जयपुर : एमएनआईटी में एक बार फिर से पैंथर पिंजरे में कैद हुआ है. एमएनआईटी में पिछले कुछ दिनों से पैंथर का खौफ बना हुआ था. एमएनआईटी परिसर में छात्रों ने पैंथर घूमता हुआ देखकर वन विभाग को सूचना दी थी, जिसके बाद वन विभाग की ओर से पिंजरा लगाया गया था. इससे पहले भी एक पैंथर का रेस्क्यू भी किया गया था. रविवार को दूसरा पैंथर भी वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गया है. वन विभाग की टीम ने पैंथर को रेस्क्यू करके वापस जंगल में रिलीज कर दिया है.
4 सितंबर को एक मेल पैंथर का रेस्क्यू : डीएफओ जगदीश गुप्ता के मुताबिक जेएलएन मार्ग पर स्थित एमएनआईटी में पैंथर के मूवमेंट को देखते हुए वन विभाग की ओर से पिछले दिनों पिंजरा लगाया गया था. मादा पैंथर के साथ उसके शावकों के मूवमेंट को देखते हुए तीन पिंजरे और कैमरा ट्रैप लगाए गए थे. इस दौरान पैंथर को पकड़ने के लिए भोजन भी पिंजरे में लगाया गया था. पिंजरा और कैमरा ट्रैप लगाने के साथ ही वन विभाग की टीम भी लगातार निगरानी रख रही थी. 4 सितंबर को एक मेल पैंथर का रेस्क्यू करके जंगल में रिलीज कर दिया गया था, जिसके बाद एक और पैंथर के मूवमेंट होने की आशंका को देखते हुए पिंजरे को लगाए रखा. पिंजरे में शनिवार देर रात को एक फीमेल पैंथर कैद हो गई.
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वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अशोक तंवर, रेंजर जगदीश शर्मा, सहायक वनपाल कृष्ण कुमार मीणा, राजेंद्र सिंह समेत वन विभाग की टीम लगातार एमएनआईटी में मॉनिटरिंग कर रही थी. भोजन के लालच में पैंथर पिंजरे में कैद हो गया. पिंजरे में कैद हुए पैंथर को नाहरगढ़ जंगल में रिलीज कर दिया गया है. : जगदीश गुप्ता, डीएफओ
जानकारी के मुताबिक एमएनआईटी के पास झालाना का जंगल पड़ता है, जहां पर काफी संख्या में पैंथर हैं. पैंथर जंगल से भोजन पानी की तलाश में आबादी क्षेत्र की तरफ आ जाते हैं. पिछले करीब 15-20 दिन पहले एमएनआईटी में पैंथर को देखा गया था, जिसके बाद एमएनआईटी परिसर में दहशत का माहौल बन गया. मामले की जानकारी वन विभाग को मिलने के बाद एमएनआईटी में पैंथर की तलाश की जा रही थी. तीन पिंजरे अलग-अलग जगह पर लगाए गए. साथ ही निगरानी के लिए कैमरा ट्रैप भी लगाए गए. एमएनआईटी से अब तक दो पैंथर रेस्क्यू कर लिए गए है.