जोधपुर: मथुरादास माथुर अस्पताल के एक्यूट केअर वार्ड में आग लगने के मामले में एक दिन पहले एपीओ की गई नर्स को अस्पताल अधीक्षक ने मंगलवार देर शाम को वापस बहाल कर दिया. इधर, बुधवार को इस हादसे में झुलसने वाली महिला ने उपचार के दौरान आईसीयू में दम तोड़ दिया.
अस्पताल अधीक्षक डॉ नवीन किशोरिया ने बताया कि जांच कमेटी ने माना है कि वार्ड में बीड़ी पीने की वजह से ही आग लगी थी. उन्होंने कहा कि फिलहाल, हम मानवीय दृष्टिकोण के आधार पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. वे इस सवाल को टाल गए कि इस मामले में जिम्मेदार कौन है? इधर, मृतका के पति का कहना था कि परिजनों में से किसी ने भी वार्ड में बीड़ी नहीं पी थी. तार में स्पार्किंग से आग लगी थी. इसके चलते उसकी पत्नी गंभीर रूप से झुलस गई और उसकी मौत हो गई.
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अस्पताल के पास नहीं है इन सवालों का जवाब: इस बीच अस्पताल प्रशासन की कार्रवाई को लेकर चर्चाओं का दौर भी जारी है. पूछा जा रहा है कि एक्यूट केयर वार्ड में सिक्योरिटी गार्ड था तो बीड़ी पीने वाला पकड़ा क्यों नहीं गया? नर्सिंग स्टाफ व वहां कार्यरत डॉक्टर्स व अन्य लोगों को बीड़ी की दुर्गंध क्यों नहीं आई? छह दिन से महिला यहां भर्ती है, यदि पति आदतन बीड़ी पीने वाला है तो पता क्यों नहीं चला? बीड़ी यदि पीकर वहीं फेंकता है तो सफाई में बीड़ी क्यों नहीं मिली?
डिस्कॉम ठेकाकर्मी की मौत को लेकर घेराव: जोधपुर के निकट सालावास बिजली घर में मंगलवार को लिफ्टर का काम करने वाले ठेका कर्मी सुभाष विश्नोई की करंट लगने से मौत हो गई. इसके बाद मौके पर काफी विवाद हुआ. उसका शव एमडीएम अस्पताल की मोर्चरी में रखवा गया. इधर, मौत से गुस्साए परिजनों का बुधवार को मोर्चरी पर जमावड़ा लग गया. उपजिला प्रमुख विक्रम विश्नोई अस्पताल पहुंचे. उन्होंने डिस्कॉम से मुआवजा दिलवाने के लिए एमडी कार्यालय के घेराव करने का ऐलान किया. इसके बाद लोगों की भीड़ अस्पताल से डिस्कॉम कार्यालय के लिए रवाना हुई.