करनाल: शहर के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर पर महिला सफाई कर्मचारी को थप्पड़ मारने और बदतमीजी करने का आरोप लगा है. दरअसल, अस्पताल में बुधवार को एक गर्भवती महिला की डिलीवरी हुई थी. डिलीवरी के दौरान बच्चा कूड़ेदान में गिर गया था, जहां मौजूद महिला सफाई कर्मचारी ने उसे तुरंत उठा लिया. महिला सफाई कर्मचारी का आरोप है कि इस पर महिला डॉक्टर उस पर भड़क उठी और आते ही उसने थप्पड़ रख दिया. उसके साथ बदसलूकी की गई.
महिला डॉक्टर ने मांगी माफी : बता दें कि इस घटना के बाद मेडिकल कॉलेज के अन्य कर्मचारियों का भी गुस्सा फूट पड़ा और सफाई कर्मचारियों ने हंगामा कर दिया. महिला डॉक्टर ने सफाई कर्मचारी की शिकायत डायरेक्टर ऑफिस में भी कर दी थी, जिसके बाद कर्मचारी भी डायरेक्टर से मिलने के लिए पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया. दोपहर बाद महिला डॉक्टर ने कर्मचारियों से माफी मांगी. जिसके बाद सभी कर्मचारी अपने काम पर लौट गए.
"डॉक्टर बोलीं - बच्चा मर जाता तो मैं जवाब देती" : पीड़ित महिला सफाई कर्मचारी ने जानकारी देते हुए बताया कि हमारी लेबर रूम में नाइट ड्यूटी थी. एक गर्भवती महिला की डिलीवरी के दौरान बच्चा डस्टबीन में गिर गया था. वहां पर उस वक्त कोई भी डॉक्टर नहीं था. हम 3 महिला कर्मचारी लेबर रूम में थे. मैंने वह बच्चा डस्टबीन से उठाया. तभी डॉक्टर मनीषा आई और मुझसे ही सवाल करने लगी कि तुमने डस्टबीन से बच्चा क्यों उठाया. मैंने कहा कि अगर नहीं उठाती तो बच्चा मर जाता. डॉक्टर का जवाब था कि अगर मर जाता तो मैं जवाब देती, तू मेरे ऊपर कौनसी एचओडी लगी हुई है. इसके बाद डॉक्टर ने महिला को थप्पड़ मार दिया.
डॉक्टर की हेल्प के लिए खड़ी रहती है सफाई कर्मचारी : डायरेक्टर ऑफिस के बाहर ही महिला सफाई कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था और महिला डॉक्टर के खिलाफ नारेबाजी भी की. सफाई कर्मचारियों का कहना है कि डॉक्टरों की हेल्प के लिए हम खड़े होते है. बच्चा पैदा करवाने के बाद डॉक्टर लेबर रूम से निकलकर बाहर घूमने के लिए निकल जाती है. अगर बच्चा डस्टबीन में गिरा था और कर्मचारी ने बच्चा बाहर निकाल दिया तो कौन सी गलती कर दी? थप्पड़ मारना गलत है.
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