पंचकूला: उत्तर भारत समेत हरियाणा में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है. भयंकर गर्मी के चलते आगजनी की घटनाओं में भी बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में पंचकूला के विभिन्न पुलिस थानों में खड़े हजारों लावारिस और केस प्रॉपर्टी बने वाहनों में आग लगने का खतरा मंडरा रहा है. क्योंकि सभी वाहन लंबे से खुले में धूप में खड़े हैं. इस कारण वाहनों में मौजूद बैटरियां फटने की आशंका अधिक रहती है, जो आग लगने का कारण बनती हैं.
सूखी झाड़ियों में एक साथ खड़े हैं वाहन: पंचकूला के लगभग हर पुलिस थाने में लावारिस व केस प्रॉपर्टी बन चुके सैकड़ों वाहन खड़े हैं. कई पुलिस थाने ऐसे भी हैं, जहां सभी वाहन लंबे समय से सूखी झाड़ियों में खड़े हैं. सूखी झाड़ियों व घास-फूस में घर्षण होने से आग लगने का खतरा अधिक रहता है. गर्मी के बीच वाहनों में मौजूद बैटरी फटने से भी आग लगने की आशंका अधिक होती है.
अगर आगजनी की कोई घटना होती है तो एक साथ कई वाहन खाक हो सकते हैं, क्योंकि सभी लावारिस वाहन खुले में एक साथ खड़े हैं. बावजूद इसके जिला पुलिस-प्रशासन द्वारा पुलिस थानों में खड़े इन वाहनों को आग से बचाने के फिलहाल कोई विशेष प्रबंध नहीं है.
सरकारी ऑफिस में खड़ी गाड़ियों में लगी आग: बीते शनिवार इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 स्थित हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के कार्यालय के बाहर मैदान में खड़ी दो सरकारी गाड़ियों में अचानक आग लग गई. क्योंकि लंबे समय से इन गाड़ियों की सुध भी नहीं ली गई थी. अचानक आग लगने से हड़कंप मच गया. दुर्घटना की सूचना पर फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और फायर फाइटर्स ने आग पर काबू पाया.
उन कारों में यदि समय रहते आग पर काबू न पाया जाता, तो बड़ा हादसा होने की आशंका थी. इस दुर्घटना के बाद भी पंचकूला पुलिस-प्रशासन द्वारा पुलिस थानों और अन्य सरकारी ऑफिस में लंबे समय से लावारिस खड़ी गाड़ियों को आग से बचाने के लिए कोई विशेष प्रबंध नहीं किए हैं.
पुलिस थानों में लगे अग्निशमन यंत्र: पंचकूला की डीसीपी हिमाद्री कौशिक ने बताया कि जिले के पुलिस थानों के अंदर अग्निशमन यंत्र लगे हुए हैं. जबकि थानों की जिन खुली जगहों पर ये वाहन खड़े हैं, वहां फिलहाल कोई अग्निशमन यंत्र नहीं लगे और ना ही आग से बचाव के कोई अन्य बंदोबस्त हैं. हालांकि डीसीपी ने बताया कि वाहनों की सरकारी ऑक्शन की जाती है.
वाहनों की सरकारी ऑक्शन की प्रक्रिया: पुलिस थानों में वर्षों से खड़े लावारिस वाहनों और केस प्रॉपर्टी से मुक्त हो चुके वाहनों को यदि उनके मालिक संबंधित मामले खत्म होने पर भी लेने नहीं आते तो पुलिस-प्रशासन द्वारा उनकी ऑक्शन की जाती है. इससे पहले वाहन मालिकों को नोटिस भेजे जाते हैं. डीसीपी पंचकूला, हिमाद्री कौशिक ने बताया की बीते समय कई वाहनों की ऑक्शन की गई थी. हालांकि जिन वाहनों संबंधी केस फिलहाल अदालतों में विचाराधीन हैं, वे पुलिस कब्जे में ही रहेंगे.
वाहन मालिकों को भेजे जाएंगे नोटिस: डीसीपी पंचकूला, हिमाद्रि कौशिक ने बताया कि जल्द ही लावारिस एवं केस प्रॉपर्टी से मुक्त हुए वाहनों के मालिकों को नोटिस जारी जाएंगे. लेकिन यदि कोई तय समय सीमा में वाहनों को लेने नहीं पहुंचा तो वाहनों की ऑक्शन कर दी जाएगी.