शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 13 दिसंबर को शिमला जिले के दुर्गम इलाके कुपवी पहुंचे और यहां टिकरी गांव में रात्रि ठहराव किया था. स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल और पार्टी के स्थानीय नेताओं के साथ अधिकारी भी मौजूद थे. यहां पर सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो और मैन्यू में ये दावा किया गया था कि सीएम और उनके साथ मौजूद मेहमानों को भोजन में संरक्षित प्रजाति का मुर्गा परोसा गया. वीडियो वायरल होने के बाद विपक्ष ने सरकार को घेरा जबकि, फेसबुक और सोशल मीडिया पर जमकर लोगों ने मीम भी शेयर किए.
जंगली मुर्गा परोसे जाने की ये खबर जंगल में लगी आग की तरह देशभर में फैल गई. कुछ लोग और विपक्ष के नेता मुर्गा परोसने और खाने वालों पर एफआईआर की मांग करने लगे. अब ग्रामीणों ने इस मामले पर कुपवी थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है. कुपवी की ग्राम पंचायत कुलग की प्रधान सुमन चौहान, टिक्कर गांव के अन्य लोगों ने पुलिस में लिखित शिकायत देते हुए बताया कि, '13 दिसंबर को उनके टिक्कर गांव में एक विशेष अतिथि आए थे, जिनके स्वागत के लिए गांव की महिलाओं ने पारंपरिक भोजन तैयार किया था, लेकिन सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया में एक फर्जी मेन्यू प्रकाशित और प्रसारित किया गया. मीडिया में इस भ्रामक प्रचार के कारण पारंपरिक भोजन और संस्कृति को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया गया है. इस कारण से पूरे गांव और समुदाय में गहरा रोष है. इसके अलावा, जिस जंगली जानवर के बारे में चर्चा हो रही है, वो इस क्षेत्र में पाया ही नहीं जाता है. जो भी लोग और मीडिया इस क्षेत्र/समुदाय के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.'
क्या था सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में?
मुख्यमंत्री के डिनर से जुड़ा जो विडियो वायरल हो रहा है उसमें दिख रहा है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू, कैबिनेट मंत्री धनीराम शांडिल व अन्य लोग जमीन पर बैठकर खाना खा रहे हैं. इतने में एक शख्स कुछ परोसने के लिए लाता है.
परोसने वाला- ये जंगली मुर्गा है
सीएम सुक्खू- जंगली मुर्गा है, इनको दो ना जंगली मुर्गा, हमने थोड़ी खाना है यार
सीएम सुक्खू - कर्नल साहब खाते हैं (धनीराम शांडिल की ओर इशारा करते हुए)
धनीराम शांडिल नहीं बोलते हैं और मना कर देते हैं
सीएम सुक्खू- वेज हैं सारे (पूछते हुए)... कोई नहीं है नॉनवेज ?... किमटा जी होंगे नॉनवेज
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था मैन्यू
इस वीडियो के साथ एक मैन्यू भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें ये दावा किया गया था कि सीएम के डिनर कार्यक्रम में जंगली मुर्गा परोसा गया. मैन्यू में जंगली मुर्गा भी लिखा गया था. इसी मैन्यू को लेकर अब ग्रामीणों ने दुष्प्रचार का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है और एफआईआर दर्ज करवाई है.
जयराम ठाकुर ने भी साधा था निशाना
वहीं, विपक्ष के नेताओं सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा और नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने इस वीडियो और मैन्यू को लेकर सीएम सुक्खू पर निशाना साधा था. नेता विपक्ष जयराम ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा था कि, 'जनता के घर द्वार जाकर लोगों की समस्याओं के निराकरण करने की हमारी योजना ‘जनमंच’ के फुलके जिन्हे खल रहे थे वो आज गांव-गांव जा कर पिकनिक मना रहे हैं और क्या कर रहे हैं जनता सब देख रही है. संरक्षित प्रजाति के जंगली मुर्गा खाने वालों को जेल होती है, जुर्माना होता है लेकिन मुख्यमंत्री महोदय मुर्गा खिलाने का पहले मेन्यू छपवाते हैं और फिर अपने मंत्रियों को अपने सामने चटखारे ले लेकर खिलाते हैं. क्या यही व्यवस्था परिवर्तन है?
जनता के घर द्वार जाकर लोगों की समस्याओं के निराकरण करने की हमारी योजना ‘जनमंच’ के फुलके जिन्हे खल रहे थे वह आज गाँव गाँव जा कर पिकनिक मना रहे हैं और क्या कर रहे है जनता सब देख रही है 🧐
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) December 14, 2024
संरक्षित प्रजाति के जंगली मुर्गा खाने वालों को जेल होती है, जुर्माना होता है लेकिन… pic.twitter.com/NjtN0iDjXN
सीएम सुक्खू ने दी थी सफाई
इस पूरे विवाद पर हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आगे आकर पूरी सफाई दी. सीएम सुक्खू ने कहा कि 'स्वास्थ्य कारणों से मैं तेलयुक्त व्यंजन और नॉनवेज दोनों से परहेज़ करता हूं, लेकिन जयराम जी को कोई मुद्दा नहीं मिला तो उन्होंने हमारे ग्रामवासियों को बदनाम करने का रास्ता चुन लिया. विपक्ष के नेताओं के पास अब कोई मुद्दा नहीं है, बस ग्रामवासियों की छवि खराब करने का काम करते हैं. ग्रामीणों ने देसी मुर्गा बनाया था लेकिन हम खाते नहीं है, लेकिन नॉनवेज भोजन पहाड़ के जीवन का अहम हिस्सा है और जयराम जी इस पर बयान दे रहे हैं. जो बताता है कि उनके पास कोई मुद्दा नहीं बचा है.'