आगरा: बीते कुछ दिनों से मध्य प्रदेश और राजस्थान में हो रही बारिश से ताजनगरी आगरा में चंबल नदी उफान पर है. कोटा बैराज से 1.36 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से आगरा के पिनाहट में मंगलवार रात चंबल नदी का जलस्तर 124.9 मीटर के पार पहुंच गया. अनुमान है कि, 24 घंटे में चंबल नदी का जलस्तर तीन से चार मीटर बढ़ सकता है. जिससे जिले के 38 गांव में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.
जिला प्रशासन ने चंबल नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए नदी के तटवर्ती गांवों में राजस्व टीमें तैनात करके मुनादी कराई है. जिसमें लोगों से सुरक्षित स्थान पर जाने और यमुना नदी के किनारे नहीं जाने की अपील की गई है. इसके साथ ही चंबल नदी में कैंजरा घाट पर स्टीमर के संचालन पर रोक लगा दी गई है.
बता दें कि पिनाहट में चंबल नदी के घाट पर पैरामीटर के मुताबिक, चंबल नदी में बाढ़ की चेतावनी का निशान 127 मीटर है. जबकि, चंबल नदी में खतरे का निशान 130 मीटर है. जिला प्रशासन ने चंबल नदी के तटवर्ती गांवों में मुनादी कराकर ग्रामीणों से अपील की है कि, वे नदी किनारे ना जाएं. क्योंकि, कोटा बैराज से छोड़े 1.36 लाख क्यूसेक पानी के साथ ही सहायक नदियां से भी नदी उफान पर है. पानी का बहाव तेज है.
आगरा के गांवों में घुसे घड़ियाल और मगरमच्छ: जैसे जैसे चंबल नदी का जलस्तर बढ़ रहा है, उससे नदी के निकटवर्ती गांव के खेत और खादरों में चंबल का पानी भर जाएगा. किसानों की बाजरे और अन्य फसलें डूबने लगी हैं. चंबल नदी के बढ़ते जलस्तर व तेज बहाव से मगरमच्छ और घड़ियाल के खेत, खादरों से गांव तक पहुंचने की आशंका है. जिससे ग्रामीण भयभीत हैं. बाढ़ की आशंका से ग्रामीणों ने अपने जरूरी सामान लेकर ऊंचे स्थान पर पहुंचाना शुरू कर दिया है.
स्टीमर किए गए बंद, कांवड़ियों में आक्रोश: चंबल नदी के लगातार बढ़ते जलस्तर और तेज बहाव की वजह से जिला प्रशासन ने पिनाहट घाट से चंबल नदी में स्टीमर का संचालन बंद कर दिया है. जिससे स्थानीय लोगों के साथ ही कांवड़ियों को परेशानी हो रही है. ये कांवड़ सौरों और हरिद्वार से लेकर आए हैं और उन्हें चंबल नदी पार करके मध्य प्रदेश के गांव में जाना है. मगर, स्टीमर बंद होने से उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है. जिससे कांवड़ियों में आक्रोश है.
बाढ़ चौकियां स्थापित करके जलस्तर पर नजर: एसडीएम बाह सृष्टि ने बताया कि, चंबल नदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर सभी राजस्व निरीक्षकों और लेखपालों को चंबल के तटवर्ती गांवों में जाकर हालत पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं. चंबल नदी के जलस्तर की पल-पल की अपडेट ली जा रही है. इसके साथ ही चंबल नदी के तटवर्ती गांव में बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी हैं. सभी घाटों पर तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो व लेखपालों की तैनाती की गई है. क्योरी, पिनाहट, रेहा, उमरेठा पुरा जैसे घाटों पर भीड़ देखकर पुलिस बल तैनात किया गया है. गांवों में मुनादी भी कराई है. जिसमें ग्रामीणों से अपील की है कि, वे चंबल नदी किनारे ना जाएं.
बाढ़ से ये गांव होंगे प्रभावित: चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान 130 मीटर तक पहुंचाता है तो नदी के तटवर्ती गांव रेहा, बरेड़ा, कछियारा, पिनाहट घाट, क्योरी बीच का पुरा, क्योरी ऊपरी पुरा, उमरेठा पुरा, झरनापुरा, पुरा डाल, पुरा शिवलाल, गुडा, गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, भगवानपुरा, सिमराई गॉसिल, धोबूपुरा, नदगवां सहित करीब 38 गांव प्रभावित होंगे. यमुना का जल स्तर जिस तरफ से बढ़ रहा है. इसकी वजह से सबसे पहले पिनाहट ब्लॉक क्षेत्र का गांव उमरेठा पुरा डूब जाएगा.
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