बगहाः बिहार के बगहा बाढ़ की वजह से जलीय जीव लोगों के घरों तक पहुंच रहे हैं. इसी क्रम में मवेशियों को बांधने वाले तबेले में एक भारी भरकम विशालकाय मगरमच्छ का रेस्क्यू वनकर्मियों ने किया है. यह मगरमच्छ इतना विशालकाय था कि उसे ले जाने के लिए पिकअप मंगवाना पड़ा. मगरमच्छ तबेले में रात भर आराम फरमा रहा था. सुबह-सुबह लोगों की नजर पड़ी तो चीख पुकार मच गयी.
12 फीट लंबा मगरमच्छः मंगलवार की रात इंडो नेपाल सीमा पर अवस्थित वाल्मीकीनगर के भरियानी गांव में मगरमच्छ घुस आया था. बुधवार की सुबह जब घरवालों की नजर पड़ी तो अफरा तफरी मच गई. सूचना मिलने पर वनकर्मियों की टीम मौके पर पहुंची. घंटों मशक्कत के बाद तकरीबन 12 फीट लंबे मगरमच्छ का रेस्क्यू किया गया. वन विभाग की टीम ने उक्त मगरमच्छ को वापस गंडक नदी में छोड़ दिया.
मवेशी को बांधने गया तो देखा मगरमच्छः जिसके घर में मगरमच्छ घुसा था उन्होंने बताया कि मगरमच्छ पशुओं को बांधने वाले बथान में घुस आया था. बखार यानी डेहरी के नीचे छुपा हुआ था. कहा कि मवेशी यहां बांध गए होते तो यह शिकार बना लिया होता. रात की वजह से मवेशियों को घर में सुरक्षित स्थान पर बांधा था. सुबह उठने के बाद मवेशियों को वापस बथान में बांधने पहुंचा तो मगरमच्छ नजर आया.
कोई भी जीव देखने के बाद दें सूचनाः वाल्मिकी टाइगर रिजर्व वन क्षेत्र के पदाधिकारी राजकुमार पासवान ने बताया कि बाढ़ की पानी में मगरमच्छ तालाब, आहर, पइन या अन्य जलजमाव वाले जगहों पर जरूर पहुंचे होंगे. इस दौरान उन्हें भोजन और शिकार की तलाश भी होगी. लिहाजा ग्रामीण सतर्क और सावधान रहें. किसी भी तरह का वन्य जीव नजर आए तो शीघ्र वन विभाग को सूचित करें. छेड़छाड़ करने पर हमला भी कर सकते हैं.
"मगरमच्छ, सांप या किसी भी जीव को देखकर घबराएं नहीं. खुद को सुरक्षित रखते हुए विभाग को सूचना दें. हमारी टीम तत्पर है. हम शीघ्र ही मौके पर पहुंच कर उनका रेस्क्यू करेंगे." -राजकुमार पासवान, पदाधिकारी, वन विभाग
कहां से आए मगरमच्छः बता दें कि गंडक नारायणी नदी में भारी संख्या में मगरमच्छ और घड़ियाल पाए जाते हैं. इसी दौरान नदी में आई बाढ़ के कारण विभिन्न प्रकार के जलीय जीव लोगों के घरों तक पहुंच रहे हैं. सांप, हिरण और अजगर समेत मगरमच्छ शामिल हैं. हाल में वन विभाग की टीम ने हिरण, अजगर औक कोबरा को रेस्क्यू किया था.
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