श्योपुर। एमपी के श्योपुर में स्थित कूनो अभ्यारण्य से निकली मादा चीता वीरा का मूवमेंट मुरैना के जौरा क्षेत्र में देखने को मिल रहा है. यहां मादा चीता वीरा ने एक किसान की बकरी का शिकार किया है. इस बात की सूचना मिलने के बाद से ही चीता मित्र समेत स्वास्थ्य विभाग की टीम मादा चीता को ट्रेस करने के लिए जंगलों की खाक छान रही.
मादा चीता मुरैना जिले में लोगों की हालत पतली है, लोग घबराए हुए हैं, क्योंकि इस क्षेत्र में श्योपुर के कूनो अभयारण्य से निकली मादा चीता वीरा का मूवमेंट देखने को मिला है. मादा चीता गांव में है, जिसकी पुष्टि एक ग्रामीण ने की है. चीता वीरा ने नरहेला के ग्रामीण ऋषिकेश बघेल की बकरी को शिकार बनाया है. ऋषिकेश बघेल ने बताया कि '4-5 दिनों से चीता इलाके में घूम रही है.'
चरवाहे के दो बकरियों का शिकार
ग्रामीण चरवाहे ऋषिकेश ने बताया कि 'ये चीता बीते दिन भी गांव के पास थी, लेकिन वन विभाग वालों ने कोई जानकारी नहीं दी. इसलिए जब वह अपनी बकरियां चराने गया तो मादा चीता ने उसके सामने ही उसकी एक बकरी को अपना शिकार बना लिया था. ऋषिकेश ने बताया कि उसके सामने ही चीता ने बकरी को शिकार बनाया. जिसे देखकर वह मौके से भाग खड़ा हुआ और वन विभाग को जानकाी दी. जानकारी के बाद वन विभाग ने चरवाहे को इस और आने से रोक दिया था, लेकिन शुक्रवार को एक बार फिर मादा चीता ने इसी चरवाहे की एक और बकरी का शिकार कर लिया. इसके बाद से ही गांव के लोग डरे हुए हैं.
वहीं मुरैना जिले के नरहेला के ग्रामीणों का कहना है कि 'मादा चीता को खेतो के आसपास देखने के बाद से हमारी खेत में जाने की हिम्मत नहीं हो रही है. जबकि खेत में फसल काटने का यह समय है.
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वन विभाग ने की ग्रामीणों से अपील
वहीं वन विभाग के डीएफओ स्वरूप दीक्षित का कहना है कि, 'एक मादा चीता मुरैना वन मण्डल में आ चुकी है. उसने दो बकरियों का शिकार किया है, हालांकि उस चरवाहे को मुआवजा दे दिया गया है, लेकिन लोगों से अपील की है कि चीता शांत स्वभाव का प्राणी है. वह इंसानों पर अटैक नहीं करता है. साथ ही जिला वन अधिकारी ने लोगों से यह भी अपील की है कि, "गांव में जो भी खुले कुएं या खेतों पर की गई है, उसे फिलहाल के लिए हटा दें. जिससे की मूवमेंट के दौरान चीता को कोई नुकसान ना हो क्योंकि, इन्हें सुरक्षित रखना भी हम सबकी ज़िम्मेदारी है"