बगहा: बिहार के बगहा के तिरहुत, त्रिवेणी और दोन जैसे नहरों में असामाजिक तत्वों ने जहर डाल दिया है. जिससे लाखों की संख्या में मछलियां मर गईं हैं और पानी के ऊपर तैर रही हैं. आशंका जताई जा रही है कि छठ पूजा के बाद मछुआरों ने मछली पकड़ने और बेचने के उद्देश्य इस तरह का काम किया है. इसके कारण जलीय जीव-जंतुओं समेत पशु पक्षियों का जीवन भी खतरे में पड़ गया है.
असामाजिक तत्वों ने नदी में डाला जहर: पर्यावरण प्रेमी गजेन्द्र यादव ने बताया कि हर साल छठ के बाद कुछ असामाजिक तत्व नदियों में जहर डाल देते हैं. इस बार भी लगातार जहर डालने की घटनाएं सामने आ रही हैं. जिससे नदियों में मछलियां मर गईं हैं. वहीं इन नदियों में प्रवासी पक्षी समेत किसानों के पालतू मवेशी भी पानी पीने जाते हैं. जिसकी वजह से उनका जीवन भी संकट में है. वाल्मिकीनगर से निकलने वाली गंडक नदी की कई सहायक नदियां हैं. जिसमें तिरहुत, दोन और त्रिवेणी नहर मुख्य है.
"मछली पकड़ने के लिए असामाजिक तत्वों ने नदियों में जहर डाल दिया है. इससे अबतक लाखों मछलियां मर गई हैं. अब हर साल छठ पूजा के बाद उनके द्वारा ऐसी घटना को अंजाम दिया जाता है."-गजेन्द्र यादव, पर्यावरण प्रेमी
पर्यावरण प्रेमी ने की कार्रवाई की मांग: बता दें कि मछली पकड़ने और बेचने वाले मछुआरे महज थोड़े से फायदा के लिए अपने स्वार्थ में अंधे होकर नदियों में जहर डाल रहे हैं. मछलियों के मरने के बाद पर्यावरण प्रेमी गजेन्द्र यादव ने डीएम, एसडीएम, वन विभाग और एसपी को आवेदन देकर इस तरह के असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई करने की मांग की है. एसडीएम कुमार गौरव ने बताया कि नदी में जहर डालने के बाबत शिकायत मिली है. इस मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी.
"नदियों में जहर डालने की घटना सामने आई है. किसी भी जीव-जंतु की हत्या करना पाप है, यह कहीं से भी उचित नहीं है. ऐसे लोगों के खिलाफ जांच पड़ताल कर कड़ा एक्शन लिया जाएगा." -कुमार गौरव, एसडीएम
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