झाबुआ। नल्दी के जंगल में आग की लपटें हाथीपावा की पहाड़ी तक जा पहुंचीं. हालांकि इस हिस्से में जल्द ही आग पर काबू पा लिया गया. जबकि नीचे जंगल वाले हिस्से में आग पर नियंत्रण पाने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ी. इस पूरी कवायद में करीब तीन घंटे का वक्त लगा. घटना दोपहर करीब एक बजे की है. हाथीपावा की पहाड़ी के पश्चिमी क्षेत्र में नीचे नल्दी का जंगल है. वहीं से आग लगी और देखते ही देखते आग ऊपर हाथीपावा की पहाड़ी तक आ पहुंची. हवा ने आग को भड़काने का काम किया. जिससे एक बड़ा हिस्सा आग की चपेट में आ गया. इस दौरान धुएं का ऐसा गुबार उठा कि कई किमी दूर से भी साफ नजर आ रहा था. इस आगजनी से एक बड़े हिस्से में लगी घास तो पूरी तरह से खाक हो गई और वहीं पेड़ों को भी नुकसान पहुंचा है. पशु-पक्षी भी बचने के लिए भागते दिखाई दिए.
![Fire Jhabua Naldi forest damage](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/30-03-2024/mp-jha-01_30032024165839_3003f_1711798119_946.jpg)
प्रशासन व लोगों के प्रयास से पाया आग पर काबू
जंगल में धधक रही आग को सबसे पहले चौकीदार मल्लू मेड़ा, नारू पारगी और रमेश मेड़ा ने देखा. उन्होंने हाथीपावा मॉर्निंग क्लब के अध्यक्ष कमलेश पटेल को अवगत कराया. उन्होंने डीएफओ एचएस ठाकुर के साथ फायर ब्रिगेड को सूचना दी. इसके बाद डीएफओ ठाकुर और रेंजर हरिशंकर पांडेय अपनी पूरी टीम के साथ हाथीपावा की पहाड़ी पर पहुंचे और ब्लोअर के साथ आग बुझाने के साथ ही विभागीय तकनीक के जरिए नियंत्रण के प्रयास शुरू किए. दूसरी तरफ नगर पालिका की फायर फाइटर की टीम दोनों फायर ब्रिगेड के साथ आ पहुंची और उन्होंने भी अपना कार्य शुरू कर दिया. तब तक हाथीपावा मॉर्निंग क्लब के कमलेश पटेल, राजेश गौतम, दिनेश जैन, श्रीराम शर्मा, सुनील चौहान, शैलेंद्र राठौर, राजेश शाह आदि भी आ गए.
जंगल में आग किसी ने लगाई या धोखे से लगी
सभी लोगों ने वन विभाग के साथ कंधे से कंधा मिलाते हुए मैदान संभाल लिया. जबकि थाना प्रभारी राजूसिंह बघेल फायर फाइटर और वन विभाग की टीम के साथ नीचे उतर गए. उधर जंगल में आग लगने की जानकारी मिलने पर अपर कलेक्टर एसएस मुजाल्दा और एसडीएम एचएस विश्वकर्मा भी राजस्व अमले के साथ मौके पर आ गए. उन्होंने वस्तुस्थिति की जानकारी ली झाबुआ डीएफओ एचएस ठाकुर के अनुसार . दोपहर 4 बजे तक आग पूरी तरह काबू पा लिया गया. यह आग प्राकृतिक नहीं है, बल्कि मानवजनित है. संभवतः नीचे के हिस्से में गलती से या जानबूझकर आग लगाई गई. हवा के साथ यह आग फैलती चली गई. इससे करीब ढाई हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है.