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यूपी में बाढ़: फर्रुखाबाद में उफनाईं गंगा व रामगंगा, बरेली में कई सड़कों पर आवागमन बंद - flood in UP

यूपी के जिले इन दिनों बाढ़ (Flood in UP) की चपेट में हैं. फर्रुखाबाद में गंगा व रामगंगा के उफनाने से कई गांवों का संपर्क टूट गया है. वहीं कोसी और रामगंगा ने बरेली मीरगंज के खादर इलाके में जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है. इसके अलावा कई सड़कों पर आवागमन ठप हो गया है.

यूपी में उफनाईं नदियां, फर्रुखाबाद और बरेली में भी आफत.
यूपी में उफनाईं नदियां, फर्रुखाबाद और बरेली में भी आफत. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 19, 2024, 12:36 PM IST

यूपी में उफनाईं नदियां, फर्रुखाबाद और बरेली में भी आफत. (Video Credit : ETV Bharat)

फर्रुखाबाद/बरेली : पहाड़ों पर हो रही लगातार बरसात से यूपी की कई नदियां उफान पर हैं. फर्रुखाबाद में गंगा और रामगंगा खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गई हैं. जिससे तटवर्ती गांव के संपर्क मार्ग पर बाढ़ का पानी कहर बरपा रहा है. चित्रकूट के निकट बदायूं मार्ग समेट कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं और कई गांवों को संपर्क टूट चुका है. वहीं बरेली में कोसी और रामगंगा के उफान से कई मार्गों पर आवागमन ठप हो चुका है. बहरहाल प्रशासन लोगों को मदद पहुंचाने का दावा कर रहा है.

फर्रूखाबाद क्षेत्र के ग्रामीण पंकज ने बताया कि गंगा और रामगंगा का जलस्तर बढ़कर खतरे के पर पहुंच जाने से करीब 50 से अधिक गांव टापू बन गए हैं. तटवर्ती गांवों के संपर्क मार्गों पर बाढ़ का पानी तेज धार से बहाने से अब आगमन बाधित हो गया है. ग्रामीण नाव के सारे आवागमन करने को मजबूर हैं. गांव की गलियों में नाव चलने लगी हैं. अंबरपुर, बंगला, तीसरा की मडेया, पट्टी भरखा, जगतपुर, चित्रकूट के कई घरों में बाढ़ का पानी भर गया है. ग्रामीण मकान की छत पर झोपड़ी के नीचे परिवार के साथ रहने पर मजबूर हैं. बुधवार को हुई बारिश के बाद मुश्किलें बढ़ गई हैं. बाढ़ प्रभावित गांवों की बिजली आपूर्ति भी ठप हो चुकी है.


चित्रकूट गांव के निकट बदायूं मार्ग पर ढाई फीट से अधिक पानी तेज धार से बह रहा है. पुलिस ने डीप के दोनों तरफ बैरिकेट्स वाहनों का आवागमन बंद कर दिया है. पुलिस की रोक के बाद ग्रामीण दो पहिया वाहनों को निकाल रहे हैं. पानी की तेजधार से दो पहिया वाहन के बहाने की आशंका रहती है. रामगंगा खतरे के पार पहुंच जाने से अमैयापुर पुलिया के ऊपर ढाई फीट से अधिक पानी तेज तार से बहने लगा है. अमैयापुर, भावन, चपरा, रुलापुर खाखीन, गुड़ेरा,और हीरानगर गांव का आवागमन बाधित हो गया है. खेतों में बाढ़ का पानी भरने से धान, बाजरा दाना की फसलें खराब होने की आशंका बढ़ गई है. मवेशियों के चारे की समस्या विकराल हो गई है.


एडीएम सुभाष प्रजापति ने बताया कि ऊपर से गंगा में पानी छोड़ा जा रहा है. आज गंगा का जलस्तर 137.20 के आसपास रहा जो कि खतरे के निशान से ऊपर है. बाढ़ से फर्रुखाबाद में 50 गांव प्रभावित हुए हैं. इसमें तीन तहसीलों में सबसे ज्यादा गांव अमृतपुर तहसील के हैं. 20 गांव कायमगंज तहसील के हैं. इसी तरीके से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 63 नाव लगा रखी हैं. गावों में राहत सामग्री बांटी जा रही है. बाढ़ से करीब 47 से 48 हजार के आसपास लोग प्रभावित हुए हैं. 24 शरणालय और 52 चौकिया बाढ़ क्षेत्र में बनाई गई हैं. जिन विद्यालयों में पानी भर गया है उसमें बीएसए को निर्देशित किया गया है कि बच्चे दूसरे विद्यालय में शिफ्ट कर दें.

बरेली मीरगंज में कई सड़कें कटी, आंवला-बदायूं का आवागमन बंद

कोसी नदी और रामगंगा में आई भीषण बाढ़ ने मीरगंज के खादर इलाके में जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है. बाढ़ की वजह से कैलाश गिरी मढ़ी रोड का पुल पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है. जिसके चलते कई स्थानों पर सड़कें कट गई हैं. कपूरपुर से कैलाश गिरी होते हुए आंवला, बदायूं, सिरौली और शाहबाद को जोड़ने वाली सड़क भी कई जगहों पर बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हो गई हैं. जिससे इन इलाकों में आवागमन बंद है. बुधवार को गोरा गांव के पास बनी पुलिया के निकट रामगंगा के पानी से रोड कट गई. पीडब्ल्यूडी के अधिकारी बालू की बोरियों से कटान को रोकने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन कोई ठोस सफलता नहीं मिली है.

