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बगहा के घरों में घुसा बाढ़ का पानी, NH किनारे तंबू लगाकर जीने को मजबूर लोग - Flood In Bagaha

Flood In Bagaha: बगहा के गंडक बराज से 2 लाख 80 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसके चलते निचले इलाकों बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. ऐसे में कई लोगों के घर में बाढ़ का पानी घुस गया है. वहीं, कई लोग एनएच किनारे तंबू लगाकर जीने को मजबूर हैं.

people forced to live in tents
बगहा के घरों में घुसा बाढ़ का पानी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 9, 2024, 5:51 PM IST

बगहा: बिहार के बगहा से गुजरने वाली गंडक नदी में दशकों बाद रिकॉर्ड पानी छोड़े जाने के बाद से कई निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है. इस बीच बगहा के नदी थाना अंतर्गत नवका टोला बिनवलिया गांव में भी लोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिसके बाद ग्रामीण द्वारा रतवल-धनहा को यूपी से जोड़ने वाली एनएच पर सड़क किनारे टेंट और तंबू लगाकर अपना गुजर बसर कर रहे है.

4 लाख 60 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया: मिली जानकारी के अनुसार, गंडक नदी में शनिवार रात 4 लाख 60 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसके बाद पश्चिमी चंपारण जिला समेत गोपालगंज, छपरा और मुजफ्फरपुर के कई निचले इलाकों में बाढ़ ने दस्तक दे दिया. इस बीच बगहा के नदी थाना अंतर्गत गंडक नदी की तराई किनारे बसे नवका टोला बिनवलिया गांव में भी बाढ़ आ गई. हालांकि प्रशासन ने मुनादी कर लोगों से ऊंचे स्थानों पर जाने की सूचना दे दी थी. लिहाजा दियारा के कई इलाकों से लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे.

people forced to live in tents
बगहा के गांव में घुसा बाढ़ का पानी (ETV Bharat)

घरों तक बाढ़ का पानी आया: वहीं, इस बीच धनहा-रतवल पूल से होकर गुजरने वाली गंडक नदी से नैनाहा रेता समेत कई गांवों में पानी घुस गया, जिसमें नवका टोला बिनवलिया गांव भी शामिल हैं. इस गांव में लोगों के घरों में पानी घुसने के बाद ग्रामीणों ने एनएच किनारे तंबू लगाकर शरण लिया है. ग्रामीणों का कहना है कि घरों तक बाढ़ का पानी आने के कारण तंबू में रहकर उन्हें अपना जीवन यापन करना पड़ रहा है. अब तक मुखिया द्वारा चूड़ा और गुड़ का ही वितरण किया गया है. जबकि चार दिनों से वे सड़क किनारे ही बना खा रहे है और बच्चों का पेट पाल रहे है.

"मंगलवार को मुखिया द्वारा बताया गया कि आपलोग के लिए सामुदायिक किचन में खाना बन रहा है. लेकिन हमलोग जहां टेंट में रह रहे है, वहां से कम्युनिटी किचेन दूर है और बच्चों को छोड़कर जाने पर किसी तरह की घटना हो सकती है. इसलिए हमलोग वहां नहीं जा रहे है. खाना की व्यवस्था हमलोग के आसपास ही करना चाहिए था." - रामलखन राम, बाढ़ पीड़ित

people forced to live in tents
मवेशियों के साथ NH पर लिया सहारा (ETV Bharat)

टेंट लगाकर रहने को मजबूर: नवका टोला बिनवलिया गांव के दर्जनों परिवार के सैकड़ों लोग फिलहाल टेंट लगाकर सड़क किनारे ही बच्चों और मवेशियों के साथ रह रहे है. वहीं, कुछ परिवार अपने रिश्तेदार के घर जाकर शरण लिए है. सड़क किनारे रह रहे लोगों को बाढ़ का पानी कम होने का इंतजार है, ताकि वे फिर अपने घरों में जाकर रह सकें.

इसे भी पढ़े- कोसी के 39 और गंडक बराज के सभी 36 गेट खुले, बिहार में बजी बाढ़ के खतरे की घंटी ! - Bihar Flood

बगहा: बिहार के बगहा से गुजरने वाली गंडक नदी में दशकों बाद रिकॉर्ड पानी छोड़े जाने के बाद से कई निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है. इस बीच बगहा के नदी थाना अंतर्गत नवका टोला बिनवलिया गांव में भी लोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिसके बाद ग्रामीण द्वारा रतवल-धनहा को यूपी से जोड़ने वाली एनएच पर सड़क किनारे टेंट और तंबू लगाकर अपना गुजर बसर कर रहे है.

4 लाख 60 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया: मिली जानकारी के अनुसार, गंडक नदी में शनिवार रात 4 लाख 60 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसके बाद पश्चिमी चंपारण जिला समेत गोपालगंज, छपरा और मुजफ्फरपुर के कई निचले इलाकों में बाढ़ ने दस्तक दे दिया. इस बीच बगहा के नदी थाना अंतर्गत गंडक नदी की तराई किनारे बसे नवका टोला बिनवलिया गांव में भी बाढ़ आ गई. हालांकि प्रशासन ने मुनादी कर लोगों से ऊंचे स्थानों पर जाने की सूचना दे दी थी. लिहाजा दियारा के कई इलाकों से लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे.

people forced to live in tents
बगहा के गांव में घुसा बाढ़ का पानी (ETV Bharat)

घरों तक बाढ़ का पानी आया: वहीं, इस बीच धनहा-रतवल पूल से होकर गुजरने वाली गंडक नदी से नैनाहा रेता समेत कई गांवों में पानी घुस गया, जिसमें नवका टोला बिनवलिया गांव भी शामिल हैं. इस गांव में लोगों के घरों में पानी घुसने के बाद ग्रामीणों ने एनएच किनारे तंबू लगाकर शरण लिया है. ग्रामीणों का कहना है कि घरों तक बाढ़ का पानी आने के कारण तंबू में रहकर उन्हें अपना जीवन यापन करना पड़ रहा है. अब तक मुखिया द्वारा चूड़ा और गुड़ का ही वितरण किया गया है. जबकि चार दिनों से वे सड़क किनारे ही बना खा रहे है और बच्चों का पेट पाल रहे है.

"मंगलवार को मुखिया द्वारा बताया गया कि आपलोग के लिए सामुदायिक किचन में खाना बन रहा है. लेकिन हमलोग जहां टेंट में रह रहे है, वहां से कम्युनिटी किचेन दूर है और बच्चों को छोड़कर जाने पर किसी तरह की घटना हो सकती है. इसलिए हमलोग वहां नहीं जा रहे है. खाना की व्यवस्था हमलोग के आसपास ही करना चाहिए था." - रामलखन राम, बाढ़ पीड़ित

people forced to live in tents
मवेशियों के साथ NH पर लिया सहारा (ETV Bharat)

टेंट लगाकर रहने को मजबूर: नवका टोला बिनवलिया गांव के दर्जनों परिवार के सैकड़ों लोग फिलहाल टेंट लगाकर सड़क किनारे ही बच्चों और मवेशियों के साथ रह रहे है. वहीं, कुछ परिवार अपने रिश्तेदार के घर जाकर शरण लिए है. सड़क किनारे रह रहे लोगों को बाढ़ का पानी कम होने का इंतजार है, ताकि वे फिर अपने घरों में जाकर रह सकें.

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