नई दिल्ली: छठ का त्योहार नजदीक है. दिल्ली में बड़ी संख्या में बिहार और पूर्वांचल के लोग रहते हैं, जो इस त्योहार को बहुत ही श्रद्धा और आस्था के साथ मनाते हैं. लोगों में अभी से ही इस त्योहार को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. लेकिन, अगर ये लोग यमुना नदी की वर्तमान की देखें तो इनके हाथ निराशा लग सकती है. दरअसल, इन दिनों यमुना नदी पूरी तरह केमिकल झाग से ढक गई है. यह झाग दूर-दूर तक दिखाई दे रहा है, जिससे दिल्ली सरकार के उन दावों पर सवाल खड़े हो रहे है, जो यह कहते नहीं थक रही थी कि यमुना नदी को साफ करने की दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं.
स्थानीय नागरिक हितैश कौशिक ने यमुना के प्रदूषित होने पर कहा, 'यमुना को प्रदूषित करने की दिशा में दिल्लीवासियों का 70 फीसद योगदान रहता है. सबसे बड़ी बात यह है कि जब अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुए थे, तो उन्होंने दो टूक कहा था कि मैं यमुना नदी को इतना साफ कर दूंगा कि इसमें खुद डुबकी लगाकर दिखाऊंगा. लेकिन, ऐसा कुछ भी होता हुआ नहीं दिख रहा है. छठ पर्व आने वाला है. ऐसे में सवाल यही है कि लोग इस पर्व को कैसे मनाएंगे.'
#WATCH | Delhi: Toxic foam seen floating on the Yamuna River as pollution level in the river rises. Drone visuals from Kalindi Kunj. pic.twitter.com/1kLjlYZn3Z
— ANI (@ANI) October 19, 2024
सरकार बिलकुल गंभीर नहीं: एक अन्य नागरिक खविंदर सिंह कैप्टन ने कहा, 'दिल्ली में 31 वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट है, जिसमें से 27 काम नहीं कर रहे हैं और जिन कंपनियों को इसका ठेका दिया गया है, उनमें व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा है. सरकार बिल्कुल भी गंभीर नहीं है. यमुना की सफाई के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है. केजरीवाल कहते हैं कि मैं यमुना की सफाई करूंगा और मैं खुद डुबकी लगाकर दिखाऊंगा. लेकिन, ये लोग कुछ नहीं कर रहे हैं. यहां तक की तीन महीने वाली मुख्यमंत्री भी इस दिशा में कुछ भी करती हुई नजर नहीं आ रही हैं. ये लोग काम करने के इच्छुक नहीं हैं. इन लोगों को दिल्ली की जनता से कोई मतलब नहीं है. इन लोगों ने दिल्ली का बेड़ा गर्क कर दिया है.'
VIDEO | Delhi: Toxic foam seen floating on the surface of Yamuna River. Visuals from Kalindi Kunj.#DelhiNews #DelhiPollution #Yamuna
— Press Trust of India (@PTI_News) October 18, 2024
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/34lQ7x3irM
फैक्ट्री को कराएं बंद: वहीं मयंक गिरधर नामक व्यक्ति ने कहा, 'मुझे लगता है कि यमुना को प्रदूषित करने के लिए हम लोग भी जिम्मेदार हैं. यह प्रदूषण फैक्ट्री से आ रहा है. फैक्ट्री में जिन चीजों का निर्माण हो रहा है, हम उन चीजों की डिमांड कम कर दें, तो प्रदूषण खुद ब खुद खत्म हो जाएगा. कहा जा रहा है कि 67,00 करोड़ रुपये यमुना की सफाई में खर्च हो चुके हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता है कि इतनी बड़ी राशि खर्च हुई होगी. सरकार को सबसे पहले ऐसी प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्री को बंद कराना चाहिए.'
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