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दिल्ली में अब पॉवर कनेक्शन लेना नहीं होगा आसान, DERC ने नियमों में किये ये बड़े बदलाव, जानिए अब क्या करना होगा जरूरी - FIRE NOC IN DELHI

डीईआरसी की तरफ से एक ड्राफ्ट तैयार किया गया है जिसमें प्रावधान है क‍ि स्‍ट‍िल‍िट पार्किंग के बिना 15 मीटर से ऊंची और स्‍ट‍िल‍िट पार्किंग के साथ 17.5 मीटर से ऊंची बनने वाली रेजिडेंशियल बिल्डिंग के लिए फायर एनओसी लेना जरूरी है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 7, 2024, 12:55 PM IST

Updated : Jul 9, 2024, 2:59 PM IST

DERC ने नियमों में किए बदलाव
DERC ने नियमों में किए बदलाव (ETV Bharat)

नई दिल्लीः दिल्ली में पिछले कुछ सालों से लगातार बढ़ती आग की घटनाओं को काबू करने के लिए अब दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DERC) ने भी सख्त कदम उठाने की तैयारी की है. डीएआरसी ने अब राजधानी में 15 मीटर से ऊंची बनने वाली रेजिडेंशियल बिल्डिंग के लिए बिजली कनेक्शन लेने से पहले दिल्ली फायर सर्विस विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लेने को अनिवार्य करने का फैसला किया है. इसको लेकर डीईआरसी ने अपने बिजली नियामक कानून में भी बदलाव/संशोधन करने का प्रस्ताव किया है जिस पर आम लोगों और स्टेकहोल्डर से 8 अगस्‍त तक सुझाव और आपत्तियां भी मांगी गई हैं.

दरअसल, डीईआरसी की तरफ से एक ड्राफ्ट तैयार किया गया है जिसमें प्रावधान है क‍ि स्‍ट‍िल‍िट पार्किंग के बिना 15 मीटर से ऊंची और स्‍ट‍िल‍िट पार्किंग के साथ 17.5 मीटर से ऊंची बनने वाली रेजिडेंशियल बिल्डिंग के लिए फायर एनओसी लेना जरूरी है. यह बिल्डिंग अगर बिजली का कनेक्शन लेने के लिए अप्लाई करती है तो इनको ब‍िजली व‍ितरण कंपनियां ड‍िस्‍कॉम की ओर से तब तक बिजली कनेक्शन नहीं दिया जाएगा जब तक क‍ि वो सक्षम अथॉरिटी की तरफ से फायर एनओसी प्राप्त नहीं कर लेती. आवेदन के साथ रेजिडेंशियल बिल्डिंग का फायर एनओसी पेश करना अन‍िवार्य होगा. यह डीईआरसी के विनियमन संख्या 10(8) ‌ में प्रावधान क‍िया गया है.

डीईआरसी की ओर से मौजूदा न‍ियमों में बदलाव करने को लेकर तैयार क‍िए गए इस ड्राफ्ट को पब्लिश किया गया है जिसको लागू करने से पहले आम लोगों से और स्टेकहोल्डर्स से सुझाव और आपत्तियां मांगी गई हैं. सुझावों पर विचार करने के बाद नियमावली में संशोधन किया जाएगा. बिजली नियामक ने दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (आपूर्ति संहिता और प्रदर्शन मानक) (छठा संशोधन) विनियम, 2024 का मसौदा प्रकाशित किया है. इस ड्राफ्ट में ही इस तरह के संशोधित प्रावधान किए गए हैं.

डीआरसी ने बिजली वितरण कंपनियों डिस्कॉम को यह अधिकार भी देने का प्रस्ताव किया है कि यदि क‍िसी सिविक एजेंसी की ओर से किसी इमारत को डिमोलिश करने का आर्डर जारी किया है तो बिना किसी कानूनी आदेशों का इंतजार किए बिना उसकी बिजली आपूर्ति को तुरंत काट दिया जाए. प्रमुख विनियमों के विनियमन संख्या 10(7) ‌ के मुताबिक यदि किसी कोर्ट या डीडीए या दिल्ली नगर निगम या सक्षम वैधानिक प्राधिकरण की ओर से परिसर को डिमोलिश करने के कोई निर्देश या आदेश पारित किए गए हैं तो उस स्थिति में डिस्कॉम की ओर से बिजली की आपूर्ति को काटा जा सकता है.

