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अयोध्या में बाढ़ का कहर; खतरे में 11 गांव के 700 परिवार, 14 कोसी परिक्रमा मार्ग भी डूबा - UP Flood Alert

सरयू के तटीय क्षेत्र के 5 गांव के 8 हजार से अधिक आबादी में 559 परिवार बाढ़ के पानी से घिर गए हैं. इसी प्रकार तहसील सदर के साथ ही सोहावल तहसील के 6 गांव के 200 परिवार भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. सरयू के जलस्तर के बढ़ने से 14 कोसी परिक्रमा मार्ग भी प्रभावित हो गया है.

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अयोध्या में बाढ़ का कहर, गांवों में चल रहीं नाव. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 17, 2024, 4:25 PM IST

अयोध्या: नेपाल के बनबसा और गिरजापुरी बांध से पानी छोड़े जाने के बाद रामनगरी अयोध्या में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है. सरयू नदी का जलस्तर प्रति घंटे 1 सेंटीमीटर बढ़ते हुए खतरे के निशान से 57 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है. जिसके चलते तराई क्षेत्र में रहने वाले 500 से अधिक परिवार खतरे में है. धीरे-धीरे अन्य ग्रामीणों के लिए भी मुसीबत खड़ी हो गई है.

जनपद के रुदौली तहसील क्षेत्र अंतर्गत सरयू के तटीय क्षेत्र के 5 गांव के 8 हजार से अधिक आबादी में 559 परिवार बाढ़ के पानी से घिर गए हैं. इसी प्रकार तहसील सदर के साथ ही सोहावल तहसील के 6 गांव के 200 परिवार भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. सरयू के जलस्तर के बढ़ने से 14 कोसी परिक्रमा मार्ग भी प्रभावित हो गया है.

रुदौली तहसील के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा स्थानीय विधायक रामचंद्र यादव ने किया और प्रशासनिक व्यवस्था को मुकम्मल कराया. बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में नाव की व्यवस्था कर दी गई है और राजस्व कर्मियों की तैनाती के साथ ही स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं.

सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण घाटों पर श्रद्धालुओं को स्नान करने से रोकने के लिए जल पुलिस और SDRF के जवानों को तैनात किया गया है. नगर के तटीय क्षेत्र फटिक शिला आश्रम के पास शमशान घाट पर जाने से लोगों को रोक दिया गया है. नगर निगम के द्वारा संचालित पार्किंग व्यवस्था को भी बंद कर दिया गया है. अब बाहर श्रद्धालुओं के वाहनों को राम कथा पार्क के सामने स्थित कच्ची पार्किंग में खड़ा करने की व्यवस्था बनाई गई है.

बदायूं में बाढ़ का कहर. (Video Credit; ETV Bharat)

बदायूं में बाढ़ से हालात खराब: बदायूं में लगातार हो रही बारिश भले ही थम गई हो लेकिन ऊपरी इलाके से छोड़ा गया पानी जिले में कहर बरपा रहा है. उससे गंगा के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है. बदायूं के कछला गंगा घाट पर जलस्तर खतरे के निशान से 62.57 सेमी ऊपर बह रहा है. जिससे बदायूं में दर्जन भर से ज्यादा गांव बुरी तरह बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. घरों में पानी भर गया है. बदायूं जिले में तीन नदियां हैं जिसमें गंगा और राम गंगा का क्षेत्र बहुत लंबा है. इन नदियों के किनारे के गांवों में हर बरसात का सीजन मुसीबत बन कर आता रहा है.

गोरखपुर में बाढ़ का कहर. (Video Credit; ETV Bharat)

बाढ़ की तबाही से खुद को नहीं बचा पाते हैं गोरखपुर के दक्षिणांचल के लोग: बारिश और बाढ़, गोरखपुर के दक्षिणांचल के लोगों के लिए हर साल तबाही का कारण बनता है. लेकिन, इसका स्थायी निदान आज तक नहीं हो सका है. जब वे बाढ़ और पानी से घिरते हैं तब उन्हें याद आता है कि, वह तो अपने नेताओं को, सरकार को संसद और विधायक को इसी समस्या के निजात के लिए चुनते हैं. लेकिन यह समस्या जस की तस पड़ी हुई है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र की बात करें तो बड़हलगंज विकास खंड के बगहा देवार गांव में कटान प्राथमिक विद्यालय के पास पहुंच गया है, जिससे विद्यालय से बच्चे मुह मोड़ रहे हैं. अध्यापको में भी अब भय का माहौल बन गया है. ग्रामीण कटान को लेकर काफी चिंतित हैं. गांव में आबादी के करीब कटान स्थल पर डाले गये ट्री स्पर आधे से अधिक बह गए हैं. ग्रामीणों का कहना हैं कि कटान देखकर बहुत भय लग रहा है. कटान रोक पाने में प्रशासन सक्षम नहीं है. ग्रामीणो को अपना आशियाना तोड़ते हुए आंख भर जा रही है.

