देहरादून: आगामी मानसून और चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी तरह की आपदा से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण USDM ने सभी विभागों के नोडल अधिकारियों की तैनाती कर दी है. किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए तत्काल एक्शन लेने को लेकर इन सभी नोडल अधिकारियों, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों के साथ सभी लाइन डिपार्टमेंट्स के अधिकारियों को इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम पर ट्रेनिंग दी गई.
आपदा में बेहतर रिस्पांस के लिए काम करता है IRS: सोमवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NDMA) के प्रोफेसर शेखर चतुर्वेदी ने वर्चुअली संबोधित करते हुए आपदा के समय इंस्टेंट रिस्पांस सिस्टम यानी IRS के महत्व और उपयोगिता के बारे में बताया. उन्होंने कहा आईआरएस एक ऐसा इंटीग्रेटेड सिस्टम है, जिसके माध्यम से आपदा के समय राहत और बचाव कार्यों को बेहतर तरीके से ऑपरेट करने में मदद मिलती है. बता दें IRS में सभी विभागों के प्रोटोकॉल निश्चित है. सभी डिपार्टमेंट की भूमिका भी इंस्टेंट रिस्पांस सिस्टम के तहत निश्चित है. बस आपदा के समय आपको सिर्फ अपना टास्क पूरा करना है. यह बेहतर तरीके से रिस्पांस मैनेजमेंट करेगा. इस सिस्टम के तहत सभी रिसोर्सेज को जुटाया जाता है. उन्हें ग्राउंड पर राहत और बचाव कार्यों के लिए भेजा जाता है. यह पूरी व्यवस्था एक सिस्टम के तहत बनाई गई है.
16 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश IRS नोटिफाई नहीं: NDMA प्रोफेसर शेखर चतुर्वेदी ने कहा आपदा के समय उत्तराखंड के साथ ही अन्य पहाड़ी राज्यों के लिए आईआरएस सिस्टम बहुत उपयोगी साबित हो सकता है. आपदा के दौरान क्षेत्राधिकार को लेकर जो भी जटिलताएं और समस्याएं सामने आती हैं. उनका समाधान भी आईआरएस में किया गया है. यह सुनिश्चित किया गया है कि क्षेत्राधिकार के विवादों के कारण आपदा प्रबंधन के साथ ही राहत और बचाव कार्यों में व्यवधान न हो. उन्होंने कहा उत्तराखंड जैसे पहाड़ी और विषम भौगोलिक स्थितियों वाले राज्य के लिए एकीकृत कमांड और एरिया कमांड बहुत मददगार साबित हो सकते हैं. उन्होंने बताया 16 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक आईआरएस को नोटिफाई नहीं किया है. उन्हें जल्द आईआरएस को नोटिफाई कर इसे अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा आपदा के दौरान कार्य करने वाले सभी विभागों के लिए आईआरएस बहुत उपयोगी साबित हो सकता है.