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हिमाचल के जंगलों में आग लगाते पकड़े गए तो होगी FIR, फायर सीजन में कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द - Himachal Fire Session

हिमाचल प्रदेश में गर्मियों का मौसम शुरू होते ही फायर सीजन भी शुरू हो गया है. 15 अप्रैल से लेकर 15 जून तक फायर सीजन के दौरान जंगलों में आग लगने का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ जाता है. जिसके चलते फायर ब्रिगेड ने पहले से ही तैयारियां करके रखी हैं, ताकि जंगलों को आग की भेंट चढ़ने से बचाया जा सके.

HIMACHAL FIRE SESSION
हिमाचल के जंगल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 21, 2024, 10:44 AM IST

Updated : May 21, 2024, 12:08 PM IST

दिनेश शर्मा, डीएफओ, धर्मशाला (ETV Bharat)

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश में फायर सीजन शुरू हो चुका है. प्रदेश में ऐसे कई ऐसे घनी आबादी वाले क्षेत्र हैं, जो कि वनों से सटे होते हैं. ऐसे एरिया में फायर अलर्ट सिस्टम पर ऑनलाइन रिपोर्टिंग के जरिए फायर की सूचना दी जा सकती है. फायर सीजन में वनों में लगने वाली आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग की ओर से हर बार हर संभव प्रयास किए जाते हैं. ऐसे में जंगल में आग लगने पर फायर ब्रिगेड को काबू पाने के लिए पानी की समस्या न हो, इसके लिए भी विभाग ने प्रभावी पहल की है.

चेक डैम और वन सरोवरों की मैपिंग

डीएफओ धर्मशाला दिनेश शर्मा ने बताया कि वन मंडल धर्मशाला में जो भी जल संरक्षण के कार्य हुए हैं, जिसके तहत चेक डैम व वन सरोवर बने हैं, जिनकी जिला डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के माध्यम से मैपिंग करवा दी है. जिससे कि फायरब्रिगेड को आग लगने के दौरान कहीं से पानी की जरूरत पड़ती है तो फायरब्रिगेड के पास पहले से ही मैपिंग के माध्यम से चैक डैम व वन सरोवर की जानकारी होगी, तो फायर कर्मी वहां से पानी भर सकते हैं.

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जंगल में आग लगाने पर होगी FIR (ETV Bharat)

स्टाफ को सतर्क रहने के निर्देश

डीएफओ दिनेश शर्मा ने बताया कि घनी आबादी से सटे वन क्षेत्र में स्टाफ को सतर्क रहने को कहा गया है. जिससे कि छोटी से छोटी आग की घटना पर भी फौरन एक्शन लिया जा सके. इसके लिए सूचना फायर अलर्ट सिस्टम पर ऑनलाइन रिपोर्टिंग की व्यवस्था की गई है. साथ ही संवेदनशील एरिया में वन विभाग का स्टाफ भी मौके पर तैयार रहता है, ताकि इन जंगलों में आग लगने की घटनाओं को रोका जा सके. वहीं, सभी फायर कर्मियों की छुट्टियां स्थगित कर दी गई हैं. केवल आपत स्थिति में ही कर्मचारियों को छुट्टी मिल सकती है.

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तापमान बढ़ने से बढ़ा आग लगने का खतरा (ETV Bharat)

अब तक सामने आई 5 घटनाएं

डीएसओ धर्मशाला दिनेश शर्मा ने बताया कि वन मंडल धर्मशाला में फायर सीजन के अब तक के 15 दिनों में जंगल में आग लगने की 5 घटनाएं सामने आई हैं. जो कि छोटे स्तर की थी और जहां समय रहते आग पर काबू पा लिया गया है. इन मामलों में अभी तक किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं है, लेकिन बावजूद इसके वन विभाग आग लगने की घटनाओं को लेकर पूरी तरह से सतर्क है, क्योंकि अभी कुछ दिनों से प्रदेश में गर्मी के चलते तापमान में वृद्धि हुई है. जिससे जंगलों में आग लगने की घटनाएं आम हो जाती हैं.

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हिमाचल में फायर सीजन शुरू (ETV Bharat)

वन में आग लगाने पर होगी एफआईआर

डीएफओ धर्मशाला का कहना है कि वनों में आग लगने के दो प्रमुख कारण हैं, एक प्राकृतिक और दूसरा मानवीय कारण है. लंबा ड्राईस्पेल होने की वजह से जंगलों में फैली चीड़ की पत्तियां भी ग्राउंड फायर का कारण बनती हैं. वहीं, दूसरी ओर लोगों में ऐसी अवधारणा है कि चीड़ की पत्तियों को जलाने से अच्छी घास निकलती है, जिस कारण लोग खुद भी चीड़ की पत्तियों को आग लगा देते हैं, जो कि अपराध है. उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति जंगल में आग लगाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी.

