नई दिल्ली/गाजियाबाद : ज्योतिषी गणनाओं के अनुसार सूर्य देव के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने पर नौतपा काल की शुरुआत हो जाती है. नौतपा के शुरू होने के 9 दिनों तक धरती पर भीषण गर्मी का प्रकोप होता है.आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक शनिवार, 25 मई 2024 को प्रातः 3:16 बजे से नौतपा काल की शुरुआत हो रही है. सूर्यदेव एक नक्षत्र में अधिकतम 15 दिनों तक रहते हैं. शनिवार, 8 जून 2024 को रात 1:06 बजे तक सूर्य रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे.
आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में 15 दिनों तक रहते हैं. 15 दिनों की इस अवधि के शुरुआती 9 दिनों तक सूर्य प्रचंड किरणें बिखरते हैं. इस अवधि के दौरान प्रचंड गर्मी पड़ती है. इसी अवधि में समुद्र में मानसून का चक्र शुरू होता है जो की विभिन्न दिशाओं में जाकर मानसून आरंभ कराता है. यदि नौतपा काल की अवधि के दौरान प्रचंड गर्मी पड़ना चातुर्मास में अच्छी वर्षा का संकेत होता है.
शिवकुमार शर्मा बताते हैं कि यदि नौतपा काल की अवधि के दौरान आंधी, तूफान और बारिश हो जाए, तो इसे नौतपा काल का गलना कहा जाता है. जिससे कि चातुर्मास में वर्षा का क्रम बिगड़ने की संभावना बनती है. अतिवृष्टि, अनावृष्टि अथवा सूखा पड़ने के अधिक लक्षण होते हैं. यह सब्जी के दौरान प्रचंड गर्मी से सूर्य जलाशय को तेजी के साथ सोखता है जिससे कि आकाश में बादल बनते हैं. नौतपा की अवधि 15 मई से 2 जून तक है. इस अवधि में प्रचंड गर्मी पड़ेगी.
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शिवकुमार शर्मा बताते हैं कि यदि नौतपा काल में प्रचंड गर्मी पड़ती है तो पर्याप्त मात्रा में वर्षा होती है. जोकि किसानों के लिए बेहद लाभदायक होती है. शास्त्रों में नौतपा कल के दौरान शरीर का विशेष ध्यान रखने के बारे में बताया गया है. मनुष्य का शरीर 70% से अधिक जल से बना हुआ है. नौतपा काल के दौरान पर्याप्त मात्रा में जल ग्रहण करना चाहिए. इस अवधि के दौरान गरीबों को मीठा जल पंखा जल युक्त घड़ा शरबत खरबूजा तरबूज आदि दान करने का विशेष महत्व है.
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नौतपा में 9 दिनों तक आसमान से बरसेगी आग, 25 मई से सूर्य रोहिणी नक्षत्र में करेंगे प्रवेश - 9 day Fire rain from sky in Nautapa
Nautapa 2024: इस साल नौतपा की शुरुआत 25 मई से हो रही है जोकि 2 जून 2024 तक रहेगा. ज्योतिष के अनुसार 25 मई को सुबह 03 बजकर 16 मिनट पर सूर्य देव चंद्रमा के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करेंगे. इसके बाद 2 जून को मृगशिरा नक्षत्र में जाएंगे .जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 15 दिनों के लिए आते है तो उन पंद्रह दिनों के पहले नौ दिन सर्वाधिक गर्मी वाले होते हैं. इन नौ दिनों को नौतपा के नाम से जाना जाता है.
Published : May 21, 2024, 1:50 PM IST
नई दिल्ली/गाजियाबाद : ज्योतिषी गणनाओं के अनुसार सूर्य देव के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने पर नौतपा काल की शुरुआत हो जाती है. नौतपा के शुरू होने के 9 दिनों तक धरती पर भीषण गर्मी का प्रकोप होता है.आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक शनिवार, 25 मई 2024 को प्रातः 3:16 बजे से नौतपा काल की शुरुआत हो रही है. सूर्यदेव एक नक्षत्र में अधिकतम 15 दिनों तक रहते हैं. शनिवार, 8 जून 2024 को रात 1:06 बजे तक सूर्य रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे.
आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में 15 दिनों तक रहते हैं. 15 दिनों की इस अवधि के शुरुआती 9 दिनों तक सूर्य प्रचंड किरणें बिखरते हैं. इस अवधि के दौरान प्रचंड गर्मी पड़ती है. इसी अवधि में समुद्र में मानसून का चक्र शुरू होता है जो की विभिन्न दिशाओं में जाकर मानसून आरंभ कराता है. यदि नौतपा काल की अवधि के दौरान प्रचंड गर्मी पड़ना चातुर्मास में अच्छी वर्षा का संकेत होता है.
शिवकुमार शर्मा बताते हैं कि यदि नौतपा काल की अवधि के दौरान आंधी, तूफान और बारिश हो जाए, तो इसे नौतपा काल का गलना कहा जाता है. जिससे कि चातुर्मास में वर्षा का क्रम बिगड़ने की संभावना बनती है. अतिवृष्टि, अनावृष्टि अथवा सूखा पड़ने के अधिक लक्षण होते हैं. यह सब्जी के दौरान प्रचंड गर्मी से सूर्य जलाशय को तेजी के साथ सोखता है जिससे कि आकाश में बादल बनते हैं. नौतपा की अवधि 15 मई से 2 जून तक है. इस अवधि में प्रचंड गर्मी पड़ेगी.
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शिवकुमार शर्मा बताते हैं कि यदि नौतपा काल में प्रचंड गर्मी पड़ती है तो पर्याप्त मात्रा में वर्षा होती है. जोकि किसानों के लिए बेहद लाभदायक होती है. शास्त्रों में नौतपा कल के दौरान शरीर का विशेष ध्यान रखने के बारे में बताया गया है. मनुष्य का शरीर 70% से अधिक जल से बना हुआ है. नौतपा काल के दौरान पर्याप्त मात्रा में जल ग्रहण करना चाहिए. इस अवधि के दौरान गरीबों को मीठा जल पंखा जल युक्त घड़ा शरबत खरबूजा तरबूज आदि दान करने का विशेष महत्व है.
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