा सकता है.

मौसम के अनुकूल फलाहार : नेहा यदुवंशी बताती हैं कि प्रकृति ने मौसम के अनुकूल फल देने की जो व्यवस्था की है, वह शरीर को मजबूत बनाने के लिए काफी मददगार होता है. इस मौसम में संतरे, मौसमी, अंगूर, बेर के अलावा गाजर और बीट रूट आ रहे हैं. ये सभी फल हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करने के साथ-साथ पोषक तत्वों को बढ़ाते हैं. इनसे शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा बढ़ती है. यह सभी खाद्य पदार्थ शरीर को कोल्ड, कफ़ और फ्लू से मुकाबला करने की क्षमता देते हैं. खासतौर पर मौसम के अनुसार ऋतु फल खाने से शरीर मजबूत बनता है.

शहद के साथ सोंठ का सेवन : सूखी अदरक का पाउडर यानी सोंठ अगर इस मौसम में शहद के साथ ली जाए, जिसमें स्वाद के मुताबिक गुड़ और घी मिलाकर तैयार किया गया पेस्ट का सेवन सुबह शाम करने से भी शरीर की इम्युनिटी मजबूत होती है. साथ ही कफ की संभावना कम हो जाएगी. इस दौरान नेजल केयर भी जरूरी है.

इसे भी पढ़ें- हार्ट अटैक के बढ़ते मामले, विशेषज्ञ ने बताई वजह, दी आदतें बदलने की सलाह

नाक में डाले सरसों की तेल की बूंद : नेहा यदुवंशी के मुताबिक यह मौसम एलर्जी का होता है, इसलिए इस दौरान रात को सोते समय नाक में सरसों के तेल या घी को हल्का गर्म करने के बाद डाली गई बूंद नींद को बेहतर बनाने के साथ-साथ एलर्जी से भी बचाव करते हैं. इसके अलावा छाती में कफ जमने की स्थिति में भाप लेना अच्छा उपाय है. पानी को गर्म करते वक्त पान का पत्ता या फिर सफेदे का पत्ता डालकर 5 से 10 मिनट भाप लेना शरीर से जमे कफ को बाहर करता है.

COUGH (खांसी के खात्मे के घरेलू उपाय) :

  1. एक चमच्च शहद, आधी चमच्च धागे वाली मिश्री का चूर्ण, एक चौथाई चमच्च काली मिर्च का चूर्ण. सबको आपस में मिक्स करके दिन में दो से तीन बार सेवन करने से हर तरह की खांसी में लाभ होता है.
  2. 5 ग्राम पुराने गुड़ में 1 चमच्च सरसों का तेल मिला करके पेस्ट बना लें. इसका दिन में दो बार सेवन करने से यह सुखी खांसी, अस्थमा आदि रोग में रामबाण है.
  3. बलगम खांसी में गर्म दवाओं या एलोपैथी से खांसी में आराम तो हो जाता है, परंतु वह कफ को सुखा देते हैं, जो निकालता नहीं है, जिससे बार-बार खांसी होती है. ऐसे में अलसी का काढ़ा बना कर उसमें मिश्री मिला कर सेवन करें. कफ मुंह या गुदा से बाहर निकल जाता है.
  4. मुलैठी का काढ़ा बना कर या मुलैठी का आधी चमच्च चूर्ण दो चमच्च शहद के साथ सेवन करते रहने से खून बढ़ता है, कफ दोष कम होता है, खांसी जुखाम श्वांस संबंधित रोगों में लाभकारी है, एनीमिया रोग में लाभकारी है.
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