ये भी पढे़ं: हिमाचल में बढ़ा ग्रीन कवर एरिया, क्लाइमेट चेंज बड़ी चुनौती, राज्यपाल ने दिया हरा सोना बचाने का संदेश

ये भी पढे़ं: खतरे में 10 मिलियन हेक्टेयर वन क्षेत्र, जानवरों और पौधों की प्रजातियों पर खतरा

दिनेश शर्मा, डीएफओ, धर्मशाला (ETV Bharat)

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश में फायर सीजन शुरू हो चुका है. प्रदेश में ऐसे कई ऐसे घनी आबादी वाले क्षेत्र हैं, जो कि वनों से सटे होते हैं. ऐसे एरिया में फायर अलर्ट सिस्टम पर ऑनलाइन रिपोर्टिंग के जरिए फायर की सूचना दी जा सकती है. फायर सीजन में वनों में लगने वाली आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग की ओर से हर बार हर संभव प्रयास किए जाते हैं. ऐसे में जंगल में आग लगने पर फायर ब्रिगेड को काबू पाने के लिए पानी की समस्या न हो, इसके लिए भी विभाग ने प्रभावी पहल की है.

चेक डैम और वन सरोवरों की मैपिंग

डीएफओ धर्मशाला दिनेश शर्मा ने बताया कि वन मंडल धर्मशाला में जो भी जल संरक्षण के कार्य हुए हैं, जिसके तहत चेक डैम व वन सरोवर बने हैं, जिनकी जिला डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के माध्यम से मैपिंग करवा दी है. जिससे कि फायरब्रिगेड को आग लगने के दौरान कहीं से पानी की जरूरत पड़ती है तो फायरब्रिगेड के पास पहले से ही मैपिंग के माध्यम से चैक डैम व वन सरोवर की जानकारी होगी, तो फायर कर्मी वहां से पानी भर सकते हैं.

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जंगल में आग लगाने पर होगी FIR (ETV Bharat)

स्टाफ को सतर्क रहने के निर्देश

डीएफओ दिनेश शर्मा ने बताया कि घनी आबादी से सटे वन क्षेत्र में स्टाफ को सतर्क रहने को कहा गया है. जिससे कि छोटी से छोटी आग की घटना पर भी फौरन एक्शन लिया जा सके. इसके लिए सूचना फायर अलर्ट सिस्टम पर ऑनलाइन रिपोर्टिंग की व्यवस्था की गई है. साथ ही संवेदनशील एरिया में वन विभाग का स्टाफ भी मौके पर तैयार रहता है, ताकि इन जंगलों में आग लगने की घटनाओं को रोका जा सके. वहीं, सभी फायर कर्मियों की छुट्टियां स्थगित कर दी गई हैं. केवल आपत स्थिति में ही कर्मचारियों को छुट्टी मिल सकती है.

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तापमान बढ़ने से बढ़ा आग लगने का खतरा (ETV Bharat)

अब तक सामने आई 5 घटनाएं

डीएसओ धर्मशाला दिनेश शर्मा ने बताया कि वन मंडल धर्मशाला में फायर सीजन के अब तक के 15 दिनों में जंगल में आग लगने की 5 घटनाएं सामने आई हैं. जो कि छोटे स्तर की थी और जहां समय रहते आग पर काबू पा लिया गया है. इन मामलों में अभी तक किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं है, लेकिन बावजूद इसके वन विभाग आग लगने की घटनाओं को लेकर पूरी तरह से सतर्क है, क्योंकि अभी कुछ दिनों से प्रदेश में गर्मी के चलते तापमान में वृद्धि हुई है. जिससे जंगलों में आग लगने की घटनाएं आम हो जाती हैं.

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हिमाचल में फायर सीजन शुरू (ETV Bharat)

वन में आग लगाने पर होगी एफआईआर

डीएफओ धर्मशाला का कहना है कि वनों में आग लगने के दो प्रमुख कारण हैं, एक प्राकृतिक और दूसरा मानवीय कारण है. लंबा ड्राईस्पेल होने की वजह से जंगलों में फैली चीड़ की पत्तियां भी ग्राउंड फायर का कारण बनती हैं. वहीं, दूसरी ओर लोगों में ऐसी अवधारणा है कि चीड़ की पत्तियों को जलाने से अच्छी घास निकलती है, जिस कारण लोग खुद भी चीड़ की पत्तियों को आग लगा देते हैं, जो कि अपराध है. उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति जंगल में आग लगाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी.

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Last Updated : May 21, 2024, 12:08 PM IST
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