कोरबा: स्वामी आत्मानंद स्कूलों में खासतौर पर निचले तबके से आने वाले बच्चों को अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा दी जा रही है. आत्मानंद स्कूल खुलने के बाद से ही यहां एडमिशन के लिए मारामारी रहती है. अब इन स्कूलों में बालिका शिक्षा (Girl Education in- Chhattisgarh) को बढ़ावा देने के लिए भाजपा सरकार ने नियमों में बदलाव कर दिया है. इन स्कूलों की 50 फीसदी सीटें लड़कियों के लिए रिजर्व कर दी गईं हैं. 10 अप्रैल से 5 मई तक ऑनलाइन फॉर्म भरने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. रायपुर से स्वामी आत्मानंद स्कूल एडमिशन पोर्टल (SAGES admission portal ) भी खोला गया है.
आत्मानंद स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया: स्वामी आत्मानंद स्कूल पंपहाउस के प्राचार्य विवेक लांडे ने बताया कि ''आमतौर पर पहली कक्षा में प्रवेश के लिए मारामारी रहती है. किसी बच्चे के द्वारा स्कूल छोड़कर जाने के बाद रिक्त सीटों पर भी अन्य कक्षाओं में प्रवेश दिया जाएगा.
''पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से आत्मानंद स्कूल में प्रवेश प्रक्रिया को पूरा किया जाता है. इस साल 50% सीटें बालिकाओं के लिए रिजर्व की गई है ताकि बालिका शिक्षा को बढ़ावा मिल सके. आत्मानंद स्कूल में प्रवेश की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है.'' -विवेक लांडे, प्राचार्य, स्वामी आत्मानंद स्कूल, पंपहाउस, कोरबा
ज्यादा आवेदन आने पर पांच मई को लाटरी सिस्टम: आत्मानंद स्कूलों में दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. अंग्रेजी और हिंदी माध्यम स्कूलों के लिए 10 अप्रैल से पांच मई तक आवेदन लिए जाएंगे. तय संख्या से ज्यादा आवेदन मिलने पर लॉटरी सिस्टम से सीटों पर दाखिला दिया जाएगा.
कोरबा में आत्मानंद स्कूल: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में केंद्रीय शिक्षा बोर्ड की शिक्षा नीति को पहुंचाने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने स्वामी आत्मानंद स्कूलों की शुरूआत की थी. इन स्कूलों में एडमिशन का क्रेज आज भी बना हुआ है. अकेले कोरबा जिले में 12 अंग्रेजी और 42 हिंदी माध्यम आत्मानंद स्कूल हैं.
आत्मानंद स्कूल में लोगों की रुचि: आत्मानंद स्कूलों में दाखिले के कारण बीते वर्ष शिक्षा के अधिकार के तहत 296 निजी सकूलों के 4,235 में से 368 सीट नहीं भर पाई थी. आत्मानंद स्कूलों में सीबीएसई शिक्षा नीति लागू होने के कारण अभिभावकों में बच्चों को दाखिला दिलाने को लेकर रूचि बढ़ी है. यही वजह है कि सरकार ने आत्मानंद स्कूलों में दाखिले के लिए नए नियम जारी किए हैं. प्रत्येक कक्षाओं की 50 प्रतिशत सीट बालिकाओं के लिए आरक्षित की गई है.
आरटीई के तहत भी 25 % सीटों पर आत्मानंद स्कूल में प्रवेश: आत्मानंद स्कूलों में आरटीई की तर्ज पर 25 प्रतिशत सीटें बीपीएल परिवार के बच्चों के लिए आरक्षित की गई है. नए नियम के मुताबिक एडमिशन की अंतिम तारीख तक पर्याप्त संख्या में लड़कियां नहीं मिलती हैं तो उनकी जगह लड़कों को दाखिला दिया जाएगा. आत्मानंद स्कूल में पहली कक्षा में दाखिले के लिए बच्चों की निर्धारित आयु सीमा पांच वर्ष छह माह रखी गई है.