शिमला: हिमाचल में वित्तीय संकट से जूझ रही सुक्खू सरकार के लिए केंद्र से पंद्रहवें वित्त आयोग की सिफारिशों के तहत पंचायती राज संस्थाओं के लिए 99.6 करोड़ रुपये का अनुदान मंजूर किया है.
इससे प्रदेश सरकार की वित्तीय सेहत में कुछ सुधार होने की उम्मीद है. पंद्रहवें वित्त आयोग की सिफारिशों के तहत केंद्र से मिलने वाली इस राशि को दस दिनों के अंदर पंचायती राज संस्थाओं को आवंटित करना होगा.
केंद्र की इस शर्त की पालना न करने पर प्रदेश सरकार को पंद्रहवें वित्त आयोग के तहत मिलने वाली राशि पर ब्याज चुकाना होगा. केंद्र सरकार से मिलने वाली इस राशि को ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता और जल आपूर्ति के सुधार पर खर्च किया जाएगा.
पंद्रहवें वित्त आयोग के पैसे से ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक स्वच्छता पर ध्यान दिया जाएगा. इसके तहत पंचायतों को खुले में शौच मुक्त किया जाएगा. हालांकि प्रदेश में अधिकतर पंचायतें पहले ही खुला शौच मुक्त हो चुकी हैं.
इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में घरों से निकलने वाले कचरे को ठिकाने लगाए जाने की व्यवस्था की जाएगी. पीने के पानी की स्वच्छता की दिशा में काम किया जाएगा. बारिश का पानी बेकार बहकर बर्बाद न हो. इसके लिए बारिश के पानी का संग्रहण किया जाएगा ताकि गर्मियों के सीजन में पानी की कमी पर इसका उचित प्रयोग किया जा सके.
इससे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता और स्वच्छ पेयजल सुविधाओं में बहुत अधिक सुधार आने की उम्मीद है. पंद्रहवें वित्त आयोग कि ये धनराशि राज्य सरकार को एक किस्त में वितरित की जाएगी.
राज्य वित्त विभाग को इन निधियों को राज्य के भीतर सामान्य क्षेत्रों और बहिष्कृत क्षेत्रों को आवंटित करने का अधिकार है. धन राशि का ये आवंटन क्षेत्र और जनसंख्या के आधार पर 90 फीसदी और 10 फीसदी के आधार पर किया जाएगा जिसके मुताबिक ही इस पैसे को पंचायतों में मूलभूत सुविधाएं जुटाने पर खर्च किया जाएगा.
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