यह भी पढ़ें : फर्रुखाबाद डीएम ने बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया, CMO को दिए ये निर्देश

यह भी पढ़ें : बरेली में बाढ़ का कहर, सैकड़ों बीघा जमीन-मकान, गुरुद्वारा और स्कूल जलमग्न

यूपी में उफनाईं नदियां, फर्रुखाबाद और बरेली में भी आफत. (Video Credit : ETV Bharat)

फर्रुखाबाद/बरेली : पहाड़ों पर हो रही लगातार बरसात से यूपी की कई नदियां उफान पर हैं. फर्रुखाबाद में गंगा और रामगंगा खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गई हैं. जिससे तटवर्ती गांव के संपर्क मार्ग पर बाढ़ का पानी कहर बरपा रहा है. चित्रकूट के निकट बदायूं मार्ग समेट कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं और कई गांवों को संपर्क टूट चुका है. वहीं बरेली में कोसी और रामगंगा के उफान से कई मार्गों पर आवागमन ठप हो चुका है. बहरहाल प्रशासन लोगों को मदद पहुंचाने का दावा कर रहा है.

फर्रूखाबाद क्षेत्र के ग्रामीण पंकज ने बताया कि गंगा और रामगंगा का जलस्तर बढ़कर खतरे के पर पहुंच जाने से करीब 50 से अधिक गांव टापू बन गए हैं. तटवर्ती गांवों के संपर्क मार्गों पर बाढ़ का पानी तेज धार से बहाने से अब आगमन बाधित हो गया है. ग्रामीण नाव के सारे आवागमन करने को मजबूर हैं. गांव की गलियों में नाव चलने लगी हैं. अंबरपुर, बंगला, तीसरा की मडेया, पट्टी भरखा, जगतपुर, चित्रकूट के कई घरों में बाढ़ का पानी भर गया है. ग्रामीण मकान की छत पर झोपड़ी के नीचे परिवार के साथ रहने पर मजबूर हैं. बुधवार को हुई बारिश के बाद मुश्किलें बढ़ गई हैं. बाढ़ प्रभावित गांवों की बिजली आपूर्ति भी ठप हो चुकी है.


चित्रकूट गांव के निकट बदायूं मार्ग पर ढाई फीट से अधिक पानी तेज धार से बह रहा है. पुलिस ने डीप के दोनों तरफ बैरिकेट्स वाहनों का आवागमन बंद कर दिया है. पुलिस की रोक के बाद ग्रामीण दो पहिया वाहनों को निकाल रहे हैं. पानी की तेजधार से दो पहिया वाहन के बहाने की आशंका रहती है. रामगंगा खतरे के पार पहुंच जाने से अमैयापुर पुलिया के ऊपर ढाई फीट से अधिक पानी तेज तार से बहने लगा है. अमैयापुर, भावन, चपरा, रुलापुर खाखीन, गुड़ेरा,और हीरानगर गांव का आवागमन बाधित हो गया है. खेतों में बाढ़ का पानी भरने से धान, बाजरा दाना की फसलें खराब होने की आशंका बढ़ गई है. मवेशियों के चारे की समस्या विकराल हो गई है.


एडीएम सुभाष प्रजापति ने बताया कि ऊपर से गंगा में पानी छोड़ा जा रहा है. आज गंगा का जलस्तर 137.20 के आसपास रहा जो कि खतरे के निशान से ऊपर है. बाढ़ से फर्रुखाबाद में 50 गांव प्रभावित हुए हैं. इसमें तीन तहसीलों में सबसे ज्यादा गांव अमृतपुर तहसील के हैं. 20 गांव कायमगंज तहसील के हैं. इसी तरीके से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 63 नाव लगा रखी हैं. गावों में राहत सामग्री बांटी जा रही है. बाढ़ से करीब 47 से 48 हजार के आसपास लोग प्रभावित हुए हैं. 24 शरणालय और 52 चौकिया बाढ़ क्षेत्र में बनाई गई हैं. जिन विद्यालयों में पानी भर गया है उसमें बीएसए को निर्देशित किया गया है कि बच्चे दूसरे विद्यालय में शिफ्ट कर दें.

बरेली मीरगंज में कई सड़कें कटी, आंवला-बदायूं का आवागमन बंद

कोसी नदी और रामगंगा में आई भीषण बाढ़ ने मीरगंज के खादर इलाके में जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है. बाढ़ की वजह से कैलाश गिरी मढ़ी रोड का पुल पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है. जिसके चलते कई स्थानों पर सड़कें कट गई हैं. कपूरपुर से कैलाश गिरी होते हुए आंवला, बदायूं, सिरौली और शाहबाद को जोड़ने वाली सड़क भी कई जगहों पर बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हो गई हैं. जिससे इन इलाकों में आवागमन बंद है. बुधवार को गोरा गांव के पास बनी पुलिया के निकट रामगंगा के पानी से रोड कट गई. पीडब्ल्यूडी के अधिकारी बालू की बोरियों से कटान को रोकने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन कोई ठोस सफलता नहीं मिली है.

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