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बाघ से भिड़ने वाले अंकित को मदद की दरकार, पिता बोले- अपनी किडनी बेचकर करवाऊंगा इलाज - Tiger Attack Injured Ankit Help

Ankit Injured Tiger Attack in Ramnagar बाघ के मुंह में हाथ डालकर जीभ खींचकर अपनी जान बचाने वाले अंकित को मदद की जरूरत है. अंकित के इलाज में लाखों रुपए खर्च हो चुके हैं. अब सिर की सर्जरी होनी है, लेकिन इलाज के लिए पैसे नहीं है. ऐसे में उनके पिता लाचार हो गए हैं. उनके पिता का कहना है कि अगर कहीं से मदद नहीं मिली तो वो अपनी किडनी बेचकर इलाज कराएंगे.

Tiger Attack Injured Ankit Help
घायल अंकित को मदद की दरकार (फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 9, 2024, 8:20 PM IST

Updated : Aug 9, 2024, 9:12 PM IST

बाघ से भिड़ने वाले अंकित को मदद की दरकार (वीडियो- ETV Bharat)

रामनगर: बाघ के हमले में घायल अंकित को मदद की दरकार है. अंकित के परिजनों का आरोप है कि सरकार से इलाज के लिए मदद नहीं मिल रही है. अब अंकित के सिर और अंगूठे का ऑपरेशन होना है. ऐसे में अंकित के पिता का कहना है कि अगर सरकार ने मदद नहीं की तो वो अपनी किडनी बेचकर बेटे का इलाज कराएंगे. उन्होंने बताया कि वो कई अस्पतालों में उसका इलाज करा चुके हैं, जिसमें 6-7 लाख रुपए का कर्ज हो चुका है. अब उनके पास कुछ भी नहीं बचा है.

बता दें कि 2 नवंबर 2023 को नैनीताल जिले के रामनगर के मालधन क्षेत्र में रहने वाले दसवीं का छात्र अंकित (उम्र 17 वर्ष) अपने एक अन्य दोस्त के साथ स्कूल के लिए रामनगर आ रहा था. तभी अंकित पर बाघ ने हमला कर दिया. जिसमें वो बाघ से संघर्ष करते हुए गंभीर रूप से घायल हो गया था. अंकित ने बताया कि जब बाघ ने उस पर हमला किया तो वो घबरा गया था, लेकिन उसने खुद को संभालते हुए सबसे पहले बाघ के मुंह में हाथ डाला और उसकी जीभ खींच डाली.

इसके बाद उसने बाघ के दांत तोड़ने की कोशिश की. इससे बाघ डरकर मौके से भाग गया. बाघ के भागने के बाद अंकित ने राहत की सांस ली, लेकिन बाघ के हमले में उसके सिर और अंगूठे पर गंभीर चोटें आई. अंकित ने बताया कि उसके पिता ने घर का सब कुछ बेचकर दिल्ली और गुरुग्राम में उसका इलाज करवाया, लेकिन अब उनकी क्षमता नहीं कि वो उसके सिर की सर्जरी और हाथ के अंगूठे का ऑपरेशन करा पाएं.

अंकित के पिता बोले- बेटे के इलाज के लिए नहीं बची हिम्मत, किडनी बेचना ही एकमात्र रास्ता: वहीं, अंकित के पिता सूरज सिंह ने कहा कि उनको सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है, सिर्फ वादा मिला. उन्होंने कहा कि अब उनकी हिम्मत नहीं कि वो बेटे का इलाज करवा पाए. क्योंकि, वो सब कुछ बेच चुके हैं. अगर सरकार से मदद नहीं मिली तो वो अपने बेटे का इलाज कराने के लिए अपनी किडनी तक बेचेंगे और उससे अपने बेटे का इलाज करवाएंगे.

