दुमकाः जिला के जरमुंडी थाना की पुलिस ने 22 मई की रात चंदना गांव के पास गाड़ी में जली हुई हालत में शव बरामद हुआ था. मोहन दास नामक चालक की हत्या कर शव को गाड़ी समेत जलाने की घटना का खुलासा पुलिस ने कर दिया है. हत्या और हादसा के बीच उलझे इस हत्याकांड में मिले एक खोखा के आधार पर पुलिस ने सारा सच सामने ला दिया.
तीन चचेरे भाइयों ने रची साजिश और पहले मारी गोली, फिर वाहन समेत जलाया
इस हत्याकांड को मृतक मोहन दास के पड़ोस में रहने वाले तीन चचेरे भाई अरविंद दास, पिंटू दास, राजेंद्र दास के साथ गांव के दो युवक राजू दास और ललन दास ने जमीन विवाद के चलते अंजाम दिया. उनकी गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने हत्याकांड में इस्तेमाल दो बाइक, एक देसी पिस्टल, एक कट्टा और पांच मोबाइल भी बरामद किए हैं. सभी को जेल भेज दिया गया है.
एसपी ने प्रेसवार्ता कर दी जानकारी
शनिवार को पुलिस सभागार में दुमका एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने बताया कि मृतक के एक चचेरे भाई भोला दास से आरोपियों ने करीब दो कट्ठा जमीन ली थी. वे लोग जमीन पर काम कराने की तैयारी कर रहे थे लेकिन मोहन दास ने यह कहते हुए अड़ंगा लगा दिया कि अभी जमीन का बंटवारा नहीं हुआ है, बेची गई जमीन में उसका भी हिस्सा है. इसको लेकर आरोपियों की आए दिन मोहन दास से नोंकझोंक होती रहती थी. जमीन की वजह से मोहन दास के गोतिया ही उसकी जान के दुश्मन बन गए. फिर इन लोगों ने पूरी प्लानिंग के साथ इस घटना को अंजाम दिया.
पहले मारी मारी गोली फिर बाइक से पेट्रोल निकालकर जलाया शव
दुमका एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने बताया कि हत्यारे कई दिन से मोहन की हत्या की फिराक में थे. 22 मई को उन्हें पता चला कि मोहन दास स्कार्पियो लेकर अपने मालिक के रिश्तेदार को नोनीहाट में चल रहे यज्ञ में लेकर गया है, जो देर रात तक लौटेगा. इसके बाद जब मोहन लौट रहा पांचों ने दो बाइक से उसका पीछा शुरू किया. चंदना गांव के पास सभी ने चालक को रोका. मोहन को इस बात की भनक नहीं थी कि वे लोग उसकी हत्या करने वाले हैं.
स्कार्पियो रोकते ही एक आरोपी ने सीट पर बैठे बैठे ही मोहन को गोली मार दी. मोहन की मौत के बाद उन लोगों ने बाइक की टंकी से पेट्रोल निकालकर शव समेत वाहन में आग लगा दी ताकि पुलिस को यह हादसा लगे. एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने बताया कि हत्याकांड का खुलासा करने के लिए एसडीपीओ के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया था. मोहन का शव पूरी तरह से जल गया था. इसलिए पुलिस हत्या और हादसा मानकर अनुसंधान कर रही थी. जांच में पुलिस को वाहन से कुछ दूरी पर गोली का खोखा मिला.
इससे साफ हो गया कि चालक की गोली मारकर हत्या की गई है. इसके बाद पुलिस ने अपने स्तर से अनुसंधान शुरू की और हत्यारों तक पहुंच गई. एसपी ने बताया कि मोहन दास का ललन के अलावा गांव के कई लोगाें से विवाद था. हत्याराें ने जब उसकी हत्या की साजिश रची तो उसमें गांव का ललन दास भी शामिल हो गया. उसने ही हत्याकांड को अंजाम देने के लिए हथियार दिया था.
एक की गिरफ्तारी के बाद सभी आरोपित पकड़ाए
एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने बताया कि जांच में यह तो स्पष्ट हो गया था कि चालक की हत्या की गई है. इसके बाद पुलिस ने अपने स्तर से अनुसंधान शुरू किया तो जमीन विवाद में रंजिश की बात पता चली. इस कड़ी में पहले अरविंद दास को उठाकर पूछताछ की गई. इसके बाद सभी आरोपित का नाम सामने आया. अरविंद के घर से देसी पिस्टल, भाई पिंटू दास के पास से देशी कट्टा मिला. उनकी गिरफ्तारी के बाद स्पष्ट हो गया कि कितने लोग इस हत्याकांड में शामिल थे.
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