रीवा। यूपी में का बा" के माध्यम से योगी सरकार को घेरने वाली लोक गायिका नेहा सिंह राठौर का एक और वीडियो सोशल मिडिया में जमकर वायरल हो रहा है. अपने गायकी के माध्यम से अक्सर कई राज्यों की सरकार को कटघरे में खड़े करने वाली लोक गायिका नेहा सिंह एक बार फिर सुर्खियों में आ गईं हैं. इस बार वायरल हुआ वीडियो रीवा के लिए है. वायरल वीडियो में नेहा सिंह ने रीवा से बीजेपी सांसद व प्रत्याशी को घेरने का प्रयास किया है. जिसमें वह लोक गीत के माध्यम से यह कहते हुए दिखाई दे रही हैं, भारी अत्याचार बा मिलल नहीं रोजगार बा" भ्रष्टाचार भयंकर कईलय चारो और गोहर बा" "बइकल बोचर संसद बनिगे लिहिन कमीशन लूटीन जम के कर दीनहिन बर्बाद बा" "रीवा में का बा"...
लोक गायिका का एक और वीडियो वायरल
रीवा जिले में इन दिनों चुनावी सरगर्मियां चरम पर है. आगामी 26 अप्रैल को रीवा में लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं. इस चुनावी माहौल के बीच मशहूर और हमेशा सुर्खियों में रहने वाली लोक गायिका नेहा सिंह का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. जिसमें वह रीवा संसदीय सीट से बीजेपी सांसद व लोकसभा प्रत्याशी जनार्दन मिश्रा को अपने ही अंदाज में घेरते हुए दिखाई दे रही हैं. अपने ही गाने के माध्यम से नेहा सिंह राठौर ने कई गंभीर आरोप भी लगाएं हैं.
गीत के माध्यम से पूछा "रीवा में का बा" बीजेपी सांसद को भी घेरा
नेहा सिंह राठौर के वायरल हो रहे इस वीडियो ने रीवा की राजनीति में बड़ा भूचाल मचा कर रख दिया है. जिसके चलते बीजेपी को कही न इससे बड़ा नुकसान भी होगा. हालांकि वीडियो किसने वायरल किया और इसके पीछे का उद्देश्य क्या है. इसके बारे में अभी पता नहीं लग पाया है, लेकिन नेहा सिंह राठौर का वायरल हुआ वीडियो "रीवा में का बा" सोशल मीरियाई में जमकर सुर्खियां बटोर रहा है.
यहां पढ़ें... लोक गायिका ने एमपी सरकार को बताया लप्पू-झप्पू की सरकार, शिवराज के मंत्रियों को दिया ये नाम MP में 'का बा' पार्ट-2 लांच, नेहा सिंह बोलीं- लप्पू सी सरकार बा, गप्पू इनका सरदार बा... |
विधानसभा चुनाव में नेहा सिंह ने पूछा था एमपी में का बा...
गौरतलब है कि एमपी विधानसभा चुनाव के वक्त भी लोक गायिका नेहा सिंह राठौर के कई वीडियो वायरल हुए थे. जिसमें वह एमपी में का बा...पार्ट लेकर आईं थी. नेहा सिंह ने सीधी पेशाब कांड को लेकर भी सवाल उठाए थे और उस पर एक गाना तैयार किया था. अपनी गायिकी के जरिए विधानसभा चुनाव के समय नेहा सिंह ने एमपी की प्रदेश सरकार से लेकर केंद्र सरकार पर जमकर सवालिया निशान उठाए थे.