मई-जून में र‍िकॉर्डतोड़ फायर कॉल हुईं र‍िसीव
इस बीच देखा जाए तो इस साल खासकर मई और जून माह में भीषण गर्मी की वजह से आग की घटनाओं में जबरदस्त उछाल देखा गया जिससे दिल्ली में जान माल का भारी नुकसान हुआ. दिल्ली अग्निशमन फायर सर्विस विभाग के रिकॉर्ड की माने तो 28 और 29 मई को आग से जुड़ी हुई सबसे ज्यादा 183 कॉल रिसीव हुई थीं. वहीं, 1 जनवरी से 26 मई तक फायर सर्विस विभाग को आग से जुड़ी 8912 कॉल प्राप्त हुई थीं. इन सभी समस्या को देखते हुए अब डीईआरसी ने भी अपने नियमों में एक बड़ा बदलाव करने का निर्णय लिया है जिससे कि अग्निशमन सुरक्षा को लेकर तय मानकों और मानदंडों को सख्‍ती के साथ लागू करवाया जा सके.

रेजिडेंशियल में आग की 70 फीसदी घटनाओं की बड़ी वजह शॉर्ट सर्किट
दिल्ली फायर सर्विस विभाग के डायरेक्टर अतुल गर्ग का भी कहना है कि रेजिडेंशियल बिल्डिंग में आग लगने के मामलों में 70 फीसदी घटनाएं शॉर्ट सर्किट की वजह से ही होती हैं. यह सभी फायर सेफ्टी अरेंजमेंट की कमी का एक बड़ा कारण होती हैं. हालांकि, ज्यादातर रेजिडेंशियल बिल्डिंग 15 मीटर से कम हाइट वाली हैं, इसलिए उनको फायर एनओसी की जरूरत नहीं होती है. अधिकारी इस बात भी मानते हैं कि प्लान्‍ड एरिया यानी न‍ियोज‍ित इलाकों और अनऑथराइज्ड कॉलोनियों, दोनों में बड़ी संख्या में बिल्डरों की वजह से घरों को मल्टी स्टोरी बिल्डिंग्‍स/फ्लैट्स के तौर पर पुनर्विकसित किया गया है जिसकी वजह से वह कभी-कभी चार-पांच मंजिला से ज्यादा भी होते हैं. बावजूद इसके इमरजेंसी स्थिति में फायर सेफ्टी सिस्टम के प्रावधान इनमें नहीं क‍िए होते हैं. इसलिए इन सभी प्रावधानों पर सख्‍ती से अमल करने की भी बेहद जरूरत है.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली में झमाझम बारिश का इंतजार, बूंदाबांदी से बढ़ी उमस कर रही परेशान, जानिए- कैसा रहेगा इस हफ्ते मौसम का हाल

नई दिल्लीः दिल्ली में पिछले कुछ सालों से लगातार बढ़ती आग की घटनाओं को काबू करने के लिए अब दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DERC) ने भी सख्त कदम उठाने की तैयारी की है. डीएआरसी ने अब राजधानी में 15 मीटर से ऊंची बनने वाली रेजिडेंशियल बिल्डिंग के लिए बिजली कनेक्शन लेने से पहले दिल्ली फायर सर्विस विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लेने को अनिवार्य करने का फैसला किया है. इसको लेकर डीईआरसी ने अपने बिजली नियामक कानून में भी बदलाव/संशोधन करने का प्रस्ताव किया है जिस पर आम लोगों और स्टेकहोल्डर से 8 अगस्‍त तक सुझाव और आपत्तियां भी मांगी गई हैं.

दरअसल, डीईआरसी की तरफ से एक ड्राफ्ट तैयार किया गया है जिसमें प्रावधान है क‍ि स्‍ट‍िल‍िट पार्किंग के बिना 15 मीटर से ऊंची और स्‍ट‍िल‍िट पार्किंग के साथ 17.5 मीटर से ऊंची बनने वाली रेजिडेंशियल बिल्डिंग के लिए फायर एनओसी लेना जरूरी है. यह बिल्डिंग अगर बिजली का कनेक्शन लेने के लिए अप्लाई करती है तो इनको ब‍िजली व‍ितरण कंपनियां ड‍िस्‍कॉम की ओर से तब तक बिजली कनेक्शन नहीं दिया जाएगा जब तक क‍ि वो सक्षम अथॉरिटी की तरफ से फायर एनओसी प्राप्त नहीं कर लेती. आवेदन के साथ रेजिडेंशियल बिल्डिंग का फायर एनओसी पेश करना अन‍िवार्य होगा. यह डीईआरसी के विनियमन संख्या 10(8) ‌ में प्रावधान क‍िया गया है.

