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कोडरमा में पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत पांच दिवसीय सेमिनार का आयोजन, पारंपरिक कारीगरों को दी जा रही ट्रेनिंग

Seminar on PM Vishwakarma Yojana. कोडरमा के झुमरी तिलैया में पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत पारंपरिक कारीगरों को जागरूक करने और इस योजना से आच्छादित करने के लिए पांच दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया है, जहां योग्य लाभुकों को इस योजना के तहत पंजीकृत और प्रशिक्षित किया जा रहा है.

PM Vishwakarma Yojana
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 8, 2024, 7:10 AM IST

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत सेमिनार का आयोजन

कोडरमा: जिले के झुमरी तिलैया में पीएम विश्वकर्मा योजना को लेकर पांच दिवसीय सेमिनार सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में विधायक डॉ. नीरा यादव पहुंचीं. उन्होंने पीएम मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि यह योजना पारंपरिक कारीगरों के लिए वरदान साबित होगी. साथ ही जो कुशल कारीगर हैं, यह उन्हें प्रशिक्षण देने के साथ-साथ अपनी कला को विकसित करने के लिए भी प्रेरित करेगा.

एमएसएमई मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में अब तक 1200 से अधिक पारंपरिक कारीगरों ने अपना पंजीकरण कराया है और यह प्रक्रिया अभी भी जारी है. एमएसएमई के सहायक निदेशक सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां आने वाले कारीगरों को सेमिनार और जागरूकता कार्यक्रमों के साथ-साथ 5 साल का आवासीय प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. आवास और भोजन के अलावा उन्हें 5 दिन का वेतन भी दिया जाएगा.

कारीगरों के लिए खुलेंगे रोजगार के नए रास्ते: कार्यक्रम में पहुंचे पारंपरिक कारीगरों को पीएम विश्वकर्मा योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी दी जा रही है. इसके साथ ही उन्हें एलईडी के माध्यम से पारंपरिक व्यवसाय को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ इसे और विकसित करने की तकनीक भी बताई जा रही है. यहां आए पात्र लाभार्थियों ने बताया कि इस योजना से जुड़ने के बाद नि:संदेह उनके पारंपरिक व्यवसाय को काफी फायदा होगा और उनके लिए रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे.

बता दें कि मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों के अलावा बांस का सूप और दउरा बनाने वाले बढ़ई, नाई और लोहार जैसे पारंपरिक कारीगरों के हाथों में हुनर तो होता है, लेकिन बिना किसी आर्थिक सहयोग के उनकी कला गांव-मोहल्लों में विलुप्त हो जाती है. लेकिन पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत न केवल इन हुनरमंद लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, बल्कि उन्हें अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है.

यह भी पढ़ें: PM Vishwakarma Scheme: पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत, पारंपरिक कारीगर और शिल्पकारों में खुशी

यह भी पढ़ें: पीएम विश्वकर्मा योजना लॉन्च: 18 पारंपरिक व्यवसाय से जुड़े कारीगरों को होगा फायदा

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पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत सेमिनार का आयोजन

कोडरमा: जिले के झुमरी तिलैया में पीएम विश्वकर्मा योजना को लेकर पांच दिवसीय सेमिनार सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में विधायक डॉ. नीरा यादव पहुंचीं. उन्होंने पीएम मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि यह योजना पारंपरिक कारीगरों के लिए वरदान साबित होगी. साथ ही जो कुशल कारीगर हैं, यह उन्हें प्रशिक्षण देने के साथ-साथ अपनी कला को विकसित करने के लिए भी प्रेरित करेगा.

एमएसएमई मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में अब तक 1200 से अधिक पारंपरिक कारीगरों ने अपना पंजीकरण कराया है और यह प्रक्रिया अभी भी जारी है. एमएसएमई के सहायक निदेशक सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां आने वाले कारीगरों को सेमिनार और जागरूकता कार्यक्रमों के साथ-साथ 5 साल का आवासीय प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. आवास और भोजन के अलावा उन्हें 5 दिन का वेतन भी दिया जाएगा.

कारीगरों के लिए खुलेंगे रोजगार के नए रास्ते: कार्यक्रम में पहुंचे पारंपरिक कारीगरों को पीएम विश्वकर्मा योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी दी जा रही है. इसके साथ ही उन्हें एलईडी के माध्यम से पारंपरिक व्यवसाय को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ इसे और विकसित करने की तकनीक भी बताई जा रही है. यहां आए पात्र लाभार्थियों ने बताया कि इस योजना से जुड़ने के बाद नि:संदेह उनके पारंपरिक व्यवसाय को काफी फायदा होगा और उनके लिए रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे.

बता दें कि मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों के अलावा बांस का सूप और दउरा बनाने वाले बढ़ई, नाई और लोहार जैसे पारंपरिक कारीगरों के हाथों में हुनर तो होता है, लेकिन बिना किसी आर्थिक सहयोग के उनकी कला गांव-मोहल्लों में विलुप्त हो जाती है. लेकिन पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत न केवल इन हुनरमंद लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, बल्कि उन्हें अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है.

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