नई दिल्ली: दिल्ली में भीषण गर्मी पड़ने के साथ ही आग की घटनाओं में भी इजाफा होने लगता है. आग लगने की घटनाओं की खास वजह शॉर्ट सर्किट आदि ही देखी गई है. पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार स्थित बेबी केयर सेंटर अस्पताल में शनिवार रात्रि साढ़े 11 बजे लगी आग की घटना में 7 बच्चों की दर्दनाक मौत ने राजधानी दिल्ली को हिलाकर रख दिया. दिल्ली के प्राइवेट ही नहीं बल्कि सरकारी अस्पताल में आग लगने की यह कोई पहली घटना नहीं है. पिछले सालों में कई अस्पतालों में आग की घटनाएं सामने आई लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ.
पिछले साल 2023 में 9 जून को शुक्रवार देर रात्रि 1:30 बजे के करीब वेस्ट दिल्ली के जनकपुरी की वैशाली कॉलोनी में भी एक न्यू बोर्न बेबी अस्पताल में भी आग लगने की घटना सामने आई थी. घटना के वक्त अस्पताल में 20 नवजात शिशु भर्ती थे, लेकिन समय रहते उनको रेस्क्यू करा लिया गया था. अस्पताल में लगी आग के बाद बहुत तेजी के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था, जिसके चलते सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था. इस वजह से पिछले साल एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया था. इन सभी बच्चों को रेस्क्यू कराने के बाद पास के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. हालांकि इस अस्पताल के संकरी गली में होने की वजह से आग पर काबू पाने में थोड़ी परेशानी जरूर हुई थी. यह आग अस्पताल के एक बेसमेंट में रखे फर्नीचर में लगी थी, जिसको बुझाने में करीब 1 घंटे की कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी.लेकिन सभी जिंदगियां बचा ली गई थीं.
बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में आगजनी
दिल्ली सरकार के रोहिणी स्थित बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में भी 31 दिसंबर, 2023 को आग लगने की घटना सामने आई थी. अंबेडकर अस्पताल की 5वी मंजिल स्थित यूरोलॉजी विभाग में यह आग लग गई थी. हालांकि, इस आग में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं थी. आग अस्पताल के बायो वेस्ट में लगी थी लेकिन समय रहते आग को फैलने से रोक लिया गया था.
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना
पिछले साल केंद्र सरकार के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में भी पिछले साल 11 अगस्त को एनाटॉमी डिपार्टमेंट में आग लगने की घटना सामने आई थी. यह डिपार्टमेंट अस्पताल परिसर के फर्स्ट फ्लोर पर स्थित है. हालांकि, इस आग में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं मिली थी. यह घटना दोपहर करीब ढाई बजे के आसपास हुई थी. आग बुझाने के लिए फायर टेंडर की 7 गाड़ियों ने मौके पर पहुंच कर इस पर काबू पा लिया था.
दिल्ली के एम्स में भीषण आग
देश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल दिल्ली एम्स में भी पिछले साल 7 अगस्त को इमरजेंसी वार्ड में भीषण आग लगने की घटना सामने आई थी. केंद्र सरकार के अधीनस्थ इस अस्पताल के एंडोस्कोपी रूम में यह आग लगी थी. आग बुझाने के लिए मौके पर 8 फायर टेंडर पहुंचे थे. सुबह के वक्त 11:54 बजे आग लगने के बाद तुरंत सभी मरीजों को इमरजेंसी वार्ड से निकालकर दूसरी जगह शिफ्ट किया गया था जिसके बाद कोई बड़ा हादसे होने से बच गया.
दिल्ली कैंट इलाके में आर्मी के बेस अस्पताल में भी पिछले साल 9 मई को भीषण आग लगने की घटना सामने आई थी. इस आग में चिकित्सा उपकरण जलकर खाक हो गए थे. लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं मिली थी. यह आग मंगलवार तड़के करीब 3:50 बजे लगी थी.
ग्रेटर कैलाश के एक अस्पताल में आग
17 दिसंबर, 2022 में भी नई दिल्ली के ग्रेटर कैलाश के एक अस्पताल में आग लगने की घटना सामने आई थी जिसके बाद चारों तरफ अफरातफरी मच गई थी. आग नई दिल्ली के ग्रेटर कैलाश पार्ट-1 स्थित फिनिक्स अस्पताल में शनिवार सुबह लगी थी. सुबह 9:07 बजे अस्पताल में आग लगने की सूचना फायर डिपार्टमेंट को दी गई थी जिसके बाद तुरंत दमकल की गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया था.
एलएनजेपी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में आग
दिल्ली सरकार के बड़े अस्पतालों में शुमार एलएनजेपी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भी 18 अक्टूबर, 2021 अचानक आग लग गई थी. इसके बाद अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया था. यह आग अस्पताल के बेसमेंट में इमरजेंसी वार्ड में स्थित सेमीनार रूम में चार्जिंग उपकरण, बैटरियों, गद्दों और अन्य सामान में आग लग गई थी.
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दिल्ली के एम्स अस्पताल में जून 2021 में भी आग लगने की घटना सामने आ चुकी है. एम्स के गेट नंबर 2 के पास कन्वर्जन ब्लॉक के 9वें फ्लोर पर रात करीब 10 बजे आग की घटना सामने आई थी. इस पर काबू पाने के लिए मौके पर करीब 26 फायर टेंडर पहुंचे थे. डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया था. बताया गया कि इस आग में स्पेशल कोरोना लैब में रखे सैंपल जलकर खाक हो गए थे.
दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पतालों में आग लगने की घटना सामने आती रही हैं लेकिन बीती रात शनिवार को विवेक विहार के बेबी केयर सेंटर के हादसे में 7 मासूमों की मौत ने सभी को हिलाकर रख दिया. दिल्ली के अस्पताल में इस तरह का दर्दनाक हादसा अभी तक सामने नहीं आया है. इस आग की सूचना मिलते ही मौके पर 9 दमकल गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंच गईं थीं. करीब सवा घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया था. सेंटर में आग लगने के बाद कम से कम 12 नवजात शिशुओं को बचाया गया लेकिन 7 मासूमों की जिंदगी को नहीं बचाया जा सका. रेस्क्यू कराए गए 5 बच्चों को ईस्ट दिल्ली एडवांस्ड केयर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है. मृतक बच्चों के शवों को जीटीबी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है.
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