नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में सर्विस के प्रोबेशन काल में महिला शिक्षिकाओं को मातृत्व अवकाश मिलेगा. विश्वविद्यालय ने एक सकुर्लर जारी कर कहा कि मातृत्व अवकाश में प्रोबेशन अवधि पर कोई असर नहीं पड़ेगा. मातृत्व अवकाश के समय प्रोबेशन अवधि के समय को भी सर्विस में जोड़ा जाएगा तथा प्रमोशन के समय वह अवधि जुड़ेगी. हाल में ही विभिन्न विभागों-कॉलेजों में स्थायी हुई सहायक प्रोफेसर के पदों पर महिला शिक्षिकाओं द्वारा प्रोबेशन अवधि के दौरान मातृत्व अवकाश लेने को लेकर कॉलेजों व विवि के बीच पत्राचार चल रहा था। जिस पर विवि ने सर्कुलर जारी कर विराम लगा दिया है.
फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ने महिला शिक्षिकाओं को प्रोबेशन अवधि में दिए जा रहे मातृत्व अवकाश पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा है कि विश्वविद्यालय का यह स्वागत योग्य कदम है. फोरम के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि विश्वविद्यालय द्वारा जारी कॉलेजों को सर्कुलर में कहा गया है कि दो से कम जीवित बच्चों वाली स्थायी महिला शिक्षिका और गैर शिक्षण कर्मचारियों को चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर 180 दिनों से अधिक की अवधि के लिए पूर्ण वेतन पर मातृत्व अवकाश दिया जा सकता है. यह भी स्पष्ट किया है कि पूरे करियर में दो बार इसका लाभ दिया जाएगा. साथ ही इस संबंध में निर्धारित नियमों के अनुसार छुट्टी खाते से डेबिट नहीं किया जाएगा.
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डॉ. हंसराज सुमन ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय में एक दशक बाद विभागों व कॉलेजों में लगभग 4600 स्थायी सहायक प्रोफेसर शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. इन नियुक्तियों में अधिकतर महिला शिक्षिकायें शामिल हैं. स्थायी नियुक्ति के पश्चात कुछ महिला शिक्षिकाओं की ओर से मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन किया तो उनकी छुट्टी को प्रोबेशन अवधि में न जोड़े जाने पर दिल्ली विश्वविद्यालय में शिकायत की थी. महिला शिक्षिकाओं की शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए उसके उत्तर में डीयू के डिप्टी रजिस्ट्रार (कॉलेजिज) ने कॉलेज प्राचार्यो, संस्थानों के निदेशक को सर्कुलर जारी कर कहा है कि स्थायी महिला शिक्षिकाओं के लिए प्रोबेशन के दौरान मातृत्व अवकाश का समय प्रोबेशन अवधि में जुड़ेगा.
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