उधर, संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य मुनीष कुमार अग्रवाल ने कहा कि यह विडंबना है कि स्थानीय प्रशासन, वन विभाग की ओर से बाघ के हमले में गंभीर रूप से घायल अंकित के इलाज के लिए धनराशि नहीं दी गई. जो दी गई वो केवल मात्र ₹50000 की धनराशि थी. उन्होंने कहा कि आज उसी को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले तहसील परिसर में धरना दिया गया है. साथ ही विभिन्न मांगों के साथ ही बाघ के हमले में घायल अंकित का इलाज और परिवार की मदद को लेकर रामनगर तहसीलदार कुलदीप पांडे को ज्ञापन सौंपा है.

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बाघ से भिड़ने वाले अंकित को मदद की दरकार (वीडियो- ETV Bharat)

रामनगर: बाघ के हमले में घायल अंकित को मदद की दरकार है. अंकित के परिजनों का आरोप है कि सरकार से इलाज के लिए मदद नहीं मिल रही है. अब अंकित के सिर और अंगूठे का ऑपरेशन होना है. ऐसे में अंकित के पिता का कहना है कि अगर सरकार ने मदद नहीं की तो वो अपनी किडनी बेचकर बेटे का इलाज कराएंगे. उन्होंने बताया कि वो कई अस्पतालों में उसका इलाज करा चुके हैं, जिसमें 6-7 लाख रुपए का कर्ज हो चुका है. अब उनके पास कुछ भी नहीं बचा है.

बता दें कि 2 नवंबर 2023 को नैनीताल जिले के रामनगर के मालधन क्षेत्र में रहने वाले दसवीं का छात्र अंकित (उम्र 17 वर्ष) अपने एक अन्य दोस्त के साथ स्कूल के लिए रामनगर आ रहा था. तभी अंकित पर बाघ ने हमला कर दिया. जिसमें वो बाघ से संघर्ष करते हुए गंभीर रूप से घायल हो गया था. अंकित ने बताया कि जब बाघ ने उस पर हमला किया तो वो घबरा गया था, लेकिन उसने खुद को संभालते हुए सबसे पहले बाघ के मुंह में हाथ डाला और उसकी जीभ खींच डाली.

इसके बाद उसने बाघ के दांत तोड़ने की कोशिश की. इससे बाघ डरकर मौके से भाग गया. बाघ के भागने के बाद अंकित ने राहत की सांस ली, लेकिन बाघ के हमले में उसके सिर और अंगूठे पर गंभीर चोटें आई. अंकित ने बताया कि उसके पिता ने घर का सब कुछ बेचकर दिल्ली और गुरुग्राम में उसका इलाज करवाया, लेकिन अब उनकी क्षमता नहीं कि वो उसके सिर की सर्जरी और हाथ के अंगूठे का ऑपरेशन करा पाएं.

अंकित के पिता बोले- बेटे के इलाज के लिए नहीं बची हिम्मत, किडनी बेचना ही एकमात्र रास्ता: वहीं, अंकित के पिता सूरज सिंह ने कहा कि उनको सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है, सिर्फ वादा मिला. उन्होंने कहा कि अब उनकी हिम्मत नहीं कि वो बेटे का इलाज करवा पाए. क्योंकि, वो सब कुछ बेच चुके हैं. अगर सरकार से मदद नहीं मिली तो वो अपने बेटे का इलाज कराने के लिए अपनी किडनी तक बेचेंगे और उससे अपने बेटे का इलाज करवाएंगे.

उधर, संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य मुनीष कुमार अग्रवाल ने कहा कि यह विडंबना है कि स्थानीय प्रशासन, वन विभाग की ओर से बाघ के हमले में गंभीर रूप से घायल अंकित के इलाज के लिए धनराशि नहीं दी गई. जो दी गई वो केवल मात्र ₹50000 की धनराशि थी. उन्होंने कहा कि आज उसी को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले तहसील परिसर में धरना दिया गया है. साथ ही विभिन्न मांगों के साथ ही बाघ के हमले में घायल अंकित का इलाज और परिवार की मदद को लेकर रामनगर तहसीलदार कुलदीप पांडे को ज्ञापन सौंपा है.

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Last Updated : Aug 9, 2024, 9:12 PM IST
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