लखनऊः चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से साढ़े चार महीने तक दिन में विमान न ही उड़ान भरेंगे और न ही लैंड करेंगे. लखनऊ एयरपोर्ट के रनवे 09/27 की रीकार्पेटिंग 1 मार्च से शुरू होकर 15 जुलाई तक चलेगा. रीकार्पेटिंग सुबह 10ः00 बजे से शाम 6 बजे के बीच होगी. इस समय एयरपोर्ट से फ्लाइट्स उड़ान नहीं भरेंगी.
लखनऊ एयरपोर्ट प्रवक्ता ने बताया कि लखनऊ हवाई अड्डे के 2,744 मीटर लंबे और 45 मीटर चौड़े रनवे तथा रनवे के दोनों ओर 7.5 मीटर अतिरिक्त शोल्डर 2018 में रीकार्पेटिंग की गई थी. निर्धारित रीकार्पेटिंग में मौजूदा रनवे की परत को निकाला जाएगा, इसके बाद नियामक द्वारा निर्दिष्ट मानकों के अनुरूप फिर से डामर की नई परत चढ़ाई जाएगी. रनवे और टैक्सी वे सहित कुल 1.80 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में रीकार्पेटिंग की जाएगी. लैंडिंग के बाद विमान के तेजी से प्रवेश और निकास और टेक-ऑफ के लिए नया लिंक टैक्सी वे बनाया जाएगा.
एयरपोर्ट प्रवक्ता ने बताया कि लैंडिंग और टेक-ऑफ के बाद रनवे से विमानों के तेजी से प्रवेश और निकास को सक्षम करने के लिए सीसीएसआई एयरपोर्ट 2,744 मीटर की लंबाई वाली एक नई समानांतर टैक्सी वे का निर्माण करेगा. इस अवधि के दौरान एक अतिरिक्त टैक्सी वे पी 9 का निर्माण भी किया जाना है. प्रवक्ता ने बताया कि एयरफील्ड ग्राउंड लाइटिंग (एजीएल) सिस्टम को हेलोजन से एलईडी में बदलना, साथ ही एयरफील्ड साइनेज का उन्नयन भी रनवे विकास की परियोजना में शामिल है. एलईडी में रूपांतरण से हवाई अड्डे के लिए कम से कम 50 प्रतिशत बिजली की बचत होगी.
उन्होंने बताया कि रनवे अपग्रेडेशन परियोजना को सीसीएसआई एयरपोर्ट ने मंजूरी प्राप्त करने से पहले नियामक निकायों और एयरलाइंस सहित हितधारकों के साथ परामर्श के बाद ही शुरू किया है. इससे उड़ानों को पुर्ननिर्धारित करने में मदद मिली है. रीकार्पेटिंग के दौरान सीसीएसआई एयरपोर्ट प्रतिदिन 132 उड़ाने संचालित करेगा. कुछ उड़ान कार्यक्रमों को समायोजित किया गया है. यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी अपडेट या बदलाव के लिए अपनी संबंधित एयरलाइंस से संपर्क करें.
प्रवक्ता ने बताया कि रनवे 09/27 की रीकार्पेटिंग सीसीएसआई एयरपोर्ट की अपनी संरचना और सेवाओं को बढ़ाने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है. दुनिया के लिए भारत के प्रमुख प्रवेश द्वारों में से एक के रूप में लखनऊ एयरपोर्ट अपनी वृद्धि और विकास का समर्थन करने वाली परियोजनाओं में निवेश करना जारी रखेगा. इस परियोजना के सफल समापन से न केवल हवाई अड्डे की स्थिति एक उभरते विमानन केंद्र के रूप में मजबूत होगी, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी योगदान मिलेगा.
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