ये भी पढ़ेंः यूपी में बाढ़ से हाहाकार: वाराणसी में घर के अंदर तक पहुंची गंगा नदी, मिर्जापुर के रास्तों पर चल रहीं नाव

अयोध्या: नेपाल के बनबसा और गिरजापुरी बांध से पानी छोड़े जाने के बाद रामनगरी अयोध्या में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है. सरयू नदी का जलस्तर प्रति घंटे 1 सेंटीमीटर बढ़ते हुए खतरे के निशान से 57 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है. जिसके चलते तराई क्षेत्र में रहने वाले 500 से अधिक परिवार खतरे में है. धीरे-धीरे अन्य ग्रामीणों के लिए भी मुसीबत खड़ी हो गई है.

जनपद के रुदौली तहसील क्षेत्र अंतर्गत सरयू के तटीय क्षेत्र के 5 गांव के 8 हजार से अधिक आबादी में 559 परिवार बाढ़ के पानी से घिर गए हैं. इसी प्रकार तहसील सदर के साथ ही सोहावल तहसील के 6 गांव के 200 परिवार भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. सरयू के जलस्तर के बढ़ने से 14 कोसी परिक्रमा मार्ग भी प्रभावित हो गया है.

रुदौली तहसील के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा स्थानीय विधायक रामचंद्र यादव ने किया और प्रशासनिक व्यवस्था को मुकम्मल कराया. बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में नाव की व्यवस्था कर दी गई है और राजस्व कर्मियों की तैनाती के साथ ही स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं.

सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण घाटों पर श्रद्धालुओं को स्नान करने से रोकने के लिए जल पुलिस और SDRF के जवानों को तैनात किया गया है. नगर के तटीय क्षेत्र फटिक शिला आश्रम के पास शमशान घाट पर जाने से लोगों को रोक दिया गया है. नगर निगम के द्वारा संचालित पार्किंग व्यवस्था को भी बंद कर दिया गया है. अब बाहर श्रद्धालुओं के वाहनों को राम कथा पार्क के सामने स्थित कच्ची पार्किंग में खड़ा करने की व्यवस्था बनाई गई है.

बदायूं में बाढ़ का कहर. (Video Credit; ETV Bharat)

बदायूं में बाढ़ से हालात खराब: बदायूं में लगातार हो रही बारिश भले ही थम गई हो लेकिन ऊपरी इलाके से छोड़ा गया पानी जिले में कहर बरपा रहा है. उससे गंगा के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है. बदायूं के कछला गंगा घाट पर जलस्तर खतरे के निशान से 62.57 सेमी ऊपर बह रहा है. जिससे बदायूं में दर्जन भर से ज्यादा गांव बुरी तरह बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. घरों में पानी भर गया है. बदायूं जिले में तीन नदियां हैं जिसमें गंगा और राम गंगा का क्षेत्र बहुत लंबा है. इन नदियों के किनारे के गांवों में हर बरसात का सीजन मुसीबत बन कर आता रहा है.

गोरखपुर में बाढ़ का कहर. (Video Credit; ETV Bharat)

बाढ़ की तबाही से खुद को नहीं बचा पाते हैं गोरखपुर के दक्षिणांचल के लोग: बारिश और बाढ़, गोरखपुर के दक्षिणांचल के लोगों के लिए हर साल तबाही का कारण बनता है. लेकिन, इसका स्थायी निदान आज तक नहीं हो सका है. जब वे बाढ़ और पानी से घिरते हैं तब उन्हें याद आता है कि, वह तो अपने नेताओं को, सरकार को संसद और विधायक को इसी समस्या के निजात के लिए चुनते हैं. लेकिन यह समस्या जस की तस पड़ी हुई है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र की बात करें तो बड़हलगंज विकास खंड के बगहा देवार गांव में कटान प्राथमिक विद्यालय के पास पहुंच गया है, जिससे विद्यालय से बच्चे मुह मोड़ रहे हैं. अध्यापको में भी अब भय का माहौल बन गया है. ग्रामीण कटान को लेकर काफी चिंतित हैं. गांव में आबादी के करीब कटान स्थल पर डाले गये ट्री स्पर आधे से अधिक बह गए हैं. ग्रामीणों का कहना हैं कि कटान देखकर बहुत भय लग रहा है. कटान रोक पाने में प्रशासन सक्षम नहीं है. ग्रामीणो को अपना आशियाना तोड़ते हुए आंख भर जा रही है.

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