लखनऊ : राजधानी के माल एवन्यू इलाके में स्थित दरगाह दादा मियां पर पांच दिवसीय उर्स का भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ. इस मौके पर देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं ने शिरकत की. उर्स के पांचवें और अंतिम दिन देश की खुशहाली, शांति और भाईचारे के लिए विशेष दुआएं की गईं.
दरगाह के सज्जादा नशीन, सैयद शबाहत हुसैन ने बताया कि पूरा कार्यक्रम शांति और सौहार्द के माहौल में सम्पन्न हुआ. उन्होंने सभी मुरीदीन (श्रद्धालुओं) को संदेश दिया कि वे जहां भी रहें, शांति और भाईचारे का संदेश फैलाएं. साथ ही, देश की तरक्की और अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखें. उन्होंने उन्माद फैलाने वालों से दूर रहने की अपील भी की. इस दौरान उन्होंने लखनऊ प्रशासन के सहयोग की भी सराहना की और कहा कि प्रशासन की ओर से पूरी सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई गई, जिससे किसी भी प्रकार की अनहोनी नहीं हुई.
सैयद शबाहत हुसैन ने बताया कि हजरत नबी रजा शाह उर्फ दादा मियां, जिनके पीर बांग्लादेश से थे, उन्होंने वर्षों तक बांग्लादेश में अपने पीर की सेवा की. उनका कहना था कि हिंदुस्तान और बांग्लादेश के रिश्ते रूहानी हैं और हजरत दादा मियां ने दोनों देशों के बीच प्रेम और सद्भावना का पुल बनाया है. उर्स के समापन के अवसर पर दरगाह से यह संदेश भी दिया गया कि सभी धर्मों का सम्मान करें और भाईचारे को बढ़ावा दें. खास बात यह है कि दरगाह पर दीपावली भी बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है, जिसमें बड़ी संख्या में हिंदू श्रद्धालु भी शामिल होते हैं.
दरगाह दादा मियां में आयोजित उर्स की शुरुआत हजरत नबी राजा शाह उर्फ दादा मियां के सालाना उर्स के मौके पर की जाती है. यह उर्स हर साल इस्लामी कैलेंडर के हिसाब से आयोजित होता है, जो कि चांद के हिसाब से बदलता रहता है. उर्स का आयोजन आमतौर पर पांच दिनों तक चलता है, जिसमें देश-विदेश से श्रद्धालु शामिल होते हैं और अंतिम दिन दुआओं और रस्मों के साथ इसका समापन होता है.
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