पटनाः पटना हाई कोर्ट ने राजद सुप्रीमो लालू यादव के साले पूर्व राज्यसभा सदस्य सुभाष प्रसाद उर्फ सुभाष यादव दर्ज केस दो रद्द कर दिया है. MP MLA कोर्ट से सुभाष यादव को जमानत दे दिया गया है. बिहटा थाने में रंगदारी व जमीन रजिस्ट्री के बाद रुपए हड़पने के एक मामले में सुभाष यादव पर केस दर्ज किया गया था.
धोखाधड़ी का केस दर्जः जस्टिस विवेक चौधरी ने सुभाष यादव द्वारा दायर आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिए. आरोपित पर धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात व रंगदारी से संबंधित बिहटा थाना कांड संख्या 425/2023 दर्ज किया गया था. शिकायतकर्ता भीम वर्मा का आरोप था कि अरुण कुमार उर्फ मुंशी उर्फ मुखिया ने उनके पिता सुरेश वर्मा से एक भूखंड का एग्रीमेंट कराया था.
जबरन रजिस्ट्री कराने का आरोपः तीन वर्ष बाद भी उसने रजिस्ट्री नहीं करवाई. उनके पास ही एग्रीमेंट का मूल कागज भी था. 27 फरवरी 2021 को सुभाष यादव ने भीम को फोन कर माता-पिता को आवास पर लाने के लिए कहा. वहां अरुण पहले से मौजूद था. अरुण की सहमति पर भीम ने अपनी मां व पिता से पूर्व सांसद की पत्नी रेणु देवी के नाम जमीन की रजिस्ट्री करा दी.
जमीन का रुपए छीनने का आरोपः भीम वर्मा का आरोप था कि बाद में जमीन की एवज में मिले 60 लाख 50 हजार रुपये पूर्व सांसद और उनके लोगों ने बंदूक की नोक पर वापस ले लिए. उन पर आरोप लगाया गया था कि अब जमीन का मालिकाना भी उनके पास हैं. तथ्यों का अवलोकन कर अदालत ने यह पाया कि मामला यह मामला जमीनी विवाद से जुड़ा है.
'आपराधिक रंग देने की कोशिश': कोर्ट ने कहा कि इस जमीन विवाद के मामले को आपराधिक रंग देने की कोशिश की गई है. इसलिए सुभाष यादव पर दर्ज केस को रद्द कर दिया गया है. तथ्यों के आधार पर अदालत ने बिहटा थाना में कांड संख्या 425/2023 को निरस्त कर दिया.
13 फरवरी को किया था सरेंडरः आपको बता दें कि 13 फरवरी को इस मामले में पटना पुलिस सुभाष यादव के घर कुर्की जब्ती करने के लिए पहुंची थी. इसके बाद सुभाष यादव ने कोर्ट में खुद को सरेंडर कर दिया था. अब सुभाष यादव को कोर्ट ने जमानत दे दिया है.
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