डीईआरसी की ओर से मौजूदा न‍ियमों में बदलाव करने को लेकर तैयार क‍िए गए इस ड्राफ्ट को पब्लिश किया गया है जिसको लागू करने से पहले आम लोगों से और स्टेकहोल्डर्स से सुझाव और आपत्तियां मांगी गई हैं. सुझावों पर विचार करने के बाद नियमावली में संशोधन किया जाएगा. बिजली नियामक ने दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (आपूर्ति संहिता और प्रदर्शन मानक) (छठा संशोधन) विनियम, 2024 का मसौदा प्रकाशित किया है. इस ड्राफ्ट में ही इस तरह के संशोधित प्रावधान किए गए हैं.

डीआरसी ने बिजली वितरण कंपनियों डिस्कॉम को यह अधिकार भी देने का प्रस्ताव किया है कि यदि क‍िसी सिविक एजेंसी की ओर से किसी इमारत को डिमोलिश करने का आर्डर जारी किया है तो बिना किसी कानूनी आदेशों का इंतजार किए बिना उसकी बिजली आपूर्ति को तुरंत काट दिया जाए. प्रमुख विनियमों के विनियमन संख्या 10(7) ‌ के मुताबिक यदि किसी कोर्ट या डीडीए या दिल्ली नगर निगम या सक्षम वैधानिक प्राधिकरण की ओर से परिसर को डिमोलिश करने के कोई निर्देश या आदेश पारित किए गए हैं तो उस स्थिति में डिस्कॉम की ओर से बिजली की आपूर्ति को काटा जा सकता है.

मई-जून में र‍िकॉर्डतोड़ फायर कॉल हुईं र‍िसीव
इस बीच देखा जाए तो इस साल खासकर मई और जून माह में भीषण गर्मी की वजह से आग की घटनाओं में जबरदस्त उछाल देखा गया जिससे दिल्ली में जान माल का भारी नुकसान हुआ. दिल्ली अग्निशमन फायर सर्विस विभाग के रिकॉर्ड की माने तो 28 और 29 मई को आग से जुड़ी हुई सबसे ज्यादा 183 कॉल रिसीव हुई थीं. वहीं, 1 जनवरी से 26 मई तक फायर सर्विस विभाग को आग से जुड़ी 8912 कॉल प्राप्त हुई थीं. इन सभी समस्या को देखते हुए अब डीईआरसी ने भी अपने नियमों में एक बड़ा बदलाव करने का निर्णय लिया है जिससे कि अग्निशमन सुरक्षा को लेकर तय मानकों और मानदंडों को सख्‍ती के साथ लागू करवाया जा सके.

रेजिडेंशियल में आग की 70 फीसदी घटनाओं की बड़ी वजह शॉर्ट सर्किट
दिल्ली फायर सर्विस विभाग के डायरेक्टर अतुल गर्ग का भी कहना है कि रेजिडेंशियल बिल्डिंग में आग लगने के मामलों में 70 फीसदी घटनाएं शॉर्ट सर्किट की वजह से ही होती हैं. यह सभी फायर सेफ्टी अरेंजमेंट की कमी का एक बड़ा कारण होती हैं. हालांकि, ज्यादातर रेजिडेंशियल बिल्डिंग 15 मीटर से कम हाइट वाली हैं, इसलिए उनको फायर एनओसी की जरूरत नहीं होती है. अधिकारी इस बात भी मानते हैं कि प्लान्‍ड एरिया यानी न‍ियोज‍ित इलाकों और अनऑथराइज्ड कॉलोनियों, दोनों में बड़ी संख्या में बिल्डरों की वजह से घरों को मल्टी स्टोरी बिल्डिंग्‍स/फ्लैट्स के तौर पर पुनर्विकसित किया गया है जिसकी वजह से वह कभी-कभी चार-पांच मंजिला से ज्यादा भी होते हैं. बावजूद इसके इमरजेंसी स्थिति में फायर सेफ्टी सिस्टम के प्रावधान इनमें नहीं क‍िए होते हैं. इसलिए इन सभी प्रावधानों पर सख्‍ती से अमल करने की भी बेहद जरूरत है.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली में झमाझम बारिश का इंतजार, बूंदाबांदी से बढ़ी उमस कर रही परेशान, जानिए- कैसा रहेगा इस हफ्ते मौसम का हाल

Last Updated : Jul 9, 2024, 2:59 PM IST
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