देहरादून: उत्तराखंड में हर साल बेशकीमती जंगल आग की भेंट चढ़ रहे हैं. वनाग्नि से निपटने के लिए सरकार भी करोड़ों रुपए का बजट खर्च करती है, लेकिन हमेशा वन विभाग के इंतजाम नाकाफी ही नजर आते हैं. ऐसे में सरकार लगातार नई तकनीक और नए विकल्पों को तलाश रही है. जिससे आग को बुझाने में मदद मिल सके. इसी कड़ी में खास उपकरणों से बनाए फायर बैकपैक के जरिए आग बुझाने की प्रैक्टिस की जा रही है.
दरअसल, सचिवालय में आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा को सीजफायर इंडस्ट्रीज की ओर से विशेष अग्निशमन यंत्र (Fire Extinguisher Machine) की जानकारी दी गई. सीजफायर इंडस्ट्री के प्रतिनिधि अनुराग शर्मा ने बताया कि उनके विशेष तरह के फायर बैकपैक को वाटर मिस्ट एंड कंप्रेसर एयर फॉर्म सिस्टम टेक्नोलॉजी के साथ बनाया गया है. इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से वाटर ड्रॉप्स को माइक्रो पार्टिकल में तोड़ा जाता है.
उसे कम पानी की उपलब्धता में ज्यादा सरफेस पर हाई प्रेशर के साथ एक विशेष प्रकार की फॉर्म को मिलाकर छिड़काव किया जाता है. जो कि बेहद प्रभावी होता है. यह पारंपरिक तरीके से आग बुझाने की तुलना में बेहद कारगर होता है. इससे आग बुझाने में काफी मदद मिलती है.
अनुराग बताते हैं कि एक बैकपैक में 9 लीटर पानी आता है. जिसमें पानी के साथ 6 फीसदी विशेष प्रकार का फॉर्म हाई प्रेशर के साथ भरा जाता है. आग लगने की स्थिति में इसे हाई प्रेशर गन के साथ फायर सरफेस पर छोड़ जाता है. इस दौरान वाटर ड्रॉप्स के माइक्रो पार्टिकल के साथ कंपनी का विशेष प्रकार का फॉर्म आग के ऊपर एक स्ट्रांग ब्लैंकेटिक प्रभाव डालता है. इससे फायर सरफेस से ऑक्सीजन कट जाता है.
इस तरह से यह टेक्नोलॉजी आग बुझाने में बेहद कारगर साबित होती है. उन्होंने बताया कि उनके फायर बैकपैक में लगी प्रेशर गन दो मोड में काम करती है. इसमें एक जीत मोड है, जिसमें 12 मीटर का थ्रो होता है तो वहीं स्प्रे मोड में डेढ़ मीटर के एरिया के साथ 6 मीटर का थ्रो होता है. उन्होंने बताया कि उनकी ओर से उत्तराखंड वन विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग को इसका डेमोंसट्रेशन किया जा चुका है.
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