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उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव पर शिमला में मुकदमा दर्ज, षड्यंत्र रचकर हिमाचल में कांग्रेस की सरकार गिराने का आरोप - FIR against RaKesh Sharma

FIR against Uttarakhand Former CS Rakesh Sharma हिमाचल प्रदेश में चल रही राजनीतिक उथल पुथल में उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव राकेश शर्मा का नाम भी सामने आया गया है. हिमाचल के शिमला जिले में उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव राकेश शर्मा के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. पूर्व मुख्य सचिव राकेश शर्मा पर राज्यसभा चुनाव में वोटों की खरीद फरोख्त करने और करोड़ों के लेन देन के आरोप लगाए हैं. पूर्व मुख्य सचिव राकेश शर्मा के बेटे चैतन्य शर्मा कांग्रेस के बागी विधायक है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 11, 2024, 12:59 PM IST

शिमला/देहरादून: हिमाचल प्रदेश की सियासत में एक और मोड़ आ गया है. राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग करना अब कानूनी परिस्थितियों में उलझ गया है. इस संबंध में शिमला पुलिस में FIR दर्ज की है. इसके अनुसार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग पर एक विधायक और एक विधायक के पिता पर एफआईआर दर्ज की गई है, जिस विधायक के पिता पर FIR दर्ज हुई है, जो उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव भी रह चुके हैं.

दरअसल, हमीरपुर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा और गगरेट के बागी विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा पर राज्यसभा चुनाव में वोटों की खरीद फरोख्त करने और करोड़ों के लेन-देन के आरोप लगाए हैं. राकेश शर्मा उत्तराखंड के मुख्य सचिव रह चुके हैं.

मामले की शिकायत विधायक संजय अवस्थी और विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने शिमला के पुलिस थाना बालूगंज में दर्ज करवाई है. पुलिस को दी शिकायत में विधायक संजय अवस्थी और विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने हमीरपुर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा और गगरेट के विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा पर राज्यसभा चुनाव में वोटों की खरीद फरोख्त करने और करोड़ों के लेन देन के आरोप लगाए हैं.

इतना ही नहीं, विधायक संजय अवस्थी और विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने गैर कानूनी तरीके से सरकार गिराने और विधायकों के पांच से सात सितारा होटलों में रहने की व्यवस्था करने और हेलीकॉप्टर से बागी विधायकों को ले जाने के आरोप भी लगाए हैं. पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया गया है कि गगरेट के विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा उत्तराखंड में उच्च अधिकारी के पद पर रहे हैं और उन्होंने सरकार गिराने के लिए षड्यंत्र रचा है.

राज्यसभा चुनाव में वोटों की खरीद फरोख्त करने व करोड़ों के लेन-देन के आरोपों के इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है. पुलिस थाना बालूगंज में आरोपियों के खिलाफ 171 सी और ई, 120बी आईपीसी एवं पीसी एक्ट की धारा 7 और 8 के तहत मामला दर्ज किया गया है. शिमला पुलिस का पूरे मामले की गहनता से जांच कर ही है. हालांकि, पुलिस के अधिकारी इस पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं.

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शिमला/देहरादून: हिमाचल प्रदेश की सियासत में एक और मोड़ आ गया है. राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग करना अब कानूनी परिस्थितियों में उलझ गया है. इस संबंध में शिमला पुलिस में FIR दर्ज की है. इसके अनुसार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग पर एक विधायक और एक विधायक के पिता पर एफआईआर दर्ज की गई है, जिस विधायक के पिता पर FIR दर्ज हुई है, जो उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव भी रह चुके हैं.

दरअसल, हमीरपुर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा और गगरेट के बागी विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा पर राज्यसभा चुनाव में वोटों की खरीद फरोख्त करने और करोड़ों के लेन-देन के आरोप लगाए हैं. राकेश शर्मा उत्तराखंड के मुख्य सचिव रह चुके हैं.

मामले की शिकायत विधायक संजय अवस्थी और विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने शिमला के पुलिस थाना बालूगंज में दर्ज करवाई है. पुलिस को दी शिकायत में विधायक संजय अवस्थी और विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने हमीरपुर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा और गगरेट के विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा पर राज्यसभा चुनाव में वोटों की खरीद फरोख्त करने और करोड़ों के लेन देन के आरोप लगाए हैं.

इतना ही नहीं, विधायक संजय अवस्थी और विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने गैर कानूनी तरीके से सरकार गिराने और विधायकों के पांच से सात सितारा होटलों में रहने की व्यवस्था करने और हेलीकॉप्टर से बागी विधायकों को ले जाने के आरोप भी लगाए हैं. पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया गया है कि गगरेट के विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा उत्तराखंड में उच्च अधिकारी के पद पर रहे हैं और उन्होंने सरकार गिराने के लिए षड्यंत्र रचा है.

राज्यसभा चुनाव में वोटों की खरीद फरोख्त करने व करोड़ों के लेन-देन के आरोपों के इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है. पुलिस थाना बालूगंज में आरोपियों के खिलाफ 171 सी और ई, 120बी आईपीसी एवं पीसी एक्ट की धारा 7 और 8 के तहत मामला दर्ज किया गया है. शिमला पुलिस का पूरे मामले की गहनता से जांच कर ही है. हालांकि, पुलिस के अधिकारी इस